ड्रोन से आए हथियार, हवाला से गया पैसा... रांची में टेरर फंडिंग साजिश का खुलासा

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Last Updated:October 24, 2025, 11:36 IST

Ranchi Crime News : रांची की गलियों से उठी गैंगवार अब देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गई है. प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा का गठजोड़ सिर्फ अपराध की दुनिया में नहीं, बल्कि आतंक की स्याह गलियों में भी अपने पैर पसार चुका है. रांची पुलिस की जांच में जो खुलासे हुए हैं इसने पूरे सिस्टम को हिला दिया है, क्योंकि अब साफ हो चुका है कि ये गैंग सिर्फ रंगदारी नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की टेरर फंडिंग में भी शामिल था.

ड्रोन से आए हथियार, हवाला से गया पैसा... रांची में टेरर फंडिंग साजिश का खुलासापाकिस्तान आतंकियों से जुड़े थे सुजीत सिन्हा और प्रिंस खान के तार, रांची पुलिस ने दोनों गिरोह पर टेरर फंडिंग का मामला किया दर्ज

रांची. झारखंड की राजधानी रांची में प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा गैंग के गठजोड़ न सिर्फ झारखंड बल्कि देश के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुका है. रांची पुलिस जांच में सामने आया है कि रांची में सक्रिय प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा गैंग ने अपराध की दुनिया से निकलकर आतंक के कारोबार तक अपने नेटवर्क फैला लिए थे. दोनों गिरोह ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भेजे गए हथियार पंजाब के रास्ते झारखंड मंगवा रहे थे और हवाला चैनल से पैसा यूएई होते हुए पाकिस्तान पहुंचा रहे थे. इतना ही नहीं, इस कनेक्शन में सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा समेत 14 लोगों के नाम सामने आए हैं. इनके खिलाफ बीआईटी ओपी में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 (Unlawful Activities Prevention Act 1967) यानी यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मामले में रांची पुलिस ने जो खुलासे किए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं. दरअसल, इन दोनों गिरोहों के द्वारा जो हथियार खरीदे जा रहे थे, उनके तार आतंकी संगठनों से जुड़े थे. इसके एवज में वे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों को पैसा मुहैया करा रहे थे. इसे लेकर इन दोनों के साथ इस गिरोह से जुड़े 14 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस एफआईआर में सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा का भी नाम शामिल है. पुलिस के अनुसार, बीआईटी ओपी में इनके खिलाफ यूएपी एक्ट 1967 (टेरर फंडिंग) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

गिरफ्तारी और चौंकाने वाले खुलासे

टेरर फंडिंग का केस पाकिस्तान से हथियार मंगाने और आतंकी संगठनों को हवाला के जरिए पैसे भेजने के मामले में इनके खिलाफ टेरर फंडिंग का मामला दर्ज किया गया है. इसमें कुल 14 लोगों के नाम शामिल हैं जिनमें कुख्यात प्रिंस खान, सुजीत सिन्हा के अलावा रिया सिन्हा, उसके गुर्गे बबलू खान उर्फ इनामुल हक, रवि आनंद, मो. शाहीद, मो. सेराज, जितेश कुमार, संतोष मिश्रा, मयंक कुमार, राजू महतो, सुमित वर्मा, अभिषेक कुमार राम, प्रिंस मिश्रा, मुदस्सिर और रमिज के नाम शामिल हैं.

पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से जुड़े तार

रांची पुलिस की जांच और पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से हथियार पंजाब इलाके में ड्रॉप किए जाते थे और फिर ये हथियार विभिन्न रास्तों से होते हुए झारखंड पहुंचते थे. इन हथियारों के पैसे हवाला के जरिए यूएई और फिर पाकिस्तान भेजे जाते थे. पाकिस्तान से हथियार का ऑर्डर देने और पैसे पहुंचाने का काम प्रिंस खान का था। वहीं, हथियारों की अंतिम डिलीवरी का काम लड़कियां करती थीं.

रांची पुलिस ने प्रिंस खान-सुजीत सिन्हा गैंग के आतंक लिंक का खुलासा, गिरोह के पाकिस्तान से जुड़े टेरर फंडिंग नेटवर्क का बड़ा खुलासा

जंगी ऐप के जरिए होती थी प्लानिंग

रांची पुलिस ने बताया है कि सुजीत सिन्हा और प्रिंस खान के गुर्गे जिन व्यवसायियों को धमकी देते थे उसके लिए पूरी प्लानिंग जंगी ऐप के जरिए की जाती थी. इसी प्लेटफॉर्म पर व्यवसायियों के नंबर प्रोवाइड किए जाते थे जिसके बाद एक्सटॉर्शन का खेल शुरू होता था. व्यवसायियों का नंबर जुगाड करने का काम रवि उर्फ सिंघा करता था.

झारखंड और यूएई का कॉकटेल

पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि यूएई में बैठा कुख्यात अपराधी प्रिंस खान को झारखंड से ही धमकी भरा वीडियो बनाकर भेजा जाता है. जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा अपने गुर्गों से वीडियो बनवाता था और फिर उसे प्रिंस खान को सीधे भेज देता था. उसी वीडियो को प्रिंस डॉक्टर, इंजीनियर, व्यवसायियों और कारोबारियों को भेजकर रंगदारी की धमकी देता था. रंगदारी की रकम देने में आनाकानी करने वाले कारोबारियों के घर के बाहर गैंगस्टर के गुर्गों के जरिए फायरिंग की घटनाएं अंजाम दी जाती थीं.

आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती

रांची पुलिस के इस खुलासे ने झारखंड में अपराध और आतंक के गठजोड़ की भयावह तस्वीर सामने रख दी है. अब सवाल यह है कि जब गैंगस्टर जेल में बैठकर विदेश में बैठे अपने साथी से हथियार और फंडिंग का सौदा कर सकते हैं, तो सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी व्यवस्था कहां चूक रही है? प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा का यह गठजोड़ सिर्फ झारखंड की नहीं, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है.

Location :

Ranchi,Jharkhand

First Published :

October 24, 2025, 11:36 IST

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