Last Updated:August 31, 2025, 13:49 IST
PM Modi Xi Jinping Meeting: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तियानजिन में पीएम मोदी से मुलाकात में हाथी और ड्रैगन के साथ आने का आह्वान किया. लेकिन सवाल यह है कि चीन अचानक भारत से दोस्ती बढ़ाने के लिए इतना बेताब क्...और पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सात साल बाद एक मंच पर नजर आए. पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इस मुलाकात ने वैश्विक राजनीति में नई हलचल मचा दी है. चीन के तियानजिन में SCO समिट से इतर हुई इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच करीब 50 मिनट तक गहन चर्चा हुई, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा, सीमा समझौते, बेहतर रिश्ते और व्यावसायिक संबंधों पर जोर दिया गया.
हालांकि सवाल यह है कि चीन अचानक भारत से दोस्ती बढ़ाने के लिए इतना बेताब क्यों दिख रहा है? क्या शी जिनपिंग ने पीएम मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाने का फैसला यूं ही लिया, या इसके पीछे गहरी रणनीतिक वजहें हैं? चलिये इस सवालों का जवाब समझते हैं…
सात साल बाद हुई मुकाकात के मायने
प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग की यह मुलाकात SCO समिट 2025 से इतर तियानजिन में हुई, जो दोनों देशों के रिश्तों में पिघलती बर्फ का संकेत देती है. पीएम मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए शी जिनपिंग का आभार जताया है. इस द्विपक्षीय बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले वर्ष कजान में हमारी सार्थक चर्चा हुई थी. इससे हमारे संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली. सीमा पर सैनिकों की वापसी से शांति का माहौल बना है. कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू हुई और दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट्स भी बहाल हो रही हैं.’ उन्होंने जोर दिया कि दोनों देशों के सहयोग से 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हैं, जो पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा. उन्होंने परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता पर आधारित रिश्तों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई.
शी जिनपिंग क्यों दे रहे ड्रैगन-हाथी की दोस्ती की दुहाई?
इस दौरान शी जिनपिंग ने भी उत्साह दिखाते हुए कहा कि पीएम मोदी से मिलकर उन्हें खुशी हुई. उन्होंने दोनों देशों को प्राचीन सभ्यताएं बताते हुए कहा, ‘चीन और भारत दो प्राचीन सभ्यताएं हैं. हम विश्व के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं. हम ग्लोबल साउथ के भी अहम सदस्य हैं. दोनों देशों के लिए यह सही है कि ऐसे साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता में सहायक हों. ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं. हम दोनों अपने लोगों की भलाई के लिए जरूरी सुधार लाने और मानव समाज की प्रगति को बढ़ावा देने की ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभाते हैं.’
चीन की बेताबी के पीछे की वजह
जिनपिंग का यह बयान चीन की तरफ से दोस्ती का हाथ बढ़ाने का स्पष्ट संकेत है, लेकिन इसके पीछे की वजहें गहरी हैं. तियानजिन में मौजूद पलकी शर्मा ने बताया कि चीन की धीमी अर्थव्यवस्था की चपेट में है. उसकी वृद्धि दर अपेक्षा से कम है और शी की ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में, भारत जैसे बड़े बाजार से रिश्ते सुधारना चीन के लिए जरूरी हो गया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ ने दोनों देशों को झकझोरा दिया है, जिससे चीन भारत के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. ट्रंप के ट्रेड वॉर से बचने के लिए चीन भारत को करीब लाना चाहता है, ताकि वैकल्पिक व्यापार मार्ग खुलें.
दोस्ती के डगर पर चलना जरा संभलकर
विश्लेषकों ने SCO को ग्लोबल साउथ का मंच बताते हुए कहा कि रूस, चीन और भारत का एक साथ आना वेस्टर्न पावरों को संदेश है. SCO में 10 सदस्य देश, 2 पर्यवेक्षक और 14 डायलॉग पार्टनर हैं, जो वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा का बड़ा प्लेटफॉर्म है. चीन जानता है कि भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और सैन्य क्षमता उसके लिए फायदेमंद हो सकती है, खासकर जब अमेरिका पाकिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि चीन पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता. जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को यूएन में बचाना और टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करने में अड़ंगा डालना… चीन के कुछ ऐसे कदम, जो भारत को ड्रैगन के प्रति सचेत करते हैं.
ऐसे में तियानजिन में मोदी-जिनपिंग की यह मुलाकात भारत-चीन रिश्तों में नई शुरुआत का संकेत है, लेकिन इस दोस्ती की राह में सतर्कता भी जरूरी है. शी जिनपिंग का यह गर्मजोशी भरा स्वागत नई दोस्ती का संदेश जरूर दे रहा, लेकिन इसकी राह में चुनौतियां भी हैं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 31, 2025, 13:49 IST