Last Updated:May 05, 2025, 19:07 IST
Indus Water Treaty Suspended: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है. बगलिहार डैम से पाकिस्तान की ओर बहता पानी भी रोक दिया गया ह...और पढ़ें

पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी का बहाव अब 90% तक कम हो चुका है. (फोटो PTI)
हाइलाइट्स
भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड किया.बगलिहार डैम से पाकिस्तान की ओर पानी रोक दिया गया.पाकिस्तान की ओर पानी का बहाव 90% तक कम हुआ.Indus Water Treaty Suspended: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया है. यह वो संधि है जिसे भारत ने 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी जारी रखा था.
सूत्रों के मुताबिक भारत ने अब चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम से पाकिस्तान की ओर जाने वाला पानी रोक दिया है. यही नहीं भारत झेलम नदी पर स्थित किशनगंगा परियोजना से भी पानी का बहाव कम करने की दिशा में काम कर रहा है.
पाकिस्तान को बूंद-बूंद करने की तैयारी
भारत का यह कदम साफ दिखाता है कि वह अब पाकिस्तान की हरकतों को नजरअंदाज नहीं करेगा. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सिंधु नदी की एक भी बूंद पाकिस्तान नहीं जाएगी. यह कदम कूटनीतिक दबाव बनाने के लिहाज से पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है.
पानी का बहाव अब 90% तक कम
सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी का बहाव अब 90% तक कम हो चुका है. वहीं किशनगंगा बांध से पानी रोकने की योजना भी तेजी से तैयार की जा रही है. इसके तहत झेलम नदी से जुड़ी SHP यानी स्मॉल हाइड्रो पावर परियोजनाओं को फिर से सक्रिय किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक पानी भारत के उपयोग में लाया जा सके.
क्यों अहम है सिंधु जल संधि?
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई यह संधि भारत-पाक संबंधों का अहम हिस्सा रही है. इसमें भारत को तीन पूर्वी नदियों और पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार दिया गया था. लेकिन अब भारत का रुख पूरी तरह बदल चुका है. सरकार अब इस संधि को अपनी रणनीतिक ताकत की तरह इस्तेमाल कर रही है.
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