Last Updated:July 23, 2025, 07:34 IST
Apache Helicopter Power: भारतीय सेना को अमेरिका से 3 नए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर मिले हैं. ये हेलिकॉप्टर लॉन्गबो रेडार और हेलफ़ायर मिसाइल से लैस हैं, जो दुश्मन के 128 टारगेट ट्रैक कर सकते हैं. चलिये विस्तार से समझ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
भारतीय सेना को 3 नए अपाचे हेलिकॉप्टर मिले.ये हेलिकॉप्टर लॉन्गबो रेडार और हेलफ़ायर मिसाइल से लैस हैं.अपाचे हेलिकॉप्टर एक साथ 128 टारगेट ट्रैक कर सकते हैं.भारतीय सेना को अमेरिका से खरीदे गए 3 नए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर मिल गए हैं. मंगलवार को गाजियाबाद स्थित वायुसेना के हिंडन एयरबेस पर भारतीय थल सेना के लिए अपाचे हेलिकॉप्टर्स की पहली खेप पहुंची. ये अटैक हेलिकॉप्टर सेना के एविएशन विंग का हिस्सा होंगे. वायु सेना के पास पहले से ही अपाचे हेलिकॉप्टर हैं. ऐसे में अब आर्मी यानी थल सेना के पास भी ये हेलिकॉप्टर आ गए हैं. ये अटैक हेलिकॉप्टर क्यों खास हैं और भारत को 3 नए अपाचे हेलिकॉप्टर मिलने से सेना की ताकत कैसे बढ़ जाएगी ये समझने की ज़रूरत है…
अपाचे हेलिकॉप्टरों की तैनाती से भारत की जमीनी युद्धक रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, खासकर सीमाओं पर आमने-सामने की भिड़ंत के हालात में. अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर कोई सामान्य हेलिकॉप्टर नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अटैक हेलिकॉप्टर है जो लॉन्गबो रेडार और हेलफ़ायर मिसाइल जैसे घातक हथियारों से लैस है. यह हेलिकॉप्टर एक तरह से उड़ता हुआ टैंक है, जो दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखते हुए एक साथ 128 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और 16 अलग-अलग लक्ष्यों पर मिसाइलें दाग सकता है.
लॉन्गबो रेडार: हेलिकॉप्टर की ‘सुपर आंखें’
अपाचे हेलिकॉप्टर में लगी लॉन्गबो रेडार इसकी सबसे बड़ी ताकत है. यह रेडार हेलिकॉप्टर के ऊपर एक गोल मटके की तरह नजर आता है, लेकिन यह मटका नहीं बल्कि इसकी हाई-टेक आंख है, जो कोहरे, धूल, अंधेरे या रेत के तूफान में भी दुश्मन के टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों और सैनिकों को पहचान सकती है. यह रेडार एक साथ 128 टारगेट को ट्रैक कर सकता है और खतरे के अनुसार उनकी प्राथमिकता भी तय कर सकता है- जैसे कि कौन-सा टैंक सबसे पहले उड़ाना है.
हेलफ़ायर मिसाइल: ‘दागो और भूल जाओ’ तकनीक
इस हेलिकॉप्टर में लगी हेलफ़ायर मिसाइलें ‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक पर काम करती हैं. यानी एक बार रेडार ने टारगेट लॉक किया, उसके बाद हेलिकॉप्टर को वहां रहने की जरूरत नहीं. मिसाइल अपने आप लक्ष्य तक पहुंच जाएगी, भले चाहे अगर दुश्मन टारगेट हिलता-डुलता रहे या आगे बढ़ता रहे. इससे हेलिकॉप्टर दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम की जद में आए बिना काम कर सकता है और समय रहते खुद को सुरक्षित भी कर सकता है.
16 मिसाइलें, 16 टारगेट… कुछ ही सेकंड में तबाही
अपाचे एक बार में 16 हेलफ़ायर मिसाइलें अलग-अलग लक्ष्यों पर दाग सकता है. इसका मतलब है कि अगर दुश्मन के 10 टैंक, 20 बख्तरबंद गाड़ियां और 50 सैनिक एक साथ आगे बढ़ रहे हों, तो अपाचे कुछ ही सेकंड में उन्हें नेस्तनाबूद कर सकता है.
थल सेना के लिए गेमचेंजर
अब तक वायु सेना के पास अपाचे जैसे हेलिकॉप्टर थे जो हवाई मिशनों में तैनात किए जाते थे, लेकिन अब जब थल सेना को भी ये हेलिकॉप्टर मिल गए हैं, तो जमीनी युद्ध में यह बेहद प्रभावशाली साबित होंगे. सीमावर्ती इलाकों में जहां आमने-सामने की लड़ाई होती है, वहां अपाचे हेलिकॉप्टर दुश्मन की टुकड़ियों, टैंकों और बंकरों को एक-एक कर चुनकर तबाह कर सकता है.
सौ बात की एक बात ये कि अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को मिलना सिर्फ एक सैन्य सौदा नहीं, बल्कि भारत की थल सेना को मिला एक ऐसा महायोद्धा है जो 128 आंखों से देख सकता है और एक साथ 16 शत्रुओं पर प्रहार कर सकता है. इसकी वजह से भारतीय सेना की ताकत ज़मीन पर कई गुना बढ़ गई है. आने वाले वक्त में, यह हेलिकॉप्टर भारत की सीमा सुरक्षा और युद्ध रणनीति में निर्णायक भूमिका निभा सकता है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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New Delhi,Delhi