Last Updated:October 23, 2025, 13:15 IST
Saving Accounts Tips : सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल तो सभी करते हैं, लेकिन इसके इस्तेमाल की खूबी और खामी 10 में से 9 लोगों को नहीं पता है. डिजिटल के इस जमाने में बचत खाते से लेनदेन पर सरकार की पैनी नजर रहती है. अगर आपने जरा भी लापरवाही बरती तो इनकम टैक्स विभाग की ओर से तत्काल नोटिस आ जाएगा. ऐसे ही 10 लेनदेन के बारे में हम आपको बता रहे हैं, जिन पर सबसे ज्यादा निगाह होती है.

बचत खाते से लेनदेन करते समय सबसे ज्यादा चूक करने वाला मामला होता है बड़े ट्रांजेक्शन का. अगर आपने अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से ज्यादा की रकम किसी एक वित्तवर्ष में जमा कराई है तो निश्चित रूप से इनकम टैक्स विभाग की नजर इस पर रहेगी और आपको इसका खामियाजा नोटिस के रूप में भुगतना पड़ सकता है. अगर आपने यह रकम तोहफे के रूप में पाई है या किसी सौदे से मिली है तो उसकी रसीद संभालकर रखें. भले यह पूरा पैसा वैध ही क्यों न हो.

सेविंग अकाउंट से दूसरी सबसे ज्यादा होने वाली गलती है क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट करना. अगर क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान 1 लाख रुपये से ज्यादा कैश में किया जाता है या फिर चेक और ऑनलाइन मिलाकर 10 लाख रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जाता है तो भी इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज सकता है. विभाग इस आंकड़े का इस्तेमाल आपकी इनकम और खर्च के बीच संतुलन और आकलन के लिए करता है.

इनकम टैक्स विभाग उन मामलों में भी नोटिस भेज सकता है, जहां आप बचत खाते से मोटी राशि निकालते हैं. अगर बचत खाते से निकाली गई राशि आपकी इनकम से मेल नहीं खाती है तो यह इनकम टैक्स विभाग की स्क्रूटनी का मामला बन सकता है. अगर आप बिजनेस के लिए ऐसा करते हैं तो इसका प्रूफ या रसीद जरूर संभालकर रखें.

आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने जा रहे हैं, जिसकी कीमत 30 लाख रुपये से ज्यादा है तो इनकम टैक्स विभाग स्टांप ड्यूटी के अनुपात में इसकी गणना करता है. इतना ही नहीं, खरीदार और विक्रेता दोनों की ही इनकम और रिटर्न पर भी नजर रखता है. अगर उसे जरा भी ऊपर-नीचे दिखता है तो निश्चित रूप से टैक्स का नोटिस आ सकता है.

एक और गलती लोग अक्सर कर जाते हैं कि वर्षों से निष्क्रिय पड़े खाते में अचानक बड़े लेनदेन शुरू कर देते हैं. इनकम टैक्स विभाग ऐसे मामलों पर खास नजर रखता है, जहां निष्क्रिय खाता लंबे समय बाद एक्टिव होता है और उसमें बड़ा अमाउंट डाला या निकाला जाता है. अगर आपको ऐसी जरूरत पड़ती है तो इसके सभी दस्तावेज विवरण के लिए जरूर अपने पास संभालकर रखें.

किसी एक वित्तवर्ष के दौरान अगर आपके बचत खाते में 10 लाख रुपये से ज्यादा का विदेशी लेनदेन होता है तो भी आप इनकम टैक्स विभाग के निशाने पर आ सकते हैं. यह लेनदेन फॉरेक्स कार्ड, ड्राफ्ट या इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड से भी होता है तो भी इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है. इसके अलावा अगर बताई गई इनकम से ज्यादा का विदेशी खर्च भी दिखता है तो भी विभाग आपको नोटिस थमा सकता है.

बचत खाते को लेकर एक और मुसीबत आपका इंतजार कर सकती है, क्योंकि अगर आईटीआर में आपकी ओर से बताए गए ब्याज और बैंक की ओर से दिए गए विवरण में अंतर पाया जाता है तो भी नोटिस आ सकता है. ब्याज का यह विवरण इनकम टैक्स विभाग फॉर्म 26AS और AIS में दिए गए डिटेल के आधार पर निकाला जाता है.

बैंक, एनबीएफसी, पोस्ट ऑफिस और म्यूचुअल फंड से ब्याज दरों का भुगतान भी बचत खाते में आता है. ब्याज के अलावा लाभांश और कैपिटल गेन की गणना भी इनकम टैक्स विभाग करता है. अगर आपके बचत खाते में आने वाला ब्याज 10 हजार से कम है तो भी सेक्शन 80TTA के तहत इसकी जानकारी एआईएस में दी जाती है.

भले ही आपके पास कई सेविंग अकाउंट हैं, लेकिन इन सभी से मिले ब्याज दरों का विवरण आपको अपने आईटीआर में जरूर देना पड़ेगा. अगर एक भी बचत खाते के ब्याज का विवरण नहीं भरा तो काफी संभावना है कि इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज सकता है. भले ही यह अमाउंट कितना भी कम क्यों न हो.

ऑनलाइन खरीदारी का बढ़ता क्रेज भी आपको इनकम टैक्स के जाल में फंसा सकता है. अगर आपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड से अमेजन, फ्लिपकार्ट पर ज्यादा बड़ी खरीदारी कर दी तो नोटिस मिल सकता है. कई बार देखा गया है कि किसी बैंक के कार्ड पर मिलने वाली छूट का फायदा उठाने के लिए आपका दोस्त भी इस्तेमाल कर लेता, ऐसी स्थित में भी आपको इनकम टैक्स के नोटिस का सामना करना पड़ सकता है.
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