Last Updated:August 24, 2025, 15:02 IST
Bihar Ka Dusra Lalu Yadav Kaun: लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव में बिहार की राजनीति में दूसरा लालू यादव बनने की होड़ है. तेजस्वी जहां बुलेट की सवारी कर रहे हैं वहीं तेज प्रताप की रणनीति छोटे ...और पढ़ें

Bihar Ka Dusra Lalu Yadav Kaun: बिहार का दूसरा लालू यादव कौन? बिहार की राजनीति में जब भी लालू यादव का नाम आता है, तो एक ताकतवर जनाधार वाले शख्स का दबदबा जुड़ जाता है. लेकिन अब उस दबदबे का उनके ही दो बेटों के बीच बंटवारा होना तय है. लालू यादव के दोनों बेटे, तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच जनाधार वाले नेता बनने की होड़ मच गई है. पिता लालू यादव ने जहां इस काम में तेजस्वी यादव को अपना आशीर्वाद दे दिया है, वहीं तेज प्रताप यादव दावा ठोक रहे हैं कि मैं भी लालू यादव का ही बेटा हूं और जनता जानती है कि बिहार का दूसरा लालू प्रसाद यादव कौन है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति में अपने पिता लालू प्रसाद यादव की विरासत को सही मायने में आगे बढ़ा पाएंगे या फिर तेज प्रताप यादव अपने पिता लालू के स्टाइल में बात कर जनता को अपनी ओर मोड़ लेंगे?
तेजस्वी यादव ने अपनी राजनीति में एक नई रणनीति अपनाई है. वे न केवल पारंपरिक रैलियों तक सीमित हैं, बल्कि ‘बुलेट बाइक’ पर सवार होकर सीधे ग्रामीण इलाकों में जाकर युवाओं और आम जनता से संवाद कर रहे हैं. यह उनकी नई पहचान बन गई है, जो युवा वर्ग के साथ सीधे जुड़ने का काम कर रही है. उनकी यह यात्रा केवल चुनावी प्रचार नहीं, बल्कि बिहार में युवाओं को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर एक मजबूत संदेश भी दे रही है. तेजस्वी वोटर अधिकार यात्रा के जरिए अपनी राजनीतिक जनाधार बना रहे हैं. इस काम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और लेफ्ट पार्टियां उनकी मदद कर रही हैं.
बिहार का दूसरा लालू यादव कौन?
दूसरी ओर, तेज प्रताप क्यों गांव-गांव घूम रहे हैं? जहां तेजस्वी बुलेट की सवारी कर अपनी रफ्तार बता रहे हैं. बिहार में चौक चौराहों से लेकर गांव और शहर हर जगह अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं, वहीं तेज प्रताप यादव गांव जाकर ग्रामीण समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने में लगे हैं. तेज प्रताप कहते हैं, ‘हम गांव की पगडंडी पकड़ेंगे, ताकि जनता के हर दर्द तक पहुंचा जा सके. स्मार्ट सिटी नहीं, स्मार्ट गांव बनाने की जरूरत है.’ तेज प्रताप अपने भाई से अलग अपने पिता की राह पर राजनीति करने की बार-बार बात कर रहे हैं. उनकी यह रणनीति ग्रामीण और पिछड़े वर्ग तक सीधे पहुंचने की कोशिश है, जो बिहार के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है.
रेस में कौन आगे कौन पीछे?
तेजस्वी और तेज प्रताप में कौन बिहार का दूसरा लालू? लालू यादव की छवि बिहार में एक मजबूत नेता की रही है, जिन्होंने जातीय राजनीति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. तेजस्वी यादव इस विरासत को संवारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे इसे आधुनिक राजनीति के तौर-तरीकों से जोड़ रहे हैं. हालांकि, तेजस्वी भी गमछा लहराकर बिहार की जनमानस में जगह बनाने का प्रयास कर रहे हैं. बुलेट की सवारी कर वह युवाओं में पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी अब तक की अपनी सक्रियता से एक नया ‘लालू’ बनने की राह पर हैं, लेकिन उन्हें और भी ज्यादा जमीन पर काम करना होगा. तेजस्वी की बढ़ती लोकप्रियता से विपक्षी दल चिंतित हैं. एनडीए के नेता लगातार तेजस्वी के इस नए तेवर पर हमला कर रहे हैं, लेकिन बिहार के आम लोग इसे बदलाव की उम्मीद के रूप में देख रहे हैं. युवा वर्ग खासकर बेरोजगारी और शिक्षा के मुद्दों पर तेजस्वी की बातों को गंभीरता से ले रहा है. इसी बीच, तेज प्रताप का यह दावा कि जनता तय करेगी बिहार का नया लालू कौन है, उनके लिए मुसीबत का सबब बन सकता है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
August 24, 2025, 15:02 IST