Last Updated:May 25, 2025, 17:00 IST
Lalu Yadav Action on Tej Pratap Yadav: आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया. क्या अब पार्टी में तेजस्वी यादव का प्रभाव बढ़ा? बड़े बेटे के वनवास की ...और पढ़ें

तेजप्रताप यादव के पार्टी से निकलने के बाद अब क्या होगा?
हाइलाइट्स
लालू ने तेज प्रताप को 6 साल के लिए निष्कासित किया.तेजस्वी यादव का पार्टी में प्रभाव बढ़ा.तेज प्रताप के निष्कासन से पार्टी में आंतरिक संघर्ष की संभावना.पटना. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को दिल पर पत्थर रखकर छह साल का वनवास दे दिया. लालू यादव ने ऐसा काम कर दिया, जो कोई बाप नहीं करता है. लेकिन तेज प्रताप यादव ने आखिरकार लालू को यह करने को मजबूर कर दिया. तेज प्रताप यादव का पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित करना बिहार की राजनीति और आगामी चुनाव को देखते हुए एक बड़ा घटनाक्रम है. जानकारों की मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले क्या यह राष्ट्रीय जनता दल में एक बड़ा राजनीतिक भूचाल आने के संकेत हैं?
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या सचमुच में तेज प्रताप यादव अब पार्टी और परिवार से बाहर हो गए हैं? क्या तेजस्वी यादव का लालू यादव के बाद आरजेडी का असली बॉस बनने का रास्ता साफ हो गया? तेज प्रताप यादव का वीडियो और फोटो अनुष्का यादव के साथ वायरल होने के बाद लालू यादव ने यह कदम तेजस्वी यादव के भविष्य की राजनीति के लिए कितना फायदा पहुंचाएगा? क्या मां राबड़ी देवी और मीसा भारती सहित कई बहनें इस फैसले से खुश हैं?
क्या तेजस्वी यादव का अब होगा राजतिलक?
बता दें कि तेज प्रताप यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव के साथ अपने रिश्ते का खुलासा किया था. लालू प्रसाद यादव ने इस वीडियो को पार्टी और परिवार की प्रतिष्ठा के खिलाफ माना और तेज प्रताप को पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया. लालू ने कहा कि इस प्रकार का आचरण पार्टी के नैतिक मूल्यों के खिलाफ है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.
तेजप्रताप यादव का राजनीतिक करियर खत्म?
तेजस्वी यादव का बढ़ता प्रभाव इस घटनाक्रम के बाद तेजस्वी यादव का प्रभाव पार्टी में और भी मजबूत हुआ है. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इसके अलावा, उन्हें पार्टी के सभी मामलों पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार भी सौंपा गया है.
क्या पार्टी और परिवार में संधर्ष की होगी शुरुआत?
पार्टी में नेतृत्व संघर्ष की संभावना तेज प्रताप के निष्कासन के बाद पार्टी में नेतृत्व संघर्ष की संभावना बढ़ गई है. हालांकि तेजस्वी यादव को पार्टी का नेतृत्व सौंपा गया है, लेकिन तेज प्रताप के समर्थकों की संख्या भी कम नहीं है. इससे पार्टी में आंतरिक मतभेद और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो आगामी चुनावों में पार्टी की एकजुटता पर असर डाल सकती है.
लालू यादव का तेज प्रताप को निष्कासित करने का निर्णय आरजेडी में एक नई राजनीतिक दिशा की ओर संकेत करता है. तेजस्वी यादव का नेतृत्व मजबूत हुआ है, लेकिन पार्टी में आंतरिक संघर्ष की संभावना भी बनी हुई है. आने वाले समय में यह देखना होगा कि पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटती है और आगामी चुनावों में इसका क्या असर पड़ता है.