Last Updated:October 30, 2025, 09:47 IST
CLAT Exam: क्लैट परीक्षा पैटर्न बदलने पर विचार किया जा रहा है. अब भारतीय लॉ प्रवेश परीक्षा क्लैट में यूएसए की एलएसएटी परीक्षा का पैटर्न अपनाया जा सकता है.
CLAT Exam: क्लैट परीक्षा के लिए अब किताबें रटने के बजाय दिमाग लगाना होगानई दिल्ली (CLAT Exam). कानून की पढ़ाई का सपना देखने वाले छात्रों के लिए बड़ी खबर है. भारत के टॉप लॉ कॉलेजों (NLUs) में एडमिशन के लिए होने वाली CLAT (Common Law Admission Test) परीक्षा के पैटर्न में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLUs) के ग्रुप कंसोर्टियम ने पूर्व न्यायाधीश जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी का मुख्य काम CLAT परीक्षा को ज्यादा पारदर्शी, निष्पक्ष और आधुनिक बनाना है.
कमेटी ने क्लैट परीक्षा पैटर्न को अमेरिका के प्रतिष्ठित LSAT (Law School Admission Test) की तरह बनाने का सुझाव दिया है. इसका मतलब है कि अब क्लैट सिर्फ सामान्य ज्ञान की परीक्षा नहीं रहेगी, बल्कि यह गहन क्रिटिकल थिंकिंग और कानूनी तर्क क्षमता की असली परख बनेगी. कमेटी ने इस बड़े बदलाव को लागू करने से पहले आम जनता से भी सुझाव मांगे हैं. इससे सुनिश्चित किया जा सकेगा कि यह सुधार सभी हितधारकों के लिए सबसे बेहतर हो. जानिए, देश के टॉप लॉ कॉलेज में अब कैसे एडमिशन मिलेगा.
क्लैट परीक्षा पैटर्न क्या है?
क्लैट परीक्षा पैसेज-आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों (MCQs) पर केंद्रित है. इसमें तेजी से पढ़ने और फटाफट जवाब देना होता है. लेकिन LSAT-जैसे पैटर्न में एनालिटिकल और लीगल रीजनिंग स्किल्स पर ज्यादा जोर दिया जाता है. एलएसएटी परीक्षा उम्मीदवारों की तर्क शक्ति, पढ़ने की समझ और तर्कों का विश्लेषण करने की क्षमता का आकलन करती है. क्लैट को भी उसी स्तर पर ले जाने की योजना है. यह बदलाव CLAT 2027 से लागू हो सकता है. अब रटने के बजाय समझने और विश्लेषण करने पर ज्यादा ध्यान देना होगा.
अमेरिका का LSAT पैटर्न लागू करने से क्या बदलेगा?
एलएसएटी का पैटर्न मुख्य रूप से 3 स्किल्स पर केंद्रित होता है:
लॉजिकल रीजनिंग: तर्कों का मूल्यांकन करना और उनमें छिपी कमियां पहचानना.
एनालिटिकल रीजनिंग: जटिल संबंधों और नियमों को समझकर पहेलियां सुलझाना.
रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन: जटिल कानूनी और एकेडमिक लेखों को पढ़कर उनका सार समझना.
क्लैट परीक्षा के नए पैटर्न में गणित (Quantitative Techniques) और सामान्य ज्ञान जैसे विषयों का महत्व कम हो सकता है. वहीं, लीगल और क्रिटिकल रीजनिंग वाले खंडों का भार बढ़ सकता है.
कमेटी की प्राथमिकता और सुझाव
पूर्व न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की अगुवाई वाली कमेटी को क्लैट परीक्षा के सिलेबस, प्रश्नों की गुणवत्ता और पेपर की संरचना का गहन अध्ययन करने के लिए कहा गया है. कमेटी को अमेरिका की LSAT और यूके की LNAT जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं का तुलनात्मक अध्ययन करके यह पता लगाना है कि सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को CLAT में कैसे शामिल किया जाए. कंसोर्टियम ने 4 नवंबर, 2025 तक सार्वजनिक सुझाव मांगे हैं. इससे पता चलेगा कि प्रस्तावित सुधार जमीनी स्तर पर कितने प्रभावी हैं.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
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First Published :
October 30, 2025, 09:47 IST

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