Last Updated:August 10, 2025, 16:43 IST
Katha Vachak Aniruddhacharya

नई दिल्ली. विवादों में घिरे कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया. न्यूज18 इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कहा, “मैंने जो बातें कही थीं वो चरित्रहीन पुरुष और महिला के लिए थीं. चोर को चोर ना कहा जाए तो क्या कहा जाए. मुंह मारना गलत शब्द नहीं.” अपने बयान को लेकर माफी मांगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां गलत हूं, वहां मैं माफ़ी जरूर मांगता हूं.
अनिरुद्धाचार्य ने कहा, “मेरे बयान से कोई नाराज़ नहीं था. चोर को चोर कहने वाले ही नाराज़ थे. कुछ लोग मुझे महिला विरोधी बताते हैं. लेकिन वास्तव में मेरे शब्दों का नहीं, बल्कि संतों का विरोध हुआ. मेरा कोई विरोध नहीं कर रहा है. प्रेमानंद जी महाराज जैसे अन्य आध्यात्मिक गुरुओं, जिनके शब्द सम्मानजनक थे, को भी विरोध का सामना क्यों करना पड़ा. इससे पता चलता है कि विरोध भाषा के खिलाफ नहीं, बल्कि हिंदू संतों के खिलाफ है.”
‘मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया’
अनिरुद्धाचार्य ने ज़ोर देकर कहा कि उनकी टिप्पणी को उचित संदर्भ में समझा जाना चाहिए, न कि विवाद के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाना चाहिए. यह स्वीकार करते हुए कि उनके शब्दों का चयन, विशेष रूप से ग्रामीण अभिव्यक्ति “मुख मारना”, शायद अनुचित रहा हो, उन्होंने तर्क दिया कि मूल संदेश अभी भी मान्य है. उन्होंने दावा किया कि उनके पूरे बयान का केवल एक छोटा सा, संपादित अंश प्रस्तुत करने से यह हंगामा खड़ा हुआ. उन्होंने कहा, “ऑरिजिनल वीडियो छह मिनट का है, लेकिन केवल 30 सेकंड की क्लिप ही दिखाई जा रही है.”
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 10, 2025, 16:43 IST