जब सत्यपाल मलिक की 'बेबाक आवाज' ने नीतीश सरकार को कर दिया था असहज!

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Last Updated:August 05, 2025, 14:43 IST

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दिल्ली के RML अस्पताल में निधन हो गया. लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे मलिक बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे. बिहार में उनके कार्यकाल की एक दिलचस्प कहानी मुजफ्फरप...और पढ़ें

जब सत्यपाल मलिक की 'बेबाक आवाज' ने नीतीश सरकार को कर दिया था असहज!बिहार के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड पर नीतीश सरकार को पत्र लिखा था.

हाइलाइट्स

लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के RML अस्पताल में सत्यपाल मलिक का निधन हुआ. बिहार के राज्यपाल के रूप में सत्यपाल मलिक ने प्रदेश में सुशासन पर जोर दिया. सत्यपाल मलिक ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में निष्पक्ष जांच के लिए पत्र लिखा.

पटना. सत्यपाल मलिक को सितंबर 2017 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उत्तर प्रदेश के बागपत के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मलिक ने अपने सियासी करियर की शुरुआत 1960 के दशक में राम मनोहर लोहिया के समाजवादी विचारों से प्रेरित होकर की थी. यही कारण रहा कि कई बार उन्होंने अपने इस आदर्श को अपने आचरण के माध्यम से भी सामने रखा, बिहार में उनके कार्यकाल (2017-2018) के दौरान उन्होंने सुशासन और पारदर्शिता पर जोर दिया, लेकिन मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड पर उनकी टिप्पणी ने जहां विवाद खड़ा किया, वहीं यह उनके साहस और निष्पक्षता की नीति को भी चर्चा में ला दिया.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड पर बेबाक रुख

बता दें कि 2018 में मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया था. इस कांड ने बिहार की नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. उस समय सत्यपाल मलिक बिहार के राज्यपाल थे और उन्होंने अपने पत्र से नीतीश सरकार को स्तब्ध कर दिया था. दरअसल, इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सत्यपाल मलिक ने शेल्टर होम्स की नियमित सामाजिक जांच के लिए संस्थागत तंत्र विकसित करने की मांग की थी. इसको लेकर उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी पत्र लिखा था.

34 लड़कियों से रेप पर बिहार में हुआ था बवाल

दरअसल, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था. इस मामले में 42 नाबालिग लड़कियों के मेडिकल जांच में 34 लड़कियों के साथ रेप की पुष्टि हुई थी. राज्यपाल ने इसे शर्मनाक बताते हुए नीतीश सरकार को फटकार लगाई थी. उन्होंने पत्र में लिखा था कि इस मामले में सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए. इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. सरकार पर आरोप था कि वह इस मामले में ढिलाई बरत रही है, लेकिन बाद में सरकार ने कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को निलंबित किया था. बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड ने बिहार में बड़े पैमाने पर हंगामा मचाया था और इसने राज्य की सरकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका पर सवाल उठाए थे.

31 अक्टूबर 2017 को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. 

क्या था मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड?

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड 2018 में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का मामला था. इस मामले में 42 नाबालिग लड़कियों के मेडिकल जांच में 34 लड़कियों के साथ रेप की पुष्टि हुई थी. इस मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर था. खास बात यह कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता था और शेल्टर होम का संचालन करता था. इस मामले में कई अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका संदिग्ध थी, जिन्होंने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया था और इसे शर्मनाक बताया था. हालांकि, तब इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था और कई अधिकारियों को निलंबित किया गया था. इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी और बाद में कई आरोपियों को सजा सुनाई गई.

सत्यपाल मलिक का हमेशा ही विवादों से नाता रहा

सत्यपाल मलिक की बेबाकी ने उन्हें सत्ता पक्ष के लिए असहज बना दिया था, क्योंकि उस समय नीतीश कुमार की जेडीयू बीजेपी की सहयोगी थी. फिर भी सत्यपाल मलिक ने आवाज उठाई. उनके इस कदम ने बिहार में सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों को सरकार पर हमले का मौका दिया. सत्यपाल मलिक के इस पत्र ने बिहार के लोगों के बीच उनकी छवि को मजबूत की. बता दें कि इस मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बाद में सजा हुई थी.

मुजफ्फरपुर शेल्टर कांड के अलावा भी कई काम किये

सत्यपाल मलिक का बिहार से गहरा नाता रहा. मुजफ्फरपुर कांड के अलावा उन्होंने बिहार में शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों पर भी ध्यान दिया. सत्यपाल मलिक का बिहार में कार्यकाल केवल एक साल का रहा, क्योंकि अगस्त 2018 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया. उनकी मृत्यु के बाद बिहार के कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी जिसमें उनकी निष्पक्षता और किसानों के प्रति समर्पण को याद किया गया.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...

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First Published :

August 05, 2025, 14:43 IST

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