Last Updated:October 24, 2025, 12:47 IST
UN के 80 साल होने पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन पर करारा हमला बोला है. (एस. जयशंकर के X अकाउंट से साभार)UN @80: संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ पर भारत ने साफ संदेश दिया है कि दुनिया के सबसे बड़े बहुपक्षीय मंच यानी मल्टीलेटरल फोरम में सबकुछ सही नहीं चल रहा. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि संघर्ष और अविश्वास के इस दौर में शांति की जरूरत पहले से कहीं अधिक है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (UN) अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हो रहा है. उन्होंने बिना नाम लिए चीन और पाकिस्तान को आतंकवाद पर दोहरे रवैये के लिए घेरा तो अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों पर भी अप्रत्यक्ष रूप से सवाल उठाए.
जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा – All is not well with the UN. मतलब यूएन में सबकुछ ठीक नहीं है. उनके मुताबिक वैश्विक मंच पर बहस अब अत्यधिक ध्रुवीकृत (Polarised) हो चुकी है और कई बड़े निर्णय दुनिया की वास्तविक जरूरतों और भू-राजनीतिक प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करते. उन्होंने चेताया कि संयुक्त राष्ट्र को अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए गंभीर सुधारों की जरूरत है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से संयुक्त राष्ट्र का दृढ़ समर्थक रहा है और आगे भी रहेगा, लेकिन वैश्विक दक्षिण (Global South) की आवाज और वास्तविक शक्ति-संतुलन को शामिल किए बिना संगठन एकतरफा और अप्रभावी बना रहेगा.
आतंकवाद पर वैश्विक पाखंड की पोल खोली
भारत लंबे समय से आतंकवाद के मुद्दे पर कथनी और करनी के फर्क को बताता रहा है. जयशंकर ने दो टूक कहा कि वैश्विक रणनीति के नाम पर आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों को समान दर्जा दिया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय और खतरनाक है. उन्होंने कटाक्ष किया, ‘जब आत्म-घोषित आतंकवादियों को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया से बचाया जाता है, तो यह उन लोगों की ईमानदारी पर बड़ा सवाल है जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात करते हैं.’ यह टिप्पणी साफ तौर पर चीन की ओर इशारा करती है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के सरगनाओं पर प्रतिबंध संबंधी प्रस्तावों को कई बार रोक चुका है.
पहलगाम का जिक्र
जयशंकर ने एक और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य खुले तौर पर उस संगठन का बचाव करते हैं जिसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी. यह संकेत पाकिस्तान की सरपरस्ती वाले आतंकी समूहों की ओर था, जिन्हें वैश्विक स्तर पर शह मिली हुई है. भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अर्थपूर्ण सुधारों की प्रक्रिया खुद इस संगठन का ही इस्तेमाल करके रोक दी जा रही है. उनका तर्क है कि आज भी सुरक्षा परिषद की संरचना 1945 की विश्व व्यवस्था को दर्शाती है न कि वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं को. भारत, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों को स्थायी प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया है जबकि वैश्विक मामलों में उनकी भूमिका लगातार बढ़ रही है.
Speaking at the UN@80 celebrations New Delhi.
भारत का संकल्प स्पष्ट
जयशंकर ने कहा कि वैश्विक चुनौतियां (चाहे वह आतंकवाद हो, जलवायु संकट, आर्थिक असमानता या भू-राजनीतिक तनाव) तभी हल होंगी जब संयुक्त राष्ट्र न्यायपूर्ण और समावेशी बनेगा. उन्होंने कहा कि भारत एक जिम्मेदार और भरोसेमंद साझेदार के रूप में अपनी भूमिका निभाता रहेगा और संगठन को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सुधारों की मांग जारी रखेगा. 80 वर्ष बाद यह स्पष्ट है कि संयुक्त राष्ट्र अपनी मूल भावना (विश्व में शांति, सुरक्षा और न्याय) तक पहुंचने में पीछे रह गया है. भारत की आवाज इस चेतावनी के साथ गूंज रही है कि अब वक्त है बदलाव का वरना इतिहास इस संस्था को अप्रासंगिक ठहराने में देर नहीं करेगा.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 24, 2025, 12:47 IST

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