रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे हैदराबाद के अहमद, AIMIM ने वापसी की मांग

4 hours ago

Hyderabad: हैदराबाद से एक चौंकाने वाली खबर आई है, जिसमें 37 साल के मोहम्मद अहमद रूस में फंस गए हैं. वे अप्रैल 2025 में तेलंगाना से रूस गए थे, यह सोचकर कि उन्हें वहां निर्माण कार्य की नौकरी मिलेगी. लेकिन कुछ ही हफ्तों उन्होंने खुद को रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फंसा हुआ पाया, उनके नौकरी एजेंट ने कथित तौर पर धोखा दिया और उन्हें युद्ध में लड़ने के लिए भेज दिया.

अब उनकी पत्नी, अफशा बेगम, जो हैदराबाद की निवासी हैं, ने विदेश मंत्रालय से 37 साल के अहमद को बचाने की अपील की है. अफ्शा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को लिखे पत्र में बताया कि मुंबई की एक कंसल्टेंसी फर्म ने उनके पति को रूस में एक निर्माण कंपनी में नौकरी का ऑफर दिया था. समझौते के अनुसार, अहमद अप्रैल 2025 में भारत से रवाना हुए और रूस पहुंचे.

दूरस्थ इलाके में हथियारों की ट्रेनिंग दी गई

अफशा ने आगे दावा किया कि उनके पति को लगभग एक महीने तक काम नहीं दिया गया और फिर 30 अन्य लोगों के साथ उन्हें एक दूरस्थ इलाके में उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग के बाद, 26 लोगों को यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए सीमा क्षेत्र में ले जाया गया. सीमा क्षेत्र में ले जाते समय, अहमद सेना के वाहन से कूद गया, जिससे उसके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया. उसने लड़ने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि लेकिन उसे धमकी दी जा रही है कि या तो वह यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़े या मारा जाएगा. अफ्शा ने सरकार से अपील की कि उनके पति की तुरंत वतन वापसी की व्यवस्था की जाए, क्योंकि वह परिवार के एकमात्र कमाने वाले हैं, जिसमें उनकी लकवाग्रस्त मां, खुद अफ्शा और उनके दो बच्चे, जिनकी उम्र 10 और 4 साल है, शामिल हैं.

अहमद ने जारी किया वीडियो संदेश

अपने वीडियो संदेश में अहमद ने कहा कि जहां मैं हूं, वह एक सीमा है और वहां युद्ध चल रहा है. हम चार भारतीयों ने युद्ध क्षेत्र में जाने से मना कर दिया. उन्होंने हमें लड़ने की धमकी दी और मुझ पर और एक अन्य व्यक्ति पर हथियार तान दिया. उन्होंने मेरी गर्दन पर बंदूक रखी और कहा कि वे मुझे गोली मार देंगे और इसे ड्रोन से मारे जाने का नाटक करेंगे. मेरे पैर में प्लास्टर है और मैं चलने में असमर्थ हूं. कृपया उस एजेंट को न बख्शें जिसने मुझे यहां (रूस) भेजा. उसने मुझे इस सब में फंसा दिया.

पिछले हफ्ते अहमद की पत्नी और परिवार ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया और उनसे अहमद को हैदराबाद वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया. परिवार के अनुरोध पर, ओवैसी ने विदेश मंत्रालय और रूस में भारतीय दूतावास से भी अहमद को वापस लाने में मदद करने की अपील की है.

AIMIM President Barrister @asadowaisi ne Russia mein maujood Hindustani Embassy se darkhwast ki hai ke Hyderabad ka ek naujawan, Mohammed Ahmed, jise zabardasti Ukraine ki jung mein bhej diya gaya hai, uski wapsi ka intezam kiya jaye.
Barrister Owaisi ne apne letter mein likha ke… pic.twitter.com/RFzXXf6Wry

27 और भारतीय नागरिकों को रिहा करने की अपील

दूतावास को लिखे अपने पत्र में, AIMIM प्रमुख ने अधिकारियों से अहमद की सुरक्षित वापसी के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह किया है. भारतीय दूतावास के सलाहकार ताडु मामू ने कहा कि दूतावास ने अहमद की जानकारी रूसी अधिकारियों के साथ साझा की है और उनसे अनुरोध किया है कि वे उसे जल्द से जल्द रूसी सेना से मुक्त कर भारत सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें.

दूतावास रूसी सेना में भारतीय नागरिकों के सभी मामलों को प्राथमिकता के साथ देख रहा है. अधिकारी ने आगे कहा कि दूतावास अहमद के परिवार को किसी भी नए अपडेट के बारे में सूचित करता रहेगा. पिछले महीने, भारत ने रूस से हाल ही में रूसी सेना में भर्ती किए गए 27 और भारतीय नागरिकों को रिहा करने का अनुरोध किया था.

भारतीय कर रहे हैं रूसी सेना के साथ काम 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने कहा कि नई दिल्ली को पता चला है कि और भी भारतीय रूसी सेना के साथ काम कर रहे हैं, जिनकी जानकारी उनके परिवारों से मिली है. हमारी जानकारी के अनुसार, 27 भारतीय नागरिक वर्तमान में रूसी सेना में सेवा दे रहे हैं. हम इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी करीबी संपर्क में हैं.

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