Last Updated:October 24, 2025, 14:04 IST
Viral Video: स्कूली बच्चों की उंगलियां अब पेपर से ज्यादा मोबाइल या टैब पर चलती हैं. इसका सीधा असर उनकी हैंडराइटिंग यानी लिखावट पर देखा जा सकता है. हैंडराइटिंग कोच सीमा ने वीडियो शेयर कर बताया कि किस तरह की पेंसिल से लिखने पर बच्चों की लिखावट सुधर सकती है.
Viral Video: अच्छी हैंडराइटिंग के लिए पेंसिल पर सही ग्रिप होना जरूरी हैनई दिल्ली (Viral Video). डिजिटल युग में हर काम उंगलियों के इशारे पर हो रहा है. लेकिन अब भी अच्छी हैंडराइटिंग का महत्व कम नहीं हुआ है. सीखने के शुरुआती दिनों में लिखावट एक ऐसी नींव है, जो आत्मविश्वास देती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चों की हैंडराइटिंग को सुंदर बनाने में सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि सही पेंसिल का चुनाव भी बड़ी भूमिका निभाता है? अक्सर माता-पिता बच्चों को कोई भी पेंसिल थमा देते हैं लेकिन हैंडराइटिंग कोच सीमा का मानना है कि यह गलती लिखने की स्पीड और सुंदरता बिगाड़ सकती है.
पेंसिल का साइज, उसका आकार और लीड की क्वॉलिटी- ये तीनों चीजें मिलकर तय करती हैं कि बच्चा लिखते समय कितना सहज महसूस करेगा और उसकी लिखावट कितनी साफ होगी. अगर पेंसिल पकड़ने में तकलीफ हुई तो बच्चा लिखने से कतराएगा. इसलिए बच्चे के लिए ‘सही’ पेंसिल चुनना बहुत जरूरी काम है. इसे भूलकर भी नजरअंदाज न करें. हैंडराइटिंग कोच सीमा ने वायरल वीडियो में पेंसिल चुनना और उसका इस्तेमाल करना सिखाया है. हैंडराइटिंग का असली जादू बच्चे की पेंसिल में ही छिपा है.
पतली पेंसिल, भारी दबाव: क्यों बिगड़ती है लिखावट?
हैंडराइटिंग कोच सीमा बताती हैं कि ज्यादातर बच्चे लिखते समय पेंसिल पर बहुत प्रेशर डालते हैं. जब पेंसिल की लिखावट हल्की होती है तो बच्चे ज्यादा दबाकर लिखते हैं. इससे उनके हाथ जल्दी थक जाते हैं और उंगलियों में दर्द होने लगता है. बार-बार हाथ थकने से बच्चा बीच में ही लिखना छोड़ देता है या उसकी हैंडराइटिंग बिगड़ जाती है. गलत साइज और आकार की पेंसिल पकड़ने से उनकी ग्रिप भी ठीक से नहीं बन पाती. बच्चे पेंसिल को बहुत आगे से पकड़ते हैं या मुट्ठी की तरह जकड़ लेते हैं, जो सही ‘ट्राइपॉड ग्रिप’ के विकास में बाधा डालता है.
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हैंडराइटिंग सुधारने वाली 3 खास तरह की पेंसिल
बच्चों के कोमल हाथों के लिए एक ऐसी पेंसिल चुनना जरूरी है, जो उन्हें कम मेहनत में भी गाढ़ा और साफ लिखने दे. हैंडराइटिंग कोच सीमा ने बच्चों की शुरुआती लिखावट को बेहतर बनाने के लिए 3 मुख्य बातों पर जोर दिया है, जो पेंसिल के चुनाव से जुड़ी हैं:
1. पेंसिल की लीड: ‘डार्क’ और ‘सॉफ्ट’ है जरूरी
बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है पेंसिल की लीड की क्वॉलिटी.
HB नहीं, ‘डार्क’ पेंसिल: सीमा के अनुसार, बच्चों को ऐसी पेंसिल दें जो डार्क (गाढ़ा) लिखती हो. ज्यादातर स्कूली बच्चे HB ग्रेड की पेंसिल इस्तेमाल करते हैं, जो हल्की होती है. इसके बजाय 2B या उससे भी ज्यादा डार्क (जैसे 4B या 6B) पेंसिल चुनें.
दबाव कम: डार्क पेंसिल से फायदा यह होता है कि बच्चे को गाढ़ा लिखने के लिए ज्यादा दबाव नहीं डालना पड़ता है. कम दबाव से हाथ नहीं थकता और लिखावट भी साफ बनती है.
2. पेंसिल का आकार: गोल नहीं, ‘तिकोनी’ है परफेक्ट ग्रिप
शुरुआती लेखन में ग्रिप बनाना सबसे मुश्किल होता है.
ट्राइपॉड ग्रिप: छोटे बच्चों के लिए तिकोने आकार (Triangular Shape) की पेंसिल सबसे बेहतरीन होती है. इसे ‘ट्राइपॉड ग्रिप’ (तीन उंगलियों से पकड़ने का सही तरीका) सिखाने के लिए डिजाइन किया गया है.
फायदा: तिकोनी या हेक्सागोनल (छह-कोणीय) पेंसिल गोल पेंसिल की तुलना में उंगलियों के बीच बेहतर पकड़ बनाती हैं, जिससे पेंसिल फिसलती नहीं और बच्चे सहजता से लिख पाते हैं.
3. पेंसिल का साइज: मोटी (जम्बो) पेंसिल है बेस्ट
छोटे बच्चों के हाथों की मांसपेशियां (Muscles) अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती हैं.
जम्बो पेंसिल: प्री-स्कूल और किंडरगार्टन के बच्चों को मोटी (Jumbo) पेंसिल देनी चाहिए.
आसान कंट्रोल: मोटी पेंसिल बच्चों के छोटे हाथों को बेहतर कंट्रोल (नियंत्रण) देती है. इसे पकड़ने के लिए उन्हें ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता और उंगलियों की थकान कम होती है.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...
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First Published :
October 24, 2025, 14:04 IST

4 hours ago
