आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस और... क्यों 'ऑपरेशन सिंदूर' सिर्फ एक मिशन नहीं था?

15 hours ago

Last Updated:August 10, 2025, 02:48 IST

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी तकनीकी क्षमता का प्रतीक है. डीआरडीओ अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने बताया कि इस अभियान में स्वदेशी प्लेटफॉर्मों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस और... क्यों 'ऑपरेशन सिंदूर' सिर्फ एक मिशन नहीं था?पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में तबाह कर दिया.

पुणे. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आत्मनिर्भरता, रणनीतिक दूरदर्शिता और स्वदेशी तकनीकी क्षमता के साथ दृढ़ता से खड़े रहने की घोषणा है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने शनिवार को डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (डीआईएटी) के 14वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी सीमाओं पर किया गया यह अत्यंत समन्वित, बहुआयामी अभियान न सिर्फ सैनिकों के साहस को दर्शाता है, बल्कि उस तकनीकी आधार को भी प्रदर्शित करता है जिसने उन्हें सहयोग दिया.

उन्होंने कहा, “सेंसर, मानवरहित प्लेटफॉर्म, सुरक्षित संचार, एआई आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली और सटीक हथियार, इन सभी स्वदेशी प्लेटफॉर्मों ने इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.” पुणे के गिरीनगर में स्थित डीआईएटी (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी) के दीक्षांत समारोह में कामत बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए थे. इस मौके पर स्टूडेंट्स को डिग्रियां प्रदान की गई हैं.

उन्होंने कहा कि इस अभियान में तैनात प्रणालियों में आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, मीडियम रेंज सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, डी4 एंटी-ड्रोन सिस्टम, एएडब्ल्यूएनसी एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम और आकाशतीर सिस्टम शामिल थे, ये सभी भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा विकसित किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी जैसी संस्थाओं ने इन विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कामत ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक मिशन नहीं था, बल्कि यह दुनिया को यह संदेश था कि भारत के पास स्वदेशी तकनीक के जरिए अपनी सीमाओं की रक्षा करने की क्षमता है.

इस दीक्षांत समारोह में उनके साथ डीआईएटी के कुलपति डॉ. बी.एच.वी.एस. नारायण मूर्ति तथा डीआरडीओ, शिक्षा जगत, तीनों सेनाओं और उद्योग जगत के कई विशिष्ट अतिथि एवं आमंत्रितजन उपस्थित थे. 14वें दीक्षांत समारोह में संस्थान ने विभिन्न विषयों के कुल 298 छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं, जिनमें 206 एमटेक छात्र, 68 एमएससी और 24 पीएचडी छात्र शामिल थे. इस वर्ष समारोह में कुल 18 स्वर्ण पदक छात्रों को प्रदान किए गए.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

Pune,Maharashtra

First Published :

August 10, 2025, 02:41 IST

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