Last Updated:October 30, 2025, 09:05 IST
देसी तेजस फाइटर जेट की डिलिवरी फिर टल गई है.Tejas Mk1A Update: लड़ाकू विमानों की भारी कमी से जूझ रही इंडियन एयरफोर्स के लिए एक और बुरी खबर आई है. इस वक्त एयरफोर्स के पास केवल 29 फाइटर जेट स्क्वाड्रन बचे हैं जबकि उसके जरूरत कम से कम 42 स्क्वाड्रन की है. यानी चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों से हर समय खतरे का सामना कर रही भारतीय वायुसेना के पास एक-दो नहीं बल्कि 13 स्क्वाड्रन की कमी है. एक स्क्वाड्रन में करीब 18 विमान होते हैं.य यानी एयरफोर्स को तुरंत करीब 230 फाइटर जेट्स चाहिए. लेकिन, इसकी आपूर्ति की अभी कोई पुख्ता रूपरेखा नहीं दिख रही है.
एयरफोर्स ने 2021 में एचएएल के साथ 84 देसी फाइटर जेट तेजस एमके1ए (Tejas Mk1A) के लिए सौदा किया था. लेकिन, 2025 बीतने को है. एयरफोर्स को अभी तक एक भी फाइटर जेट नहीं मिला है.
एचएएल ने बीते दिनों जल्द ही तेजस एमके1ए की डिलिवरी शुरू करने की बात कही थी, लेकिन ऐसी रिपोर्ट है कि अब यह डिलिवरी अगले साल मार्च तक टल गई है. इसके पीछे की वजह यह है कि इस विमानों में अभी तक जरूरी हथियारों का इंटीग्रेसन नहीं हो पाया है. इसके लिए जरूरी सॉफ्टवेयर सपोर्ट नहीं कर रहा है. हालांकि इसी महीने की 17 तारीख को नागपुर ने एचएएल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इस फाइटर जेट को आसमान में उड़ा कर यह दिखाने की कोशिश की सब कुछ नियंत्रण में है.
रक्षा क्षेत्र से जुड़ी खबरें देने वाली वेबसाइट defence.in की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल डिलिवरी संभव नहीं दिख रही है. इसमें कहा गया है कि पहले तो इस विमान के लिए जरूरी इंजन की सप्लाई में दिक्कत के कारण दिक्कत आ रही थी. इस में अमेरिकी कंपनी जीई का एफ404 इंजन लगाया जा रहा है. इसके लिए एचएएल ने जीई के साथ 2021 में 99 इंजन का सौदा किया था. इस सौदे के मुताबिक अभी तक एचएएल को अब तक 30 इंजन मिल जाने थे लेकिन, अभी तक उसे केवल चार इंजन मिले हैं और पांचवें इंजन की डिलिवरी जल्द होने की उम्मीद है.
इस कारण यह पूरा प्रोजेक्ट काफी देरी से चल रहा है. हालांकि, एचएएल बीते कुछ दिनों ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि उसके पास करीब 12 विमान बनकर तैयार हैं. कुछ फ्लाइंग मोड में और कुछ का पूरा ढांचा तैयार है. बस उसमें इंजन फिट करना है. लेकिन, अब सॉफ्टवेयर की इस दिक्कत ने डिलिवरी को और टाल दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक तेजस एमके1ए में अपग्रेडेड एवियॉनिक्स के साथ-साथ AESA रडार लगाया गया है. इस रडार का पूरा नाम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैंड अरे है. इसमें एक मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट भी लगाया गया है. यह रडार इसके मौजूदा सॉफ्टवेयर को सपोर्ट नहीं कर रहा है. ऐसे में इसी साल मार्च में इस फाइटर जेट में बीवीआर एयर टू एयर मिसाइल अस्त्र एमके1 का परीक्षण विफल हो गया. बीते महीने यानी सितंबर में एचएएल ने इस बात को स्वीकार किया था कि अब सॉफ्टवेयर कोडिंग में व्यापक बदलाव किया जा रहा है.
एचएएल के सीएमडी बार-बार कह रहे हैं कि इस फाइटर जेट के साथ अभी जो भी दिक्कत आ रही है वह विशुद्ध रूप से सॉफ्टवेयर से जुड़े हैं और इसके हार्डवेयर में कोई दिक्कत नहीं है. अब मीडिया में आ रही खबरों में दावा किया जा रहा है कि सॉफ्टवेयर की इस दिक्कत के कारण डिलिवर अब मार्च 2026 तक टल सकती है.
हालांकि, कुछ रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि इससे पूरी तरह निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि शुरुआत में ऐसी दिक्कत स्वाभाविक है. एयरफोर्स पूरी तरह वार के लिए तैयार फाइटर जेट चाहती है. इसलिए वह कोई भी कमी नहीं चाहती है. दूसरी तरफ, एक बार इन प्रोब्लेम को सॉल्व कर लेने के बाद आगे का काम आसान हो जाएगा. एक इकोसिस्टम तैयार हो जाएगा और फिर प्रोडक्शन को रफ्तार मिल जाएगी. आमतौर पर किसी भी प्रोजेक्ट के शुरू में ऐसी दिक्कत आती है और एक बार उसे सॉल्व कर लिए जाने के बाद प्रोडक्शन लाइन सहज तरीके से काम करने लगता है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
First Published :
October 30, 2025, 09:05 IST

4 hours ago
