ईश्वर्या-सुष्मिता का सुनामी में उजड़ गया था घर, नहीं मानी हार, बन गईं IAS-IPS

5 hours ago

Last Updated:October 30, 2025, 13:49 IST

UPSC Success Story: आपने ईश्वर्या और सुष्मिता नाम की सफल बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के नाम जरूर सुने होंगे. लेकिन आज हम उनकी नहीं, बल्कि दो सगी बहनों, ईश्वर्या और सुष्मिता रामनाथन की बात कर रहे हैं. ये दोनों टॉप सरकारी अफसर हैं.

ईश्वर्या-सुष्मिता का सुनामी में उजड़ गया था घर, नहीं मानी हार, बन गईं IAS-IPSUPSC Success Story: दोनों बहनों ने गरीबी से संघर्ष करते हुए यूपीएससी परीक्षा पास की

नई दिल्ली (UPSC Success Story). साल 2004 में एक परिवार के पास सब कुछ था- खेती, घर और सामान्य जीवन.. फिर एक सुबह समुद्र की लहरों ने सब कुछ छीन लिया. यह कहानी है तमिलनाडु के नागरकोइल के एक किसान परिवार की. 2004 की विनाशकारी सुनामी ने न केवल उनका घर उजाड़ा, बल्कि गरीबी और अनिश्चितता का लंबा संघर्ष भी शुरू कर दिया. परिवार के पास बेटियों को देने के लिए अब सिर्फ एक चीज बची थी: शिक्षा का अटूट विश्वास. किसान पिता ने अपनी दोनों बेटियों, ईश्वर्या और सुष्मिता रामनाथन को साफ कह दिया कि जमीन-जायदाद तो चली गई, लेकिन दिमाग में अर्जित ज्ञान कोई नहीं छीन सकता.

इस भीषण संघर्ष और पिता के त्याग को अपनी ताकत बनाकर इन दोनों बहनों ने देश की सबसे कठिन परीक्षा, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को अपना लक्ष्य बना लिया. उनका यह सपना सिर्फ सपना नहीं था, बल्कि यह परिवार के खोए हुए गौरव को वापस लाने और उन सभी को जवाब देने का संकल्प था, जिन्होंने उनकी गरीबी का मजाक उड़ाया था. दोनों बहनों ने सरकार अफसर बनकर अपने परिवार को गरीबी के अंधेरे से निकालकर देश के प्रशासनिक मानचित्र पर ला खड़ा किया. ईश्वर्या और सुष्मिता की कहानी साबित करती है कि आर्थिक तंगी हो या प्राकृतिक आपदा, दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे कुछ नहीं टिक पाता है.

गरीब किसान की बेटियों का कमाल

छोटी बहन ईश्वर्या रामनाथन ने 2018 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 628 के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की थी. तब उनका चयन रेलवे अकाउंट्स सर्विस (RAS) में हुआ था. लेकिन उनका लक्ष्य आईएएस अफसर बनने का था. इसलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा दी. साल 2019 में अपने दूसरे प्रयास में ईश्वर्या ने 47वीं रैंक हासिल की थी. वह मात्र 22 साल की उम्र में तमिलनाडु कैडर की आईएएस अधिकारी बन गई थीं. उनकी बड़ी बहन सुष्मिता रामनाथन को कई प्रयासों में असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. 2022 में छठे प्रयास में 528वीं रैंक के साथ सुष्मिता रामनाथन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी बन गई थीं.

सुनामी में तबाह हो गया था घर

सुष्मिता और ईश्वर्या रामनाथन के पिता ने 2004 की सुनामी में सबकुछ खोने के बाद भी हार नहीं मानी थी. बच्चों की शिक्षा के लिए उन्होंने खेत मजदूर के रूप में काम किया. उनका मानना था कि उनकी बेटियों को उनके भाग्य से बेहतर जीवन मिलना चाहिए और यह केवल उच्च शिक्षा के जरिए ही संभव था. पिता का यह अटूट विश्वास और परिवार का त्याग दोनों बहनों की सफलता का असली नींव पत्थर बना. किसान पिता ने अपनी बेटियों को खेती-मजदूरी से दूर रखा और उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया. उनका मानना था कि कठिन परिस्थितियों में भी संघर्ष से ही लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

अभी क्या कर रही हैं ईश्वर्या और सुष्मिता?

आईएएस ईश्वर्या रामनाथन (Ishwarya Ramanathan IAS): वर्तमान में तमिलनाडु कैडर में एडिशनल कलेक्टर (विकास) के पद पर थूथुकुडी जिले में कार्यरत हैं.

आईपीएस सुष्मिता रामनाथन (Sushmita Ramanathan IPS): आंध्र प्रदेश कैडर में सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में काकीनाडा जिले में कार्यरत हैं.

Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...

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First Published :

October 30, 2025, 13:49 IST

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