Last Updated:October 23, 2025, 10:54 IST
India-Russia Trade Deal : अमेरिका की सख्ती और प्रतिबंधों के बीच भारत और रूस के संबंध और भी मजबूत होते जा रहे हैं. भारत ने रूस में अपनी पहली उत्पादन इकाई लगाने का प्लान भी तैयार कर लिया है.

नई दिल्ली. अमेरिका ने भारत और रूस के बीच दीवार खड़ी करने की जितनी ज्यादा कोशिश की है, दोनों के रिश्ते उतने ही मजबूत होते गए हैं. खासकर डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और रूस के संबंधों पर बहुत ज्यादा दबाव डाला गया. इन दबावों के बीच पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने दुनियाभर के मंचों पर अपने संबंधों को और विश्वसनीय बनाने की प्रतिबद्धता जताई है. भारत अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए पहली बार रूस में फर्टिलाइजर्स कंपनी लगाने की तैयारी कर रहा है. जाहिर है कि इस कदम से अमेरिकी राष्ट्रपति को एक बार फिर बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि उनकी मंशा औंधे मुंह गिरती नजर आ रही है.
इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, मामले से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि भारत की यह मंशा देश में फर्टिलाइजर्स सप्लाई को बेहतर बनाने के लिए है. प्रस्तावित प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय रसायन एवं फर्टिलाइजर्स, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और इंडियन पोटाश लिमिटेड ने मिलकर बनाया है. इसका मकसद रूस में मौजूद प्राकृतिक गैस और अमोनिया के विशाल भंडार और कच्चे माल की उपलब्धता का फायदा उठाना है. भारत को इन कच्चे माल की काफी जरूरत है, ताकि देश में उर्वरक की कमी को पूरा किया जा सके.
कब होगी योजना की घोषणा
अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट की आधिकारिक घोषणा दिसंबर में होने वाली रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हो सकती है. यह प्रोजेक्ट भारत-रूस के व्यापारिक संबंधों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत होगी. देश की पोटाश कंपनी ने रूसी कंपनियों के साथ कुछ भागीदारियां भी की हैं. अभी तक भारत की तीनों सरकारी फर्टिलाइजर्स कंपनियों ने रूस की कंपनियों के साथ कुछ समझौते भी कर लिए हैं. पुतिन के भारत दौरे के बाद इसका काम जमीन पर उतर सकता है.
कितने उत्पादन का अनुमान
भारत के सहयोग से रूस में शुरू होने वाली यूनिट से सालाना 20 लाख टन यूरिया के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है. फिलहाल जमीन अधिग्रहण, प्राकृतिक गैस और अमोनिया की कीमतों व लॉजिस्टिक्स की लागत को लेकर मोलभाव किया जा रहा है. मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को लेकर दोनों पक्ष ही गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं, जिससे लगातार प्रोगेस दिख रहा है. यही वजह है कि दिसंबर में पुतिन के आने के बाद इसकी ऑफिशियल घोषणा की जा सकती है.
भारत के लिए रूस ही क्यों?
रूस का विशाल गैस और अमोनिया का भंडार भारत को स्वाभाविक रूप से उसका साझेदार बनाता है. भारत अभी दुनिया का सबसे बड़ा फर्टिलाइजर्स उपभोक्ता है. अगर रूस के साथ यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो निश्चित रूप से भारत के आयात में बड़ी कटौती हो सकती है. इससे भविष्य में फर्टिलाइजर्स की सप्लाई को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. खासकर पिछले 2 साल में भारत को फर्टिलाइजर्स का आयात ऊपर-नीचे होता रहा है. इस दौरान चीन ने भी भारत को फर्टिलाइजर्स की सप्लाई कम कर दी थी.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 23, 2025, 10:53 IST