Last Updated:July 03, 2025, 16:54 IST
PM Modi Ghana Visit: घाना संसद में पीएम मोदी ने लोकतंत्र, साझेदारी और सम्मान का संदेश दिया. भारत की भरोसेमंद छवि पेश कर चीन की 'लोन-जाल' नीति पर करारा हमला बोला. साथ ही उन्होंने भारत और अफ्रीका की दोस्ती को दी ...और पढ़ें

पीएम मोदी ने घाना के संसद में अपना संबोधन दिया. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
पीएम मोदी ने घाना संसद में दिया ऐतिहासिक भाषण, लोकतंत्र को बताया आत्मा.चीन की कर्ज-जाल नीति पर करारा हमला, भारत को बताया भरोसेमंद विकल्प.G20 में अफ्रीकी देशों की भागीदारी और वैक्सीन मदद को बताया भारत की वैश्विक सोच.PM Modi Ghana Visit: अफ्रीका के दिल घाना में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज गूंजी तो बीजिंग की दीवारों में हलचल मच गई. तीन दशक में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने घाना की संसद में खड़े होकर न सिर्फ लोकतंत्र और साझेदारी का पाठ पढ़ाया बल्कि चीन के दबदबे को चुनौती भी दी.
पीएम मोदी का यह दौरा सिर्फ कूटनीति नहीं, ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए नेतृत्व का दावा था. प्रधानमंत्री मोदी ने घाना की धरती से अफ्रीका में एक मित्रवत, भरोसेमंद और सम्मानजनक भारत की तस्वीर पेश की. जो ‘लोन के जाल’ और ‘शर्तों वाली मदद’ से अलग है. यही फर्क चीन को परेशान कर रहा है. पीएम मोदी ने बताया कि विकास, सम्मान और साझेदारी भी एक विकल्प है… और वह विकल्प भारत है.
30 साल में पहली पीएम यात्रा: पीएम मोदी ने 30 साल बाद घाना की धरती पर कदम रखा. उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और राष्ट्रीय सम्मान मिला. इस ऐतिहासिक यात्रा ने भारत-अफ्रीका रिश्तों को नई ऊंचाई दी और चीन की अफ्रीका में एकाधिकार नीति को सीधी चुनौती दी.
संसद में दिया ऐतिहासिक भाषण: प्रधानमंत्री मोदी ने घाना संसद में कहा- "आपकी धरती सिर्फ सोने के लिए नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्य और गरिमा के लिए भी जानी जाती है.” ये शब्द अफ्रीका के लिए भारत की विनम्र लेकिन सशक्त उपस्थिति के संदेश थे.
भारत-घाना दोस्ती को बताया ‘मीठी’: पीएम मोदी बोले, “हमारी दोस्ती आपकी मशहूर शुगरलोफ पाइनएपल से भी मीठी है.” इस एक पंक्ति में उन्होंने रिश्तों में गर्मजोशी, भरोसे और समानता को रेखांकित कर दिया... जैसा चीन कभी नहीं कर सका.
लोकतंत्र भारत की आत्मा है: पीएम ने कहा, “हमारे लिए लोकतंत्र कोई सिस्टम नहीं आत्मा है. वैदिक युग से भारत में लोकतांत्रिक मूल्य रहे हैं. ” यह उन देशों के लिए सीधा संदेश था जो लोकतंत्र को दबाकर विकास का दावा करते हैं, जैसे चीन.
2500 राजनीतिक दलों वाला भारत: पीएम मोदी ने आगे कहा, “भारत में 2500 से ज्यादा दल, 22 भाषाएं और हजारों बोलियां हैं. ” प्रधानमंत्री मोदी ने विविधता को ताकत बताया और लोकतंत्र को भारत की पहचान. ये बात चीन जैसे एकदलीय शासन वाले देशों को चुभ सकती है.
उपनिवेशवाद पर करारा संदेश: उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा, “भारत और घाना उपनिवेशवाद से गुजरे लेकिन हमारी आत्मा कभी झुकी नहीं. ” ये बात उन देशों को ताना थी जो आज नए रूप में आर्थिक उपनिवेशवाद फैला रहे हैं. जैसे चीन अपने लोन-जाल के जरिए करता है.
अफ्रीका को G20 में लाकर दिखाया: मोदी बोले, “हमने G20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य बनवाया. हम सिर्फ नारे नहीं, एक्शन में विश्वास करते हैं.” इससे भारत ने अफ्रीकी देशों का भरोसा जीता और चीन की घोषणाओं को बौना कर दिया.
वैक्सीन डिप्लोमेसी का उदाहरण: पीएम मोदी ने आगे कहा, “कोविड के दौरान भारत ने 150+ देशों को वैक्सीन और दवाएं दीं. घाना भी उनमें शामिल था. यह ‘मानवता पहले’ की नीति थी न कि व्यापार पहले.” बता दें कि वैक्सीन डिप्लोमेसी से भारत की साख अफ्रीका में और मजबूत हु
ग्लोबल साउथ को आवाज दो: प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, “ग्लोबल साउथ के बिना प्रगति नहीं हो सकती. पुराने संस्थान अब अप्रासंगिक हैं. ” मोदी की यह बात विकासशील देशों को नई उम्मीद देती है. और चीन की ‘मैं ही नेता’ वाली सोच को सीधी चुनौती.
‘मानवता पहले’ का दर्शन: पीएम मोदी ने अपने भाषण का अंत संस्कृत श्लोक से किया – “सर्वे भवन्तु सुखिनः…”. इस स्लोक से उन्बोंने यह संदेश दिया कि भारत का विजन सिर्फ भौगोलिक प्रभाव नहीं, बल्कि वैश्विक कल्याण है. जिसे अफ्रीका समझ रहा है और चीन डर रहा है.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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