Last Updated:September 03, 2025, 20:23 IST
Arun Gavli Bail News: अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली. 17 साल बाद नागपुर जेल से रिहा हुए. मुंबई के डॉन और विधायक रहे गवली की रिहाई पर परिवार और समर्थक मौजूद थे.

गैंगस्टर से नेता बने अरुण गवली 17 साल जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद आज नागपुर की जेल से बाहर आ गया. गवली का नाम महाराष्ट्र की अपराध और राजनीति की दुनिया में लंबे समय से चर्चा में रहा है. 76 वर्षीय गवली को आमतौर पर ‘डॉन’ के रूप में जाना जाता है. उसका जन्म मुंबई के भायखला इलाके के दगड़ी चॉल में हुआ था, जहां से उन्होंने अपनी आपराधिक यात्रा शुरू की. साल 1980 और 1990 के दशक में गवली ने मुंबई की स्थानीय बंदरबस्ती और अंडरवर्ल्ड में मजबूत पकड़ बनाई. उनका नाम मुख्य रूप से शातिर अपराधों, हत्या, रंगदारी और जमीन विवादों से जुड़ा.
विधायक बन चमकाई राजनीति
गवली ने अपने गैंगस्टर करियर के दौरान कई हाई-प्रोफाइल मामलों में हिस्सा लिया. 2004 से 2009 तक उन्होंने मुंबई के चिंचपोकली विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में भी काम किया, जिससे उनके राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव को और मजबूती मिली. इसके साथ ही उन्होंने अखिल भारतीय सेना की स्थापना की, जो पहले स्थानीय सामाजिक संगठन के तौर पर उभरी और बाद में राजनीतिक ताकत भी बनी.
कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा
हालांकि, उनका जीवन हमेशा विवादों में रहा. अगस्त 2012 में मुंबई की एक सत्र अदालत ने उन्हें शिवसेना के पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में आजीवन कारावास और 17 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके बाद गवली ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी, लेकिन तब भी उन्हें जेल में रहना पड़ा. इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक अपील की. तीन सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने गवली को 17 साल से अधिक समय जेल में रहने के बाद जमानत दे दी.
जेल से सीधे एयरपोर्ट पहुंच पकड़ी फ्लाइट
न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि गवली जेल में पर्याप्त समय काट चुके हैं और उनकी अपील अभी लंबित है. जेल विभाग की कानूनी औपचारिकताओं के बाद गवली को दोपहर करीब 12:30 बजे नागपुर जेल से रिहा किया गया. रिहाई के समय उनके परिवार, वकील और समर्थक मौजूद थे. गवली को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में नागपुर हवाई अड्डे ले जाया गया और वहां से मुंबई के लिए रवाना किया गया. गवली की रिहाई महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत उनके खिलाफ चल रहे मामलों के बावजूद हुई.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
September 03, 2025, 20:23 IST
हत्या, रंगदारी, जमीन... कौन है वो पूर्व विधायक? जो 17 साल बाद जेल से आया बाहर