SCO में भारत ने अकेले किया चीन के इस प्रोजेक्ट का विरोध, पाकिस्तान को भी लगी मिर्ची

2 hours ago

India opposed BRI: चीन के विवादित 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (बीआरआई) को लेकर भारत का रुख बिल्कुल साफ रहा है. चीन के तियानजिन शहर में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भी भारत ने इस प्रोजेक्ट का समर्थन करने से इनकार कर दिया. एससीओ के सभी सदस्य देशों में भारत अकेला ऐसा देश रहा, जिसने इस प्रोजेक्ट का समर्थन नहीं किया. बाकी अन्य देशों ने इसका खुलकर समर्थन किया. जहां भारत द्वारा इसका समर्थन न किए जाने के पीछे बड़ा कारण है. 

भारत ने अकेले किया विरोध
SCO की ओर से जारी तियानजिन घोषणापत्र में बेलारूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों ने BRI के प्रति अपना समर्थन जताया, लेकिन भारत ने इस पर अपनी सहमति नहीं दी. भारत का कहना है कि किसी भी कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को अंतरराष्ट्रीय नियमों, ट्रांसपेरेंसी और समानता पर आधारित होना चाहिए. साथ ही इससे किसी भी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए. 

इस कारण से किया विरोध
भारत का सबसे बड़ा विरोध चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर है. यह CPEC चीन के बीआरआई का ही एक हिस्सा है और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों (जम्मू और कश्मीर) से होकर गुजरता है. भारत सरकार ने चीन से कई बार इस पर अपना कड़ा विरोध जताया है और इस तरह की गतिविधियों को तुरंत रोकने की मांग की है. भारत सरकार लगातार इन प्रोजेक्ट्स से भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता पर पड़ने वाले प्रभावों की निगरानी कर रही है.

Add Zee News as a Preferred Source

इस घोषणापत्र में SCO के सदस्य देशों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने और आपूर्ति श्रृंखलाओं को स्थिर बनाए रखने में एससीओ क्षेत्र की भूमिका पर भी जोर दिया. सभी देशों ने एक ऐसी वैश्विक आर्थिक प्रणाली का समर्थन किया जो निष्पक्ष, इंक्लूसिव और ट्रांसपेरेंट हो. उन्होंने एकतरफा आर्थिक प्रतिबंधों का भी विरोध किया, क्योंकि ऐसे प्रतिबंध संयुक्त राष्ट्र के नियमों के खिलाफ होते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं. इस दौरान सदस्य देशों ने एक बार फिर से यूएन चार्टर और एससीओ चार्टर के सिद्धांतों का पालन करने की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने आपसी सम्मान, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर जोर दिया, क्योंकि यही अंतरराष्ट्रीय संबंधों की स्थिरता का आधार है.

एससीओ में भारत सहित इतने देश शामिल
एससीओ एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है, जो 2001 में बना था. इसके सदस्य देशों में भारत, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं. भारत ने अपनी मजबूत और स्पष्ट स्थिति के साथ यह दिखा दिया है कि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा.

Read Full Article at Source