मुझे मजा आता था... इंफोसिस कर्मचारी ने सारी हदें की पार, सामने आया घिनौना राज

6 hours ago

Last Updated:July 03, 2025, 13:52 IST

पूछताछ के दौरान इंफोसिस मामले में गिरफ्तार स्वप्निल नागेश माली ने पुलिस को बताया कि महिलाओं के चुपके से रिकॉर्ड किए गए वीडियो को देखने से उसे "मजा" आता था.

मुझे मजा आता था... इंफोसिस कर्मचारी ने सारी हदें की पार, सामने आया घिनौना राज

चुपके से महिलाओं का रिकॉर्ड करता था वीडियो.

बेंगलुरु: कॉर्पोरेट ऑफिस महिलाओं के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है. यहां पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पॉश (POSH) सहित तमाम नियम-कानून कानून हैं. वर्क-स्टेशन तो छोड़िए… बाथरूम तो बसे सिक्योर माना जाता है. मगर क्या हो कि वॉशरूम से महिलाओं की अश्लील वीडियो की रिकॉर्ड किया जाए और किसी को भी कानों-कान खबर ना हो. इंफोसिस भारत का एक प्रतिष्ठित कंपनी है. मगर यहीं पर महिलाओं की इज्जत तारतार हुई है.

दरअसल, बेंगलुरु ऑफिस से एक 30 साल के कर्मचारी को अरेस्ट किया गया है. उसके फोन से महिला वॉशरूम से कई महिला कर्मचारियों का वीडियो मिला है. कर्मचारी की पहचान स्वप्निल नागेश माली के रूप में हुई है. वह कंपनी में वरिष्ठ एसोसिएट कंसल्टेंट है. उसके फोन में इलेक्ट्रॉनिक सिटी कैंपस के महिलाओं के वॉशरूम से रिकॉर्ड किए गए 50 से अधिक क्लिप्स मिले हैं. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में माली ने गुनाह कबूल भी कर लिया है.

घटना 30 जून की है. एक महिला कर्मचारी ने वॉशरूम में संदिग्ध गतिविधि देखी. बाहर निकल कर देखा तो पाया कि माली को अगल-बगल के क्यूबिकल में कमोड पर खड़े होकर रिकॉर्डिंग कर रहा है. महिला ने तुरंत शोर मचाया, जिसके बाद अन्य कर्मचारियों और एचआर कर्मियों ने माली को पकड़ लिया. जांच में माली के फोन में पीड़िता और एक अन्य महिला कर्मचारी का वीडियो मिला.

कंपनी के एचआर ने सबूत के रूप में स्क्रीनशॉट लिया और वीडियो डिलीट कर दिया, लेकिन पुलिस ने पुष्टि की कि वीडियो स्थायी रूप से हटाए नहीं गए थे. एक महिला पुलिस सब-इंस्पेक्टर को फोन की जांच के लिए नियुक्त किया गया. माली के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 77 (वॉयरिज्म) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66E के तहत मामला दर्ज किया गया है.

माली महाराष्ट्र के सांगली जिले के राम नगर के रहने वाला है. वह एक किसान परिवार से हैं. वह तीन महीने पहले ही इंफोसिस के हेलिक्स यूनिट में सीनियर एसोसिएट कंसल्टेंट के रूप में शामिल हुआ था.पुलिस ने बताया कि माली के परिवार को उसकी गिरफ्तारी से गहरा सदमा लगा है. मजिस्ट्रेट ने माली को स्टेशन बेल पर रिहा कर दिया, क्योंकि आरोपों की सजा सात साल से कम है.

इंफोसिस ने बयान जारी कर कहा कि कंपनी ने माली को नौकरी से निकाल दिया है. इस तरह के व्यवहार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाती है. कंपनी ने पीड़िता को पुलिस में शिकायत दर्ज करने में सहायता की. जांच में पूरा सहयोग कर रही है. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि माली ने कितने समय तक इस तरह की गतिविधियां कीं. क्या और भी महिलाएं भी निशाने पर थीं. उसका फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि डिलीट किए गए डेटा को दोबारा प्राप्त किया जा सके.

Location :

Bengaluru,Bengaluru,Karnataka

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