'शिक्षा को बेचने वाले माफिया'.. दिल्ली सरकार फीस पर कैसे लगाएगी पहरा?

7 hours ago

Last Updated:August 05, 2025, 12:48 IST

Delhi School Fee Bill: दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधानसभा में 'दिल्ली स्कूल फीस बिल' पेश किया है. इसे 'दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस 2025' नाम दिया गया है.

'शिक्षा को बेचने वाले माफिया'.. दिल्ली सरकार फीस पर कैसे लगाएगी पहरा?Delhi School Fee Bill: अभिभावक संघ दिल्ली सरकार के बिल के खिलाफ है

हाइलाइट्स

दिल्ली सरकार ने 'स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025' पेश किया.अभिभावक संघ कल बिल के खिलाफ देगा धरना.दिल्ली शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताई बिल की खासियत.

नई दिल्ली (Delhi School Fee Bill). नया सेशन शुरू होते ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कर रहे बच्चों के अभिभावक बजट पर काम करने लग जाते हैं. ज्यादातर स्कूलों में हर साल फीस बढ़ा दी जाती है या अन्य खर्चों के नाम पर अभिभावकों की जेब काटना शुरू कर देते हैं. प्राइवेट स्कूल की बढ़ती फीस से परेशान पेरेंट्स कभी कोर्ट का चक्कर काटते हैं तो कभी सरकार से गुहार लगाते हैं. सोमवार को दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार की तरफ से विधानसभा में ‘स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025’ प्रेजेंट किया गया.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस बिल से जुड़ी कई बातें सामने रखीं. उन्होंने मौजूदा शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए. दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि इस बिल के कानून बन जाने के बाद प्राइवेट स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. दिल्ली सरकार का कहना है कि नया स्कूल फीस एक्ट अभिभावकों और बच्चों के पक्ष में है. लेकिन इसके बावजूद अभिभावक संघ इससे संतुष्ट नहीं है. इस बिल के विरोध में मंगलवार को अभिभावक संघ विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा.

खत्म होगी हर साल फीस बढ़ाने की परंपरा

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025 को विधानसभा में प्रस्तुत करते हुए कहा ‘शिक्षा काेई बेचने वाली चीज नहीं है. हर साल प्राइवेट स्कूलों की तरफ से फीस बढ़ाकर अभिभावकों पर बोझ लादने की परंपरा बनाई गई है, यह दिन उसको खत्म करने का है. यह बिल लाने का निर्णय शिक्षा के बाजारीकरण को रोकने के लिए लिया गया है. भारत एक वेलफेयर स्टेट है. हम शिक्षा को बेचने वाले माफियाओं के खिलाफ बिल लेकर आ रहे हैं’.

फीस के नाम पर नहीं होगी जबरन वसूली

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आगे कहा कि नया बिल कानून बन जाने पर स्कूल 31 मार्च तक जो फीस लिखकर देंगे, उन्हें उतनी ही फीस लेने का अधिकार होगा. यह बिल सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए होगा, फिर चाहे वो माइनोरिटी स्टेट्स के ही क्यों न हों. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट का नाम काटने या उसका उत्पीड़न करने पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया जाएगा. वहीं, बार-बार फीस बढ़ाने या बच्चे को फीस के नाम पर परेशान करने के पर स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है.

इन 5 कारणों से नाराज है अभिभावक संघ

एक तरफ दिल्ली सरकार इस बिल के पेरेंट्स और बच्चों के सपोर्ट में होने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ अभिभावक संघ इससे नाराज नजर आ रहा है. पेरेंट्स एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण बिल 2025 के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है. संघ ने अभिभावकों को मंगलवार दोपहर 12 बजे विधानसभा के बाहर एकत्रित होने के लिए कहा है. संघ की तरफ से अधिवक्ता शिखा बग्गा ने बयान जारी कर कहा है कि यह बिल अभिभावक विराेधी बिल है. यह अभिभावकों की आवाज को दबाएगा.

बिल में शिकायत के लिए 15 फीसदी समर्थन का प्रावधान किया गया है, जो प्रैक्टिकल नहीं है. अधिवक्ता शिखा बग्गा ने कहा कि नया बिल प्राइवेट स्कूल माफिया की सांठ-गांठ से बनाया गया है. बिल स्कूलों को नई श्रेणियों के नाम पर उगाही करने की शक्ति देता है. बिल पहले की अवैध, गैर-मंजूर फीस को वैध करता है. इस बिल से स्कूल खातों के अनिवार्य ऑडिट पर असर पड़ेगा. यह बिल फीस विवादों के लिए सिविल कोर्ट में जाने का रास्ता बंद करता है. इससे DSEAR नियम मजबूत होने के बजाय कमजोर होंगे.

Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें

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First Published :

August 05, 2025, 12:48 IST

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