DNA में हम बांग्लादेश में पनप रही ऐसी साजिश से पर्दा उठाने वाले हैं जो सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे एशिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है. इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स से ये पता चला है कि कि बांग्लादेश में यूनुस सरकार एक इस्लामिक आर्मी खड़ी कर रही है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस्लामिक आर्मी तैयार करने में बांग्लादेश को पाकिस्तान का साथ मिल रहा है. अब सवाल उठता है कि जब बांग्लादेश में पहले से ही आर्मी है तो फिर एक नई इस्लामिक फौज बनाने का मकसद क्या है? इसमें पाकिस्तान का रोल क्या है और ये भारत के लिए कितना बड़ा खतरा है.
इन सवालों का जवाब जानने से पहले आप, पहले पूरी खबर जान लीजिए. यूनुस सरकार जिस इस्लामिक आर्मी को तैयार कर रही है उसका पूरा नाम है इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी यानी IRA. खबर है कि IRA की स्थापना का पहला चरण फिलहाल चल रहा है. इसमें भर्ती के लिए बांग्लादेश में सात अलग अलग कैंप चलाए जा रहे हैं, जहां 10 हजार कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है. जिस तरह से यूनुस सरकार इस्लामिक फौज खड़ी कर रही है उससे ये कहा जा सकता है कि वो ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की राह पर चल पड़ी है. ऐसा क्यों कहा जा रहा है? इसे समझने से पहले आपको ये समझना होगा कि बांग्लादेश की ये इस्लामिक आर्मी है क्या? और इसे तैयार करने में पाकिस्तान क्या रोल निभा रहा है?
हाइब्रिड विचारधारा वाली फौज
यूनुस जो आर्मी खड़ी कर रहा है वो कोई साधारण मिलिट्री नहीं है, बल्कि एक हाइब्रिड विचारधारा वाली फौज है जिसका हर फौजी आधा सैनिक, आधा जिहादी होगा. इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी देश से ज्यादा मौजूदा सरकार के लिए वफादार रहेगी और इस जिहादी फौज को तैयार करने की जिम्मेदारी मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान की मुनीर फौज को दी है. जिसे हम, आतंकी सेना कहते हैं. IRA ट्रेनिंग सेंटर्स को पाकिस्तानी सेना और ISI के पूर्व अधिकारी संचालित कर रहे हैं.
ट्रेनिंग सेंटर को चलाने के लिए पाकिस्तान दे रहा हथियार
इन ट्रेनिंग सेंटर्स को चलाने के लिए पैसा और हथियार भी पाकिस्तान से ही आ रहा है. सोचिए, अपने नागरिकों के पेट भरने के लिए पाकिस्तान के पास पैसा नहीं है लेकिन बांग्लादेश को इस्लामिक आर्मी बनाने के लिए वो पैसा भी दे रहा है और हथियार भी. बांग्लादेश की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी को ईरान की Islamic Revolutionary Guard Corps यानी IRGC की तर्ज पर बनाया जा रहा है. यूनुस IRGC की तर्ज पर ही एक कट्टरपंथी फौज तैयार करना चाहता है. जो बांग्लादेश को एक इस्लामिक राज्य के तौर पर स्थापित करने में मदद करेगा. इसी वजह से कहा जा रहा है कि यूनुस, खामेनेई की तरह खलीफा बनने की राह पर है.
कब हुआ IRGC का जन्म हुआ?
ईरान में 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद IRGC का जन्म हुआ. इसी तरह से शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस ने सत्ता में आते ही IRA के गठन की तैयारी शुरू कर दी है. यानी 'इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी आर्मी' को IRGC का क्लोन कहा जा रहा है. यूनुस की इस्लामिक आर्मी भारत के साथ साथ पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि जिस IRGC की तर्ज पर बांग्लादेश की इस्लामिक आर्मी को तैयार किया जा रहा है उसी ने हिजबुल्लाह, हमास जैसे आतंकी संगठनों को जन्म दिया और आज मिडिल ईस्ट का 'एक्सिस ऑफ रेसिस्टेंस' चलाता है. ऐसे में यूनुस के इस जिहादी प्लान को जल्द से जल्द फेल करना बहुत जरूरी हो गया है.
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