भारत ने अफगान‍िस्‍तान को राहत सामग्री काबुल से क्‍यों भेजी? क‍िस बात का हंगामा

4 hours ago

भारत ने हाल ही में अफगानिस्तान में आए भूकंप के प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है. इसमें कंबल, तंबू, दवाइयां, पानी के टैंक, जनरेटर और स्लीपिंग बैग जैसी जरूरी चीजें शामिल हैं. खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसके बारे में बताया. उन्‍होंने ही बताया क‍ि सारी चीजें काबुल से भेजी जा रही हैं. इस पर सोशल मीडिया में हंगामा मचा हुआ है. लोग पूछ रहे क‍ि राहत सामग्री काबुल से क्‍यों भेजी गई, द‍िल्‍ली से क्‍यों नहीं? इससे पहले जब तुर्की और सीर‍िया में भयानक भूकंप आया था, तो भारत ने नई द‍िल्‍ली से ही सारा सामान भेजा था, तो यहां इतनी दिक्‍कत क्‍यों? हम आपको बताने जा रहे क‍ि इसका सच क्‍या है.

सवाल इसल‍िए ज्‍यादा उठ रहे क्‍योंक‍ि भारत ने फरवरी 2023 में तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत राहत सामग्री भेजी थी. इंडियन एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर विमानों के जर‍िये यह राहत सामग्री द‍िल्‍ली से तुर्की के अदाना एयरपोर्ट तक पहुंचाई गई थी. इसमें एनडीआरएफ की स्‍पेशल टीम, मेड‍िकल फैसि‍ल‍िटी, ड्रिलिंग मशीनें और अन्य उपकरण शामिल थे. सोशल मीडया यूजर्स इसी पर सवाल कर रहे हैं क‍ि जब उतनी दूर भेज सकते थे तो पड़ोसी देश में भेजने में क्‍या द‍िक्‍कत?

कब-कब भेजी?
पहली राहत सामग्री 1 सितंबर को भेजी गई. विदेश मंत्री ने बताया क‍ि भारत ने आज काबुल में 1000 परिवारों के लिए तंबू पहुंचाए हैं. इसके अलावा 15 टन खाद्य सामग्री भी भारतीय मिशन द्वारा काबुल से कुनार के लिए तुरंत भेजी जा रही है. भारत से और राहत सामग्री कल से भेजनी शुरू की जाएगी. इस कठिन समय में भारत अफगानिस्तान के साथ खड़ा है. इसमें तो साफ है क‍ि राहत सामग्री काबुल भेजी गई है.

दूसरी राहत सामग्री 2 सितंबर को भेजी गई. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्‍स पर लिखा, हवाई मार्ग से राहत सामग्री काबुल पहुंची. उन्‍होंने लिखा, आज 21 टन राहत सामग्री काबुल एयरलिफ्ट की गई, जिसमें कंबल, तंबू, हाइजीन किट, पानी स्टोरेज टैंक, जनरेटर, रसोई के बर्तन, पोर्टेबल वॉटर प्यूरीफायर, स्लीपिंग बैग, जरूरी दवाइयां, व्हीलचेयर, हैंड सैनिटाइजर, पानी शुद्ध करने की गोलियां, ओआरएस घोल और अन्य चिकित्सीय सामग्री शामिल हैं. भारत जमीनी हालात पर नजर बनाए रखेगा और आने वाले दिनों में और मानवीय सहायता भेजता रहेगा.

पड़ताल में क्‍या पता चला
न्‍यूज18 इंडिया की पड़ताल में पता चला क‍ि राहत सामग्री भारत से भेजी गई थी. इसे कैम एयरलाइंस के विमान से काबुल भेजा गया. जो तस्‍वीर विदेशमंत्री एस जयशंकर ने पोस्‍ट की है, उसमें भी आप कैम एयरलाइंंस का विमान देख सकते हैं. इससे यह तो साफ हो गया क‍ि राहत सामग्री भारत से भी भेजी गई.

Indian earthquake assistance reaches Kabul by air.

21 tonnes of relief materials including blankets, tents, hygiene kits, water storage tanks, generators, kitchen utensils, portable water purifiers, sleeping bags, essential medicines, wheelchairs, hand sanitizers, water… pic.twitter.com/q8TUb1wbSn

कहां से उठा सवाल
अफगान‍िस्‍तान के एक जर्नल‍िस्‍ट ने एक्‍स पर लिखा, पाकिस्तान ने भारत से अफगानिस्तान के लिए सीधे सड़क मार्ग और व्यापार को रोक रखा है. मतलब अगर भारत सड़क या जमीन के रास्ते मदद भेजे, तो वह पाकिस्तान की सीमा पार नहीं कर सकती. यही वजह है कि भारत को हवाई रास्ता अपनाना पड़ा. ट्विटर पर हबीब खान नाम के एक जर्नल‍िस्‍ट ने भी इसे शेयर क‍िया. उन्‍होंने भी लिखा, चूंकि पाकिस्तान ने भारत से अफगानिस्तान तक सीधे जमीनी व्यापार और सहायता को रोक दिया है, इसलिए भारत ने काबुल तक राहत सामग्री पहुंचाई है. इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने एयर स्पेस भी बंद कर रखा है. इसका मतलब भारत का प्लेन सीधे पाकिस्तान के ऊपर से अफगानिस्तान नहीं जा सकता. ऐसे में भारत ने अलग रास्‍ता अपनाया.

Since Pakistan blocks direct overland trade and aid from India to Afghanistan, India airlifted relief to Kabul, blankets, tents, medicines, water tanks, generators, sleeping bags, and more, to help the victims of the devastating earthquake. pic.twitter.com/LEJBi9JdDU

मदद लेकर दौड़ता है भारत, चाहे रास्ते कितने भी मुश्किल क्यों न हों
सोशल मीडिया पर भारत के इस दर‍ियाद‍िली की खूब तारीफ हो रही है. कुछ यूजर्स ने लिखा, भारत की यह मदद वाकई सराहनीय है, खासकर इस कठिन परिस्थिति में. एक यूजर ने लिखा, भारत हमेशा जरूरतमंदों की मदद करता है, चाहे रास्ते कितने भी मुश्किल क्यों न हों. वहीं कुछ ने कहा, भारत ने रणनीतिक और सूझ-बूझ के साथ मदद पहुंचाई. लोग कह रहे क‍ि इस पूरी घटना से यह भी साफ हो गया कि भारत अपने पड़ोसियों और अन्य देशों में मानवीय सहायता देने में कभी पीछे नहीं हटता. एक यूजर ने लिखा, भले ही रास्ता मुश्किल था, लेकिन मदद समय पर पहुंच गई, यही असली मानवता है.

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