वो धरती से भी पुराना था...जिस उल्कापिंड ने छत को चीर डाला था, उसकी असलियत अब आई सामने

7 hours ago

Science News: आप अपनी छत पर मजे कर रहे हों इसी दौरान आपके पास कोई ऐसी चीज आकर गिर जाए जिसकी आपने कल्पना नहीं की हो तो कैसा लगेगा? आप कुछ सोच नहीं आएंगे कि ये सब कैसे हो रहा है? एक पल के लिए आप आश्चर्य में भी पड़ सकते हैं.  पिछले जून में जॉर्जिया में भी कुछ ऐसा हुआ यहां पर अटलांटा के पास एक घर की छत को चीरकर एक उल्कापिंड गिर गया था. इस उल्का पिंड के बारे में अब वैज्ञानिकों ने बड़ी जानकारी दी है. 

कब गिरा था उल्कापिंड
जॉर्जिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि छत पर गिरा उल्कापिंड का टुकड़ा पृथ्वी से भी पुराना है. यह  26 जून को अटलांटा के पास गिरा था. यह इतनी ज्यादा तेजी से आया कि इसने छत तो तोड़ दिया और और टुकड़े-टुकड़े हो गया. उल्कापिंड का ये टुकड़ा करीब 4.56 अरब साल पुराना था और यह मंगल और बृहस्पति के बीच के क्षुद्रग्रह बेल्ट से आया था. इसकी रफ्तार इतनी ज्यादा तेज थी कि इसने कुछ पल के लिए ध्वनि के रफ्तार को भी पीछे छोड़ दिया था.

A geologist says a meteorite fragment that smashed through a man’s roof in Henry County, Georgia, is actually older than Earth itself. pic.twitter.com/KVxETJ3Mop

— R A W S A L E R T S (@rawsalerts) August 9, 2025

सीख लेने की जरूरत
वैज्ञानिकों ने ये भी बताया कि इस उल्कापिंड की वजह से घर के मालिकों को कोई खतरा नहीं हुआ क्योंकि यह काफी ज्यादा छोटा उल्कापिंड था. हालांकि वैज्ञानिक स्कॉट हैरिस का कहना है कि ऐसे मामलों का अध्ययन ज़रूरी है.  यह समझना कि उल्कापिंड अंतरिक्ष में और पृथ्वी के वायुमंडल में कैसे प्रवेश करते हैं. यह हमें भविष्य में बड़े उल्कापिंडों से पृथ्वी को बचाने में मदद कर सकता है. इसके अलावा वैज्ञानिकों ने नासा के DART मिशन का भी जिक्र किया जिसमें अंतरिक्ष यान ने एक क्षुद्रग्रह का रास्ता बदल दिया. ऐसे में अगर क्षुद्रग्रह को थोड़ा सा हटा दिया जाए तो उसे पृथ्वी से दूर रखा जा सकता है. वैज्ञानिक अक्सर अपनी खोजों की वजह से दुनिया भर को हैरान करते रहते हैं.

F&Q

सवाल- पृथ्वी का सबसे बड़ा उल्कापिंड कौन सा था?
जवाब- अब तक का सबसे बड़ा उल्कापिंड होबा उल्कापिंड है, जो नामीबिया में पाया गया था. इसका वजन लगभग 60 टन था.

सवाल- उल्कापिंड क्या होते हैं?
जवाब- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उल्कापिंड अंतरिक्ष से पृथ्वी पर गिरने वाले चट्टानी पिंड होते हैं. जब ये पिंड पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, तो वे जलने लगते हैं और "टूटते हुए तारे" या उल्का के रूप में दिखाई देते हैं.

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