Last Updated:August 05, 2025, 18:42 IST
highest railway line- इस ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को हवाई जहाज जैसा आक्सीजन दिया जाता है, जिसे पहनना अनविार्य है. यह रेल लाइन चिनाब ब्रिज से पांच गुना ऊंची है.

नई दिल्ली. विश्व के सबसे ऊंचे ब्रिज से ट्रेन की बात की जाए तो चिनाब का आएगा, जो एफिल टावर से भी ऊंचा है. माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर को जोड़ता है. इस पर ट्रेन चलना शुरू हो चुकी है. लेकिन आपको शायद ही पता होगा कि चिनाब ब्रिज से भी ऊंची एक रेलवे लाइन है. इस पर सवार होने वाले यात्रियों को हवाई जहाज की तरह आक्सीजन माक्स दिया जाता है जो सफर के दौरान कुछ समय के लिए लगाना होता है.आइए जानते हैं, ये रेलवे लाइन कहां है?
सबसे ऊंचे आर्च चिनाब ब्रिज (नदी से ऊंचाई 359 मीटर और समुद्र तल से करीब 1000 मीटर) है, जो एफिल टॉवर से लगभग 35 मीटर लंबा है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क रेलवे ब्रिज माना जाता है. हर भारतीय के लिए यह गर्व की बात है. इस रेलवे लाइन के बनने से पूरे देश से ट्रेन मार्ग से कश्मीर जुड़ गया है.
सबसे ऊंची रेल लाइन कहां है
विश्व की सबसे ऊंची रेल लाइन किंघाई-तिब्बत रेलवे लाइन है, जो चीन द्वारा ऑपरेटेड की जाती है. यह रेल लाइन अपनी अनूठी इंजीनियरिंग के लिए जानी जाती है. ये रेल लाइन एक जगह समुद्र तल से करीब 5068 किमी. ऊंची है. इस तरह चिनाब ब्रिज से करीब पांच गुना ऊंचाई पर ट्रेन दौड़ती है. यानी ट्रेन में सफर के दौरान हवाई जहाज जैसा सफर करने का अनुभव यात्रियों को मिलता है. यह लाइन शिनिंग (किंघाई प्रांत) से ल्हासा (तिब्बत) तक 1,956 किलोमीटर तक फैली है और दुनिया की सबसे ऊंची रेल लाइन के रूप में जानी जाती है.
मास्क पहनना अनिवार्य
तंगलांग ला दर्रे को पार करते समय रेलवे ट्रैक की ऊंचाई 5,068 मीटर की है. ऊंचाई पर अधिक होने की वजह से कोच में आक्सीजन की कमी हो जाती है. इसलिए इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को मास्क पहनना जरूरी होता है. यह मास्क हवाई जहाज जैसा ऊंपर से नीचे आता है.
हर कोच में तैनात रहते हैं डाक्टर
सफर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण यात्रियों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है. यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हर कोच में डॉक्टर भी तैनात रहते हैं ताकि किसी भी इमरजेंसी में तत्काल मेडिकल सहायता दी जा सके.
कोच भी अलग डिजाइन के
इस रेलवे ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें विशेष रूप से दबावयुक्त कोच के साथ डिज़ाइन की गई हैं, जो ऊंचाई की कठिन परिस्थितियों के लिए ठीक रहते हैं. यह रेलवे 2006 में शुरू हुई थी और प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करते हैं.
तिब्बल की कल्चरल राजधानी
ये ट्रेन तिब्बत की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी कहे जाने वाले ल्हासा तक जाती है. है. ज्यादातर इसमें पर्यटक और श्रद्धालु सफर करते हैं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 05, 2025, 18:42 IST