DNA: पुतिन और जिनपिंग की राह पर ट्रंप? क्या अमेरिका में भी संविधान संशोधन की तैयारी है?

11 hours ago

Donald Trump : अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति समझौता कराने में 2 खलीफा असफल हो चुके हैं. अब तीसरा खलीफा मध्यस्थ बना है. एक चौथा शख्स भी है, जिसकी नज़र इस विवाद पर है. वो स्वयंभू सरपंच डॉनल्ड ट्रंप हैं. जो चुटकी बजाते ही सुलह कराने का दावा कर रहे हैं. तर्क ये दे रहे हैं कि वो आठ युद्ध रुकवा चुके हैं.

ये अलग बात है कि जिस युद्ध विराम में उनका कोई दखल नहीं था, उसके बारे में भी वो 60 बार बोल चुके हैं. ऐसे एकतरफा दावे के पीछे उनकी नोबेल वाली महत्वाकांक्षा है. वैसे ट्रंप की एक और महत्वाकांक्षा इस समय ट्रेंड कर रही है. वो है उनकी तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की लालसा. लेकिन ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने में रोड़ा है अमेरिका का संविधान. ये सच ट्रंप को भी पता है. इसके बावजूद ट्रंप और उनकी टीम पूरा जोर लगा रही है. 

क्या तीसरी बार भी राष्ट्रपति बनेंगे ट्रंप?

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ट्रंप को दूसरी बार राष्ट्रपति बने आज सिर्फ 9 महीने 9 दिन हुए हैं. अभी तीन साल से अधिक का कार्यकाल बचा हुआ है. लेकिन ट्रंप की विशेष इच्छा की अंतरराष्ट्रीय स्तर की चर्चा हो रही है. ये चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि ट्रंप से एक पत्रकार ने तीसरी बार राष्ट्रपति बनने को लेकर सवाल पूछा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वो तीसरी बार राष्ट्रपति बनना पसंद करेंगे. ट्रंप जब अपनी इच्छा प्रकट कर रहे थे तो उन्होंने इसके पीछे कई तर्क दिए. ट्रंप ने दोहराया कि उन्होंने कैसे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत किया. अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किया. उन्होंने विशेष जोर देकर बताया कि कई युद्ध रुकवाने में उन्होंने अहम भूमिक निभाई, इसलिए उनकी दावेदारी मजबूत है.  

ट्रंप से अचानक ही ऐसे सवाल नहीं पूछे गए थे. असल में उनके समर्थक और पूर्व सलाहकार हैं स्टीव बैनन. वो बार-बार ये दोहरा रहे हैं कि ट्रंप को एक बार और राष्ट्रपति बनना ही चाहिए. कुछ दिनों पहले ट्रंप ने एक टोपी लॉन्च की थी. जिस पर ट्रंप 2028 लिखा हुआ था. लाल रंग की टोपी पर सफेद रंग में ट्रंप की आकांक्षा स्पष्ट रूप से दिख रही थी. ट्रंप ने खुद इसे लॉन्च किया था. इसे लोगों में बांटा भी था.

#DNAWithRahulSinha | पुतिन-जिनपिंग के नक्शेकदम पर ट्रंप! ट्रंप ने 'तीसरे टर्म' की तैयारी शुरू कर दी

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— Zee News (@ZeeNews) October 29, 2025

जब अजरबैजान के राष्ट्रपति उनसे मिले गए थे, तो उन्हें भी ट्रंप ने ये टोपी दिखाई थी. ट्रंप की एक और महत्वाकांक्षी विचार है- मेक अमेरिका ग्रेट अगेन. जब आप मेक अमेरिका ग्रेट अगेन वाली टोपी और ट्रंप 2028 वाली टोपी देखेंगे तो उसमें बहुती सारी समानताएं दिखेंगी. 

ट्रंप के सामने कौन सी बड़ी अड़चन है?

सोशल मीडिया पर कई सारे ऐसे अकाउंट्स भी हैं जो ट्रंप को 2028 में फिर से राष्ट्रपति बनाने के लिए नैरेटिव गढ़ रहे हैं. लेकिन ट्रंप और उनके समर्थक जो चाहते हैं, वो मुश्किल है. अमेरिका का संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है.

