Jamalpur: रिटायर्ड IAS से लेकर दिग्गज नेता के बेटों के बीच कांटे की टक्कर

8 hours ago

Last Updated:October 30, 2025, 11:48 IST

Jamalpur Vidhan Sabha: जमालपुर सीट पर शैलेश कुमार, ललन जी, निचिकेता मंडल और हर्षवर्धन सिंह अपनी पारिवारिक विरासत को फिर से चमकाने की कोशिश में चुनावी मैदान में हैं. जनता के फैसले पर सबकी नजरें टिकी हैं.

 रिटायर्ड IAS से लेकर दिग्गज नेता के बेटों के बीच कांटे की टक्करविरासत की लड़ाई

जमालपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार जमालपुर सीट सुर्खियों में है. यहां मुकाबला सिर्फ उम्मीदवारों के बीच नहीं, बल्कि कई राजनीतिक घरानों की विरासतों के बीच हो रहा है. हर कोई अपनी पारिवारिक पहचान को दोबारा चमकाने की कोशिश में जुटा है. यही वजह है कि इस बार ये हॉट सीट बन गई है.

जमालपुर में जैसे ही चुनावी बिगुल बजा, हलचल तेज हो गई. जदयू ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने पुराने और चार बार के विधायक, पूर्व मंत्री शैलेश कुमार का टिकट काट दिया. दूसरी ओर महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद सिटिंग विधायक अजय कुमार सिंह का टिकट भी छिन गया. नतीजा इस शांत सीट पर अचानक गरमाहट बढ़ गई और यह ‘हॉट सीट’ बन गई.

विरासत की वापसी की लड़ाई
अब मैदान में हैं कई ऐसे नाम हैं जिनका राजनीति से पुराना रिश्ता है. भागवत प्रसाद यादव के बेटे ललन जी, जो रिटायर्ड आईएएस हैं. इस बार जनसुराज पार्टी से मैदान में हैं. वे अपने पिता की पुरानी विरासत को दोबारा जनता के बीच मजबूत करने की कोशिश में हैं.

दूसरी तरफ पूर्व मंत्री शैलेश कुमार हैं. उनके पिता सुरेश कुमार सिंह ने 1972 और 1977 में इसी सीट से जीत दर्ज की थी. शैलेश कुमार खुद तीन बार विधायक रहे और नीतीश सरकार में मंत्री भी बने. लेकिन 2020 की हार के साथ ही उनकी और उनके पिता की राजनीतिक विरासत दोनों पर विराम लग गया. अब वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उसी विरासत को वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं.

नए चेहरे, पुराना नाम
इस मुकाबले को और रोचक बना रहे हैं निचिकेता मंडल, जिन्हें जदयू ने टिकट दिया है. निचिकेता तीन बार के सांसद ब्रह्मानंद मंडल के बेटे हैं. पार्टी ने पुराने चेहरे की जगह उन्हें उतारकर साफ संदेश दिया है कि अब जदयू नई पीढ़ी पर भरोसा कर रही है.

वहीं एक और नाम चर्चा में है. वो है हर्षवर्धन सिंह का. वे 1960 और 70 के दशक में खड़गपुर से विधायक रहे शमशेर जंग बहादुर सिंह के पोते हैं. हर्षवर्धन पहले राजद से जुड़े थे, लेकिन इस बार उन्होंने निर्दलीय रूप से अपनी किस्मत आज़माने का फैसला किया है. उनका लक्ष्य है अपने परिवार को फिर से राजनीति के केंद्र में लाना.

जनता के मूड पर टिकी है बाजी
इस बार जमालपुर का मुकाबला सिर्फ समीकरणों का नहीं, भावनाओं का है. एक तरफ हैं यादव परिवार की पुरानी पकड़, तो दूसरी तरफ सिंह परिवार की परंपरा. मंडल और हर्षवर्धन जैसे नए चेहरे भी अपनी पहचान बनाने की कोशिश में हैं. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस बार जनता तय करेगी कि जमालपुर में किस घराने की विरासत को फिर से ताज मिलेगा. पुराने दिग्गजों को या नई पीढ़ी को मौका मिलेगा इतिहास लिखने का.

Manish Kumar

मनीष कुमार पिछले 15 सालों से न्यूज की दुनिया में सक्रिय हैं. रेडियो, टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले 5 साल से News18Hindi में कार्यरत हैं. खेल से राजनीति और फिर ब...और पढ़ें

मनीष कुमार पिछले 15 सालों से न्यूज की दुनिया में सक्रिय हैं. रेडियो, टीवी से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई संस्थानों के साथ काम किया है. पिछले 5 साल से News18Hindi में कार्यरत हैं. खेल से राजनीति और फिर ब...

और पढ़ें

Location :

Jamalpur,Munger,Bihar

First Published :

October 30, 2025, 11:48 IST

homebihar

Jamalpur: रिटायर्ड IAS से लेकर दिग्गज नेता के बेटों के बीच कांटे की टक्कर

Read Full Article at Source