नेशनल हेराल्ड केस: ईडी की दलीलें पूरी, सोनिया-राहुल गांधी की ओर से बहस कल

6 hours ago

Last Updated:July 03, 2025, 13:38 IST

Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने सोनिया-राहुल गांधी पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. कोर्ट में ईडी ने यंग इंडियन को कागजी कंपनी बताया. शुक्रवार को गांधी परिवार की ओर से दलीलें पेश होंगी.

 ईडी की दलीलें पूरी, सोनिया-राहुल गांधी की ओर से बहस कल

नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल की ओर से कल बहस होगी.

हाइलाइट्स

ईडी नेशनल हेराल्ड केस में दलीलें पूरी कीं.सोनिया-राहुल के वकील शुक्रवार को दलीलें पेश करेंगे.ईडी ने यंग इंडियन को कागजी कंपनी बताया.

Herald Case:  नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी ने अपनी दलीलें पूरी कर ली. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की अदालत में ईडी ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का प्रथम दृष्टया मामला बनने का दावा किया. इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. शुक्रवार को सोनिया और राहुल गांधी की ओर से उनके वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे. ईडी ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) को एक कागजी कंपनी करार देते हुए कहा कि इसे असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को हड़पने के लिए बनाया गया.

यंग इंडियन पर गंभीर आरोप

ईडी ने कोर्ट में दावा किया कि यंग इंडियन को केवल एजेएल और उसकी संपत्तियों पर कब्जा करने के लिए बनाया गया था, जिसका अंतिम लाभ और नियंत्रण सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहने की योजना थी. ईडी के वकील और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन एक कागजी कंपनी थी, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों को अंजाम देने के लिए एक विशेष उद्देश्य वाहन के रूप में इस्तेमाल किया गया.

इसमें कहा गया है कि दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और अन्य शहरों में एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये की रियल एस्टेट संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल किया गया. ईडी ने इसे आपराधिक साजिश करार देते हुए कहा कि इससे कांग्रेस के दानदाताओं और एजेएल के शेयरधारकों को धोखा दिया गया.

कोर्ट में उठे सवाल और ईडी का जवाब

सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी से सवाल किया कि जब सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां (पीएसयू) और निजी कंपनियां नियमित रूप से ऋण माफ करती हैं, तो इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग क्यों माना जाए. जवाब में ईडी ने कहा कि यह मामला गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) जैसा नहीं है, क्योंकि एजेएल के पास मूल्यवान संपत्तियां थीं फिर भी उसे केवल 50 लाख रुपये में हस्तांतरित किया गया. ईडी ने यह भी दावा किया कि यंग इंडियन ने 18.12 करोड़ रुपये की फर्जी दान राशि प्राप्त की, जिसका उपयोग उसकी आयकर देनदारियों को चुकाने के लिए किया गया. इसके अलावा, ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 142 करोड़ रुपये की अपराध की आय (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) की पहचान की गई है, जिसमें किराए की आय भी शामिल है.

कांग्रेस का पक्ष और सियासी विवाद

कांग्रेस ने इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए ईडी की कार्रवाई को केंद्र सरकार की साजिश बताया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह जांच पार्टी को आर्थिक रूप से कमजोर करने का प्रयास है. पार्टी का दावा है कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है, जिसे नेशनल हेराल्ड को पुनर्जनन के लिए बनाया गया था और इसमें कोई वित्तीय लाभ नहीं लिया गया. हालांकि, ईडी का कहना है कि यंग इंडियन ने कोई परोपकारी गतिविधि नहीं की, जैसा कि एक गैर-लाभकारी कंपनी से अपेक्षित है.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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