अमेरिका में कोई भी शख्स सिर्फ 2 बार ही राष्ट्रपति बन सकता है. अमेरिकी संविधान का 22वां संशोधन राष्ट्रपतियों को तीसरा कार्यकाल लेने से रोकता है. ऐसे में ट्रंप के सामने यही सबसे बड़ी अड़चन है. ये बात ट्रंप को भी पता है. तब भी वो तीसरी बार राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. प्रश्न ये है कि क्या ट्रंप संविधान संशोधन को निरस्त कर सकते हैं? क्या उसे निरस्त कर दो बार से अधिक राष्ट्रपति बनने का रास्ता तैयार कर देंगे? सबसे अहम प्रश्न ये है जो काम अब तक 45 राष्ट्रपति ने नहीं किया, वो ट्रंप क्यों करना चाहते हैं?

इस सवाल के जवाब से पहले हम आपको इस समय की वैश्विक व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट कराना चाहेंगे. इस समय ट्रंप के समानांतर दुनिया में दो राष्ट्रपति हैं. एक व्लादिमिर पुतिन हैं, रूस के राष्ट्रपति और दूसरे चीन के प्रेसिडेंट हैं शी जिनपिंग. यही दोनों, ट्रंप को या कहिए कि अमेरिका को टक्कर दे रहे हैं. पुतिन और जिनपिंग दोनों ने अपने-अपने देशों में संविधान संशोधन किया. दोनों ने ऐसी व्यवस्था बनाई कि उन्हें कोई राष्ट्रपति पद से नहीं हटा सकता है.

संविधान संशोधन की है तैयारी?

ये अलग बात है कि रूस और चीन दोनों कम्युनिस्ट देश है और दोनों देशों में लोकतंत्र नहीं के बराबर है. अमेरिका में लोकतंत्र सबसे पुराना है. यही कारण है कि ट्रंप की चाहत पर प्रतिक्रियाएं भी आ रही है. 

ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद 2021 में उनके समर्थकों ने वहां की संसद पर हमला किया.उनकी अनकही मंशा यही थी कि हार के बावजूद ट्रंप ही राष्ट्रपति बने रहें. अमेरिकी संविधान को ड्यूपॉन्ट सर्कल पर कहीं टांग दें. लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. अराजकता पर व्यवस्था भारी पड़ी थी.

ट्रंप, अराजकता वाली ट्रिक एक बार ट्राय कर चुके हैं. वो उसमें असफल रहे. यही कारण है कि इस बार चर्चा है कि वो संविधान में संशोधन करेंगे लेकिन ये भी आसान नहीं है.

यूएस में संविधान संशोधन की प्रक्रिया

इस संशोधन को निरस्त करने के लिए प्रतिनिधि सभा और सीनेट के दो-तिहाई सदस्यों की मंजूरी या दो-तिहाई राज्य विधानसभाओं के संवैधानिक सम्मेलन की आवश्यकता होगी. इस संशोधन को आधिकारिक रूप से मान्य बनाने के लिए 38 राज्यों का समर्थन भी आवश्यक होगा. यह ऐसी प्रक्रिया है, जिसे लगभग असंभव माना जा सकता है.

फिर भी ट्रंप की इच्छा तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की है. ये वैसी ही इच्छा है जैसी उनकी नोबेल वाली महत्वाकांक्षा है. ट्रंप को नोबेल पुरस्कार तो नहीं मिला, लेकिन एक सांत्वना पुरस्कार जरूर मिला है. ट्रंप को बुधवार को साउथ कोरिया ने अपना सर्वोच्च सम्मान दिया. इस सम्मान को पाकर ट्रंप की शांति का नोबेल न मिलने की कसक थोड़ी दूर हुई. ये सम्मान देखकर अमेरिकी राष्ट्रपति इतने खुश हुए कि कहा इसे मैं तुरंत ही पहनना चाहता हूं.

यू-टर्न मारने में उस्ताद हैं ट्रंप

वैसे ट्रंप को जितना उन्हें उनकी अतिमहत्वाकांक्षा के लिए जाना जाता है, उससे कहीं अधिक वो अपने विचारों में बदलाव के लिए जाने जाते हैं. यू-टर्न मारने में ख्यातिप्राप्त ट्रंप ये भी कह रहे हैं कि उनके बाद जेडी वेंस या फिर मार्को रुबियो बेहतर राष्ट्रपति बनेंगे. जाहिर है कि ट्रंप और उनके पोषक समर्थक जो कर रहे हैं उसे किसी स्टंट से अधिक नहीं कहा जा सकता है.

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