NCERT का बड़ा फैसला, स्कूलों में होगी आयुर्वेद की पढ़ाई, बदलने वाला है सिलेबस

8 hours ago

Last Updated:October 30, 2025, 11:28 IST

NCERT Science School Syllabus: एनसीईआरटी ने क्लास 6 से 8 तक की क्लासेस के लिए साइंस सिलेबस में बदलाव का फैसला लिया है. अब साइंस विषय में आयुर्वेद को भी शामिल किया जाएगा.

NCERT का बड़ा फैसला, स्कूलों में होगी आयुर्वेद की पढ़ाई, बदलने वाला है सिलेबसNCERT Syllabus: एनसीईआरटी की साइंस बुक्स बदलने वाली हैं

नई दिल्ली (NCERT Science School Syllabus). शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए एनसीईआरटी ने कक्षा 6 से 8 तक के साइंस सिलेबस में आयुर्वेद से जुड़े चैप्टर्स शामिल कर दिए हैं. यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है. अब स्कूली छात्र स्वास्थ्य, पोषण और पर्यावरण संतुलन के बारे में भारतीय दृष्टिकोण से समझेंगे. NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी के अनुसार, इस पहल का लक्ष्य छात्रों को केवल वैज्ञानिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक कल्याण के सिद्धांतों से भी अवगत कराना है.

एनसीईआरटी कक्षा 6 साइंस की पाठ्यपुस्तक में आयुर्वेद के 20 गुण जैसे मूलभूत सिद्धांत शामिल किए गए हैं. वहीं, कक्षा 8 के अध्याय में दिनचर्या (Daily Routine) और ऋतुचर्या (Seasonal Discipline) जैसे विषयों पर फोकस किया गया है. यह बदलाव केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों को भारत की वैज्ञानिक विरासत की तरफ प्रेरित करने की शुरुआत भी है. स्कूल स्तर पर आयुर्वेद शामिल करने के इस कदम को अब उच्च शिक्षा में भी विस्तार दिया जा रहा है.

एनसीईआरटी स्कूल सिलेबस में क्या होगा?

NCERT की नई साइंस किताबों में आयुर्वेद के वैज्ञानिक सिद्धांत सरल भाषा में समझाए गए हैं.

कक्षा 6: छात्र Classification of Matter के लिए आयुर्वेद के 20 विरोधी गुण (जैसे, गरम-ठंडा, हल्का-भारी आदि) के सिद्धांत समझेंगे. इससे उन्हें ओवरऑल हेल्थ की बुनियादी समझ मिलेगी.

कक्षा 8: इस क्लास में ‘आयुर्वेद: शरीर, मन और पर्यावरण का संतुलन’ चैप्टर के जरिए दिनचर्या (स्वस्थ दैनिक आदतें), ऋतुचर्या (मौसम के अनुसार खानपान) और बैलेंस्ड लाइफस्टाइल का महत्व सिखाया जाएगा.

यूजीसी भी बना रही है मॉड्यूल

यूजीसी और आयुष मंत्रालय मिलकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्तर पर आयुर्वेद को मेडिकल एजुकेशन के सिलेबस में शामिल करने के लिए मॉड्यूल बना रहे हैं. आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने इस पर जोर दिया है कि एलोपैथी और आयुष प्रणालियां एक-दूसरे की पूरक हैं, न कि प्रतियोगी. इस प्रयास का लक्ष्य इंटीग्रेटेड हेल्थकेयर मॉडल विकसित करना है. कॉलेज स्तर पर आयुर्वेद के विस्तार से छात्रों को न केवल पारंपरिक ज्ञान से जुड़ने का मौका मिलेगा, बल्कि आयुर्वेद को ग्लोबल स्तर पर मान्यता दिलाने के सरकारी प्रयास भी मजबूत करेगा.

नॉलेज पर है NEP का फोकस

यह पूरा बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल विचार पर आधारित है- कि शिक्षा को भारतीय ज्ञान परंपरा (Indian Knowledge Systems) से जोड़ा जाए. आयुर्वेद को साइंस सिलेबस में शामिल करने से छात्रों में न केवल प्राचीन ज्ञान के प्रति सम्मान बढ़ेगा, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने में भी मदद मिलेगी.

Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...

और पढ़ें

First Published :

October 30, 2025, 11:28 IST

homecareer

NCERT का बड़ा फैसला, स्कूलों में होगी आयुर्वेद की पढ़ाई, बदलने वाला है सिलेबस

Read Full Article at Source