Last Updated:July 23, 2025, 13:16 IST
Raghuram Rajan For Indian Economy : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय राज्यों की स्थिति मजबूत करने के लिए वित्त आयोग को सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि आयोग को लोकल अथॉरिटी को ज्यादा पैसा देना चाह...और पढ़ें

हाइलाइट्स
स्थानीय निकायों को अधिक धनराशि आवंटित करेंसरकारी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की सिफारिशविकेंद्रीकरण से प्रशासनिक जिम्मेदारियों का बंटवारानई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि 16वें वित्त आयोग को स्थानीय निकायों, नगर पालिकाओं और पंचायतों को अधिक धनराशि आवंटित करने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वे लोगों के समक्ष पेश होने वाली समस्याओं से प्रभावी ढंग से निपट सकें. पूर्व गवर्नर ने कहा कि पिछले वित्त आयोगों ने राज्यों को अधिक धनराशि हस्तांतरित की थी. इससे आम आदमी की समस्याएं सुलझाने और देश की ग्रोथ को बढ़ाने में मदद मिली. उन्होंने स्थानीय निकायों में ज्यादा संख्या में सरकारी कर्मचारियों की भर्ती किए जाने की भी सिफारिश की.
रघुराम राजन ने कहा कि अब हमें राज्यों से नगर पालिकाओं और पंचायतों आदि को धनराशि हस्तांतरित करने पर भी ध्यान देने की जरूरत है. हस्तांतरण का यह तीसरा स्तर होगा जिसकी हमें काफी आवश्यकता है. चीन और अमेरिका का उदाहरण देते हुए राजन ने कहा कि इन देशों में स्थानीय सरकारी कर्मचारियों की संख्या भारत में स्थानीय सरकारी कर्मचारियों की संख्या से काफी अधिक है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत जैसे विशाल देश में, जिसका शासन मुख्यतः केन्द्र और राज्य की राजधानियों से संचालित होता है, वहां विभागों के ज्यादा बंटवारे की जरूरत है.
प्रशासन की जिम्मेदारियां बांटी जाएं
राजन ने बताया कि विकेंद्रीकरण से उनका मतलब है कि निर्णय लेने की शक्ति और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को केंद्र सरकार से लेकर निचले स्तरों तक जैसे राज्यों, जिलों और स्थानीय निकायों (ग्राम पंचायत, नगर पालिका) तक बांटना होगा. इस लिहाज से 16वें वित्त आयोग को प्रलोभन और दंड के माध्यम से इसे संभव बनाने पर ध्यान देना चाहिए. हाल ही में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा था कि अधिकतर राज्यों ने सिफारिश की है कि केंद्र को कर राजस्व वितरण में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 फीसदी कर देनी चाहिए.
अभी राज्यों को कितना पैसा मिलता है
राज्यों को वर्तमान में वसूले गए कुल टैक्स में से 41 फीसदी हिस्सा ही हासिल होता है, जबकि शेष 59 फीसदी केंद्र के पास रहता है. वित्त आयोग, नगर पालिकाओं (शहरी स्थानीय निकायों) की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करता है तथा राजकोषीय हस्तांतरण के विभिन्न पहलुओं पर राज्य सरकारों को सिफारिशें भेजता है. यही वजह है कि पूर्व गवर्नर ने वित्त आयोग को इन निकायों के लिए ज्यादा धन आवंटित करने का सुझाव दिया है.
पीएलआई योजना पर क्या बोले राजन
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के बारे में उनका आकलन पूछे जाने पर राजन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमारे पास पीएलआई योजना का मूल्यांकन करने के लिए कोई ठोस सार्वजनिक आंकड़े हैं. उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यक्रमों की तरह इसमें भी कुछ सफलता मिली है, क्योंकि भारत अब अधिक मोबाइल फोन निर्यात कर रहा है. लेकिन क्या पीएलआई योजना ने नौकरियों में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने के लिए पर्याप्त काम किया है? मुझे लगता है कि कम से कम.
2 लाख करोड़ की है पीएलआई योजना
सरकार ने भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए 2021 में 1.97 लाख करोड़ रुपये के व्यय के साथ दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक, दवा, कपड़ा और मोटर वाहन सहित 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी. चीन के भारत और अन्य देशों को दुर्लभ खनिज के निर्यात पर रोक लगाने के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा कि हमें विभिन्न उद्योगों के बारे में रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है. यह पता लगाना होगा कि हमें कहां बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है और कहां उन बाधाओं को दूर करने के लिए उत्पादन शुरू करना हमारे लिए आसान है. कश्मीर में कुछ दुर्लभ खनिजों का भंडार है, जिसका उत्पादन भारत कर सकता है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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