Last Updated:August 05, 2025, 23:49 IST
Ajit Dova Russia Visit: ट्रंप के दबाव के बावजूद एनएसए अजित डोभाल की रूस यात्रा इसबात का साफ साफ संकेत है कि भारत किसी के दबाव में नहीं आने वाला. वह रूस से दोस्ती कतई नहीं तोड़ सकता . भारत अपने लोगों के हित...और पढ़ें

हाइलाइट्स
अजित डोभाल रूस यात्रा पर, भारत नहीं झुकेगा ट्रंप के दबाव मेंभारत रूस से तेल खरीद जारी रखेगा, उपभोक्ताओं के हित मेंएस जयशंकर भी करेंगे मॉस्को दौरा, रणनीतिक साझेदारी पर चर्चाAjit Dova Russia Visit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बीच भारत ने बड़ा संकेत दिया है. जिस वक्त ट्रंप भारत पर और हाई टैरिफ लगाने की बात कह रहे थे, ठीक उसी वक्त नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल मास्को में उतरे. इससे भारत ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका के दबाव में झुकने वाला नहीं है और रूस के साथ साझेदारी और मजबूत करने जा रहा है. दिलचस्प बात ये है कि अभी अजित डोभाल पहुंचे हैं. इसके बाद इसी महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर का दौरा भी होने वाला है.
डोभाल का यह दौरा रूस के साथ डिफेंस, एनर्जी और स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप को नई दिशा देने के लिहाज से काफी अहम है. यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब अमेरिका इस बात से चिढ़ा हुआ है कि भारत रूस से तेल क्यों खरीद रहा है? इसी चिढ़ में ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. इनता ही नहीं, फार्मा पर 250 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कह रहे हैं. मगर भारत ने साफ कर दिया है कि वह रूस का साथ कतई नहीं छोड़ेगा. मॉस्को में डोभाल की मुलाकातें रूस के शीर्ष रक्षा और सुरक्षा अधिकारियों से होनी तय हैं. इससे ठीक पहले रूस के उप रक्षा मंत्री फोमिन ने नई दिल्ली स्थित भारतीय राजदूत से मुलाकात की थी.
रूस से तेल पर कायम रहेगा फोकस
भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम भारतीय उपभोक्ताओं के हित में काम करेंगे. अगर रूसी कच्चा तेल अन्य विकल्पों की तुलना में सस्ता है, तो उसे ही प्रॉयोरिटी दी जाएगी. ट्रंप की धमकियों के बाद हम मॉस्को से और छूट की मांग भी कर सकते हैं. यानी भारत साफ कर चुका है कि वह अपनी एनर्जी पॉलिसी किसी और की शर्तों पर नहीं, अपनी जरूरतों के आधार पर तय करेगा.
यूरोप को भी फायदा
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, रूस से तेल इंपोर्ट घटाने का भारत का कोई इरादा नहीं है. आज रूस, भारत के कुल तेल आयात में लगभग 40% हिस्सेदारी रखता है, जो यूक्रेन युद्ध से पहले 0.2% थी. भारत आज चीन के बाद रूस से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है. दिलचस्प बात यह है कि भारत का यह सस्ता रूसी तेल सिर्फ घरेलू कीमतें ही नहीं संभाल रहा, बल्कि यूरोप को भी फायदा पहुंचा रहा है. भारत से डीजल और एविएशन फ्यूल के निर्यात का बड़ा हिस्सा अभी भी यूरोपीय देशों को जाता है.
जयशंकर का भी होगा दौरा
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का भी मॉस्को दौरा अगस्त के मध्य में संभावित है. जयशंकर का दौरा डोभाल की वार्ता के क्रम में देखा जा रहा है, जिसमें ट्रेड, डिफेंस और स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पर चर्चा होगी. डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत और रूस की अर्थव्यवस्था को Dead Economies करार दिया था. साथ ही उन देशों को सजा देने की बात कही थी जो रूस से घनिष्ठ ट्रेड रिलेशन बनाए हैं. भारत ने अब दो टूक जवाब दिया है कि देश की एनर्जी सिक्योरिटी और आजाद विदेश नीति से कोई समझौता नहीं होगा. ट्रंप के बयान के उलट, भारत रूस से संबंध गहराने की तैयारी में जुट गया है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
August 05, 2025, 23:49 IST