Last Updated:September 01, 2025, 18:23 IST
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदीप मिश्रा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, सीआरपीसी धारा 82 के तहत फरार आरोपी को अग्रिम जमानत का हकदार नहीं माना गया.

प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा है कि जिस आरोपी के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 82 (भगोड़ा घोषित) के तहत नोटिस जारी किया गया है और फरार है, वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है.
इस टिप्पणी के साथ, जस्टिस गौतम चौधरी ने कानपुर नगर परिषद के सदस्य प्रदीप मिश्रा की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी. मिश्रा पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके संपत्ति बैनामा करने वालों के जाली हस्ताक्षर करने और लेखपाल की रिपोर्ट का सत्यापन करने में शामिल होने का आरोप है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मिश्रा की इसमें कोई भूमिका नहीं है और वह निर्दोष है. उसने अपने रिश्ते के भाइयों- विपिन मिश्रा और अमित मिश्रा के हस्ताक्षरों की केवल पुष्टि की थी.
उन्होंने कहा कि इस अपराध में शामिल होने का उसके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और वह जांच में सहयोग करेगा. उन्होंने कहा कि उसे गिरफ्तार किया जा सकता है, इसलिए उसे राहत दी जानी चाहिए.
वहीं, शिकायतकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता फरार है और उसके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही तक शुरू की जा चुकी है. ऐसी स्थिति में फरार आरोपी अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है. अदालत ने कानूनी पहलुओं और तथ्यों पर विचार करने के बाद याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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Location :
Allahabad,Allahabad,Uttar Pradesh
First Published :
September 01, 2025, 18:21 IST