Last Updated:October 23, 2025, 18:23 IST
India US Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात कब होगी, इसे लेकर एक्सपर्ट के अपने अनुमान हैं. दूरी बनाने के कई कारण भी बताए जा रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात को लेकर कई बार खबरें आईं, लेकिन हर बार वो अटकलें साबित हुईं. गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया कि पीएम मोदी इस हफ्ते मलेशिया में होने वाले ASEAN समिट में वर्चुअली शामिल होंगे, जिससे ट्रंप से साइडलाइन मीटिंग की संभावना भी खत्म हो गई. सामरिक मामलों के एक्सपर्ट मान रहे कि यह फैसला जानबूझकर ट्रंप से दूरी बनाने के लिए लिया गया है, क्योंकि ट्रंप जिस तरह की बातें कर रहे हैं, वह भारत के लिए ठीक नहीं है. ऐसे में क्या ट्रंप की पीएम मोदी से मुलाकात की संभावनाएं खत्म हो गई हैं? आखिर पीएम मोदी डोनाल्ड ट्रंप से कब मिलना चाहेंगे. क्या होगी वो शर्त? कूटनीतिक मामलों के जानकार ब्रह्म चेलानी ने एक्स पर लिखा, पीएम मोदी ट्रंप से तभी मिलना चाहेंगे, जब ट्रेड डील फाइनल हो जाए – उससे पहले नहीं! आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और इसके मायने क्या हैं?
आसियान समिट इस वीकेंड कुआलालंपुर में हो रही है, जहां ट्रंप अपनी पहली एशियन टूर पर पहुंच रहे हैं. लेकिन पीएम मोदी ने ऐलान किया कि वो फिजिकली नहीं जाएंगे, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे. आधिकारिक वजह शेड्यूलिंग बताई जा रही है, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे ट्रंप की ‘मर्क्यूरियल’ यानी अनिश्चित पर्सनैलिटी और उनकी भारत विरोधी नीतियों से जोड़ रहे हैं. ब्रह्मा चेलानी ने लिखा, पीएम मोदी का आसियान समिट स्किप ट्रंप से दूरी रखने का जानबूझकर कदम है, जो हाई टैरिफ और सेकंडरी सैंक्शंस से भारत पर दबाव बनाए हुए हैं.
पॉलिटिकल ट्विस्ट क्यों
ये पहली बार नहीं है जब मोदी आसियान समिट स्किप कर रहे हैं. पिछले साल भी ऐसा हुआ था, लेकिन इस बार ट्रंप की मौजूदगी इसे पॉलिटिकल ट्विस्ट दे रही है. रॉयटर्स के मुताबिक, ये फैसला ट्रंप- पीएम मोदी मीटिंग को रूल आउट करता है, और ट्रेड नेगोशिएशंस में रुकावट को हाइलाइट करता है. एक्स पर कई एक्सपर्ट ने लिखा, पीएम मोदी ट्रंप से मिलने से बच रहे हैं ताकि डील के बिना कोई प्रेशर न पड़े.
क्यों हो रहा है ऐसा?
ट्रंप के दूसरे टर्म में भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास आई है. ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए हैं. कह रहे कि पहले रूस से तेल की खरीद बंद करो और भारत ये मानने के लिए तैयार नहीं है. ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी ऑयल कम करने का वादा किया है, लेकिन चेलानी कहते हैं कि ये ट्रंप की ‘स्ट्रॉ क्लचिंग’ यानी हवा में बातें है. भारत का मंथली ऑयल इंपोर्ट डेटा पूरी दुनिया के सामने है, जो बताता है कि भारत ने तेल खरीद घटाया नहीं, बल्कि बढ़ा दिया है.
While keeping up his squeeze on India with sky-high tariffs, Trump continues his personal outreach to Modi as part of his negotiating tactics — even conveying Diwali greetings by phone, albeit after the festival.
He has now revised what Modi supposedly told him: it is not that…
ट्रेड डील नेगोशिएशंस महीनों से चल रही हैं, लेकिन रूसी ऑयल सैंक्शंस ने इसे मुश्किल कर दिया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, डील से टैरिफ में कमी आ सकती है, लेकिन ट्रंप की सौदाेबाजी वाली विदेश नीति भारत को परेशान कर रही है. मोदी-ट्रंप की हालिया फोन कॉल में दिवाली पर बधाइयां आईं, लेकिन यहां भी ट्रंप ने रूसी तेल वाला राग छेड़ दिया. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति बनाए रखना चाहता है और रूस से तेल खरीदकर महंगाई कंट्रोल करता है. जबकि ट्रंप की पॉलिसी से भारत को नुकसान हो रहा है, इसलिए मोदी डील के बिना मीटिंग से बच रहे हैं.
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
ब्रह्म चेलानी कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप से सिर्फ ट्रेड डील के बाद मिलना पसंद करेंगे. चेलानी के दूसरे ट्वीट में ट्रंप के एशियन टूर का जिक्र है, जहां वो मलेशिया से जापान और साउथ कोरिया जाएंगे, लेकिन उनकी इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी क्या है, इसके बारे में कोई कुछ नहीं जानता. इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपर्ट्स सलाह दे रहे हैं कि लास्ट-मिनट प्रेशर में न झुकें, क्योंकि ट्रंप अक्सर एग्रीमेंट्स से मुकरते हैं.
इसके मायने क्या हैं?
ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी से भारत जैसे पार्टनर्स पर दबाव बढ़ा है, जिससे क्वाड (Quad) जैसे अलायंस पर सवाल उठ रहे हैं. अगर ट्रेड डील नहीं हुई, तो टैरिफ वॉर बढ़ सकता है, जो भारत की एक्सपोर्ट्स को नुकसान पहुंचाएगा. लेकिन भारत की स्ट्रैटेजी स्मार्ट है. डील के बिना मीटिंग से बचकर प्रधानमंत्री मोदी प्रेशर से दूर रह रहे हैं और घरेलू पॉलिटिक्स में मजबूत दिख रहे हैं. ट्रंप जानते हैं कि इंडो-पैसिफिक में चीन के खिलाफ बैलेंस बनाने के लिए यूएस-इंडिया पार्टनरशिप जरूरी है, लेकिन अमेरिका की अनप्रेडिक्टेबल नीतियां इसे कमजोर कर रही हैं. नेगोशिएशंस आने वाले हफ्तों में जारी रहेंगी और अगर डील हुई तो पीएम मोदी-ट्रंप की मीटिंग जल्द हो सकती है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
October 23, 2025, 18:23 IST