शाहरुख से लेकर एलन मस्क तक... वर्क लाइफ बैलेंस पर जापानी पीएम ने क्यों लिया इन दिग्गजों का नाम?

5 hours ago

Japan First Female PM Sanae Takaichi: जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची 21 अक्टूबर को इतिहास रच दिया और उन्होंने आधिकारिक रूप से जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया है. 64 वर्षीय ताकाइची ने जापान की जनता को संबोधित करते हुए खुले तौर पर अपने आप को 'आयरन लेडी' बनने की इच्छा जाहिर की. अपने पहले ही संबोधन के दौरान वर्क-लाइफ बैलेंस को पूरी तरह से नकार दिया. वो लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) की नेता हैं LDP और दक्षिणपंथी जापान इनोवेशन पार्टी (इशिन) के गठबंधन ने चुनाव में जीत हासिल किया और ताकाइची को प्रधानमंत्री के लिए बहुमत हासिल हुआ.

लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के सदस्यों को अपने पहले संबोधन में ताकाइची ने अथक समर्पण और दृढ़ता के मूल्यों पर जोर दिया और वर्क-लाइफ बैलेंस की आधुनिक अवधारणा को पूरी तरह से खारिज कर दिया. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, 'मैं अपने वादे निभाऊंगी हम केवल हर पीढ़ी को एकजुट करके और सभी की भागीदारी से पुनर्निर्माण कर सकते हैं. चूंकि हमारी संख्या कम है मैं सभी से काम करने के लिए कहती हूं. घोड़े की रफ्तार से काम करें. मैं स्वयं वर्क-लाइफ बैलेंस की अवधारणा को त्याग दूंगी. मैं काम करूंगी, काम, काम, काम, और सिर्फ काम.' उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है. इस दौरान उन्होंने शाहरुख खान से एलन मस्क तक 5 बड़े दिग्गजों के उदाहरण दिए जिन्होंने काम के प्रति अपना जुनून दिखाया और दुनिया के सामने अपना एक अलग मुकाम स्थापित किया. आइए आपको उनके बारे में बताते हैं.

बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान
जापानी पीएम ने अपने पहले भाषण के दौरान सफलता के लिए वर्क लाइफ बैलेंस को छोड़कर आगे बढ़े बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान का नाम लिया. आपको बता दें कि शाहरुख खान के पास आज वो सब कुछ है जो एक सफल शख्सियत को चाहिए. इस सफलता के लिए शाहरुख खान ने क्या कुछ किया वो सारी बातें उन्होंने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि किस तरह से वो सफलता की भूख लिए हुए करियर में आगे बढ़े थे. शाहरुख ने बताया था कि उन्होंने सफल होने के लिए बड़े बलिदान दिए हैं. चाहे वह शाहरुख का निजी जीवन रहा हो या आराम करने की बात रही है सब कुछ छोड़कर उन्होंने काम... काम और सिर्फ काम को चुना था.  

Add Zee News as a Preferred Source

इंदिरा नूयी
भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी और पेप्सिको की पूर्व सीईओ इंद्रा नूयी का जिक्र भी जापानी पीएम ने किया और बताया कि कैसे इंदिरा नूयी ने वर्क लाइफ बैलेंस को पीछे छोड़कर जीवन में सफलता के शिखर को छुआ. इंदिरा नूयी की असाधारण सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ही हैं.  हाल ही में इंदिरा नूयी के एक पुराने इंटरव्यू की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें वो ये कहते हुए दिखाई दे रही हैं, 'वर्क लाइफ बैलेंस एक मिथक है. इसकी बजाय वे प्राथमिकताओं को संतुलित करने में विश्वास रखती हैं.' 

जेफ बेजोस
एमेजॉन के संस्थापक (Amazon founder) और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक जेफ बेजोस (Jeff Bezos) भी वर्क लाइफ बैलेंस की अवधारणा को नकारने के लिए जाने जाते हैं और इसके बजाय वर्क-लाइफ हार्मनी की आवश्यकता के बारे में बात करते हैं. इस विचार के अनुसार, वर्क-लाइफ हार्मनी का मतलब है एक ऐसा पेशेवर और निजी जीवन जो एक-दूसरे का समर्थन कर सके, न कि एक-दूसरे के साथ संघर्ष में हो. जापानी पीएम ने वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर जेफ बेजोस का भी उदाहरण दिया. 

एलन मस्क
जापानी पीएम ने वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क का नाम भी लिया. एलन मस्क अक्सर अपने असामान्य जीवन विकल्पों चाहे निजी हो या पेशेवर के लिए हमेशा से सुर्खियों में बने रहे. बीते दिनों में मस्क ने सबसे अधिक देर तक काम करने के घंटों की वकालत की थी. वास्तव में, मस्क ने कहा था कि जो लोग जीवन में महानता हासिल करना चाहते हैं, उन्हें प्रति सप्ताह (कम से कम) 80 से 100 घंटे काम करना चाहिए. मस्क ने कहा, 'काम करने के लिए बहुत आसान जगहें हैं, लेकिन 40 घंटे प्रति सप्ताह काम करके किसी ने कभी दुनिया नहीं बदली.' उन्होंने 2018 में एक बार ट्वीट किया था, जिसमें वर्क-लाइफ बैलेंस की बहस पर उनके विचारों की झलक मिलती है.

नारायण मूर्ति
जापानी पीएम ने एक और भारतीय कारोबारी दिग्गज का जिक्र वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर किया था. इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति जिन्होंने बीते दिनों सप्ताह में 70 घंटे के कार्य करने की जरूरत की वकालत की थी. नारायण मूर्ति ने एक बार कहा था कि पूरे देश की प्रगति के लिए आवश्यक है. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा था, 'अपने पूरे जीवन में मैंने सप्ताह में साढ़े छह दिन प्रतिदिन 14 घंटे से ज़्यादा काम किया है... अगर हम चाहते हैं कि भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करे, तो भारतीयों को कड़ी मेहनत करने के लिए तैयार रहना होगा. सबसे बुद्धिमान व्यक्ति भी निरंतर प्रयास के बिना सफलता प्राप्त नहीं कर सकता.'

यह भी पढ़ेंः फेमस PM ने मारा-पीटा और दरिंदगी के साथ किया रेप, किताब में इस दावे से मचा हड़कंप

Read Full Article at Source