Last Updated:August 24, 2025, 10:27 IST
भारत ने अपनी रक्षा कवच में IADWS का नया लोहा जोड़ लिया है. यह एयर डिफेंस सिस्टम ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों सहित ड्रोन जैसे हवाई खतरों को आसमान में ही नष्ट कर सकता है. यह रक्षा कवच चीन और पाकिस्तान के किसी भी हमले क...और पढ़ें

भारत ने अपनी रक्षा कवच में नया लोहा जोड़ लिया है. यहां ओडिशा तट पर शनिवार को स्वदेशी रूप से विकसित इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का पहला टेस्ट किया गया, जो सफल रहा है. यह उपलब्धि न केवल भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि यह रूसी S-500 जैसे उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों को भी पीछे छोड़ने की क्षमता रखता है. यह प्रणाली ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों सहित ड्रोन जैसे हवाई खतरों को आसमान में ही नष्ट कर सकता है. यह रक्षा कवच चीन और पाकिस्तान के किसी भी हमले को हवा में ही बेदम कर देगा.
IADWS एक बहुस्तरीय रक्षा ढाल है, जिसमें तीन अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों को मिलाया गया. क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM), एडवांस्ड वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS), और हाई-पावर लेजर-आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW)… ये सिस्टम मिलकर बेहद नीचे उड़ान भरने वाले ड्रोनों से लेकर हाई-स्पीड दुश्मन विमानों और मिसाइलों तक, सभी प्रकार के हवाई खतरों को आसमान में ही मार गिरा सकती है. QRSAM मध्यम दूरी के खतरों को, VSHORADS नजदीकी खतरों को, और DEW अत्याधुनिक लेजर तकनीक के साथ सटीक हमले करने में सक्षम है.
रक्षा अधिकारियों ने इस सफल परीक्षण को भारत की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मील का पत्थर बताया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यह परीक्षण हमारी बहुस्तरीय वायु रक्षा क्षमता को स्थापित करता है और दुश्मन के हवाई खतरों के खिलाफ महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए क्षेत्रीय रक्षा को मजबूत करेगा.’ यह एयर डिफेंस सिस्टम न केवल भारत की रक्षा प्रणालियों को और मजबूत बनाएगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत को एक मजबूत रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करेगी.
S-500, F-35, और Su-57 के लिए चुनौती
रूस का S-500 प्रोमिथियस एक शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली है, जो हाइपरसोनिक मिसाइलों और उपग्रहों तक को निशाना बना सकता है. लेकिन भारत का IADWS अपनी बहुस्तरीय और स्वदेशी तकनीकों के कारण इससे भी आगे निकलने की क्षमता रखता है. यह प्रणाली स्टील्थ तकनीक से लैस F-35 और Su-57 जैसे विमानों को ट्रैक और नष्ट करने में सक्षम है, जो इसे वैश्विक रक्षा परिदृश्य में एक गेम-चेंजर बनाता है. IADWS की लेजर-आधारित DEW तकनीक इसे विशेष रूप से घातक बनाती है, क्योंकि यह बिना किसी पारंपरिक मिसाइल के सटीक और त्वरित हमले कर सकती है.
IADWS का सफल परीक्षण भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की तकनीकी दक्षता का प्रमाण है. यह प्रणाली न केवल भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि भविष्य में इसे अन्य देशों को निर्यात करने की संभावना भी है. इसके साथ ही, यह भारत के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को और मजबूत करता है. ओडिशा तट पर हुआ यह परीक्षण भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक है, जो दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को नाकाम करने की गारंटी देता है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 24, 2025, 10:27 IST