Last Updated:October 23, 2025, 10:29 IST
Lokpal BMW Car: लोकपाल ने लग्जरी कार खरीदने का टेंडर जारी किया है. इस खरीद पर लोकपाल के लिए निर्धारित कुल बजट का 10 फीसद से भी ज्यादा खर्च आने वाला है. जन लोकपाल की हिमायती रहीं पूर्व आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी ने अब इस पर कड़्री प्रतिक्रिया दी है.

Lokpal BMW Car: लोकपाल द्वारा सात BMW लग्जरी कारों की खरीद के लिए जारी किए गए टेंडर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. कुल 44.32 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट में से करीब 10% यानी लगभग 5 करोड़ रुपये इन लग्जरी वाहनों पर खर्च करने की योजना पर सवाल उठने लगे हैं. जन लोकपाल की हिमायती रहीं पूर्व आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी ने लोकपाल के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि क्या भारत में ऐसी कारें नहीं बनती हैं, जिन्हें खरीदा जा सकता है. उन्होंने मेड इन इंडिया कार की पैरवी करते हुए कहा कि स्वेदशी कार क्यों नहीं खरीदी जा सकती है.
दरअसल, लोकपाल ने 16 अक्टूबर को सात बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज 330 Li (स्पोर्ट मॉडल, लॉन्ग व्हीलबेस) कारों की खरीद के लिए टेंडर जारी किया है. प्रत्येक कार की अनुमानित कीमत लगभग 70 लाख रुपये बताई गई है. यदि यह खरीद होती है, तो यह लोकपाल के वार्षिक खर्च का एक बड़ा हिस्सा होगा. दस्तावेजों के मुताबिक, 2023-24 में लोकपाल ने मोटर वाहन सेगमेंट में 12 लाख रुपये का बजट रखा था, लेकिन उस साल एक भी रुपया इस पर खर्च नहीं हुआ. इससे पहले के वर्षों में भी इस श्रेणी में कोई खर्च नहीं दिखाया गया था.
किरण बेदी ने फैसले पर जताई कड़ी आपत्ति
पूर्व आईपीएस अधिकारी और जन लोकपाल आंदोलन की प्रमुख समर्थक रहीं किरण बेदी ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह एक पूरी तरह से टाला जा सकने वाला फैसला है क्योंकि लोकपाल का गठन फिजूलखर्ची के लिए नहीं किया गया था. बेदी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा, ‘जब प्रधानमंत्री स्वदेशी पर जोर दे रहे हैं, तब लोकपाल विदेशी कारें क्यों खरीद रहा है? क्या हमारे पास अच्छी भारतीय कारें नहीं हैं? यह निर्णय पीएम मोदी के स्वदेशी मिशन के खिलाफ है.’
विलासिता नहीं
किरण बेदी ने आगे कहा कि लोकपाल से जनता ने जिस ईमानदारी और जवाबदेही की उम्मीद की थी, वह अब तक पूरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘लोकपाल की स्थापना ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों पर हुई थी. इसका उद्देश्य सादगी और जवाबदेही को बढ़ावा देना था, न कि विलासिता को.’ बेदी ने सुझाव दिया कि लोकपाल को स्वदेशी इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख करना चाहिए, जिससे न केवल देशी उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि पर्यावरण हित भी सुरक्षित रहेगा.
लोगों की भावनाओं का सम्मान
किरण बेदी ने कहा कि लोकपाल को लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. किरण बेदी ने कहा, ‘लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए लोकपाल को कहना चाहिए कि अब हम स्वदेशी कारें खरीदने जा रहे हैं. जब प्रधानमंत्री स्वदेशी पर जोर दे रहे हैं, तो लोकपाल विदेशी कारें क्यों खरीद रहा है. क्या हमारे पास अच्छी भारतीय निर्मित कारें नहीं हैं? लोकपाल का यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के स्वदेशी अभियान के पूरी तरह खिलाफ है.’
जनता के बीच उठे सवाल
सोशल मीडिया पर भी इस खरीद को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि जब भ्रष्टाचार निरोधक संस्था को सादगी और पारदर्शिता का प्रतीक होना चाहिए, तब इस तरह की लग्जरी कारों की जरूरत क्यों पड़ी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम लोकपाल की साख पर असर डाल सकता है, खासकर तब जब संस्था से जनता को अब भी ठोस नतीजों की प्रतीक्षा है.
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 23, 2025, 10:27 IST