Last Updated:September 03, 2025, 20:09 IST

नई दिल्ली: वैश्विक व्यापार पर ट्रंप टैरिफ के काले साये के बीच भारत और सिंगापुर ने अपनी आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का फैसला किया है. सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं और आज उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी. दोनों नेता ग्रीन एनर्जी, सिविल एविएशन, शिपिंग और स्पेस जैसे अहम क्षेत्रों में पांच बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे. यह यात्रा इसलिए भी खास है क्योंकि पीएम पद संभालने के बाद वोंग की यह भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है. भारत और सिंगापुर इस साल अपने कूटनीतिक संबंधों के 60 साल और व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) के 20 साल मना रहे हैं. ऐसे में यह दौरा केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामरिक दृष्टि से भी अहम है.
क्यों अहम है सिंगापुर पीएम का यह दौरा?
सिंगापुर लंबे समय से भारत और ASEAN के बीच “ब्रिज” की भूमिका निभाता रहा है. ऐसे में वोंग की यात्रा को भारत-ASEAN रिश्तों की मजबूती का प्रतीक माना जा रहा है. मौजूदा समय में भारत-सिंगापुर का द्विपक्षीय व्यापार 35–36 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. वहीं, FDI के मामले में भी सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा निवेशक है. 2000 से अब तक करीब 175 अरब डॉलर का निवेश सिंगापुर से भारत में आया है, जिसमें कोविड-19 के बाद का 60 अरब डॉलर भी शामिल है.
भारत और सिंगापुर में होने जा रहे बड़े समझौते
महाराष्ट्र में दोनों प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक नए कंटेनर टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे. इस प्रोजेक्ट में पोर्ट ऑफ सिंगापुर अथॉरिटी (PSA) ने एक अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है. इसके अलावा डिजिटल अर्थव्यवस्था, फिनटेक, स्टार्टअप्स, सेमीकंडक्टर, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया एक्सपोर्ट पर भी समझौते होने की उम्मीद है.
भारत और सिंगापुर पानी के नीचे केबल बिछाकर सौर ऊर्जा एक्सपोर्ट करने की संभावना तलाश रहे हैं. यह केबल डेटा कनेक्टिविटी में भी मदद करेगी. हालांकि अंडमान क्षेत्र की चुनौतियों को देखते हुए प्रोजेक्ट पर सावधानी से काम हो रहा है. इसके साथ ही गुजरात की GIFT City में दोनों देशों ने एक फाइनेंशियल डेटा रेगुलेटरी “सैंडबॉक्स” भी शुरू किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों को लाभ होगा.
ट्रंप टैरिफ और भारत-सिंगापुर साझेदारी
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों ने वैश्विक व्यापार पर असमंजस बढ़ा दिया है. टैरिफ से सबसे ज्यादा असर एशियाई निर्यातक देशों पर पड़ता है. ऐसे में भारत और सिंगापुर के बीच मजबूत आर्थिक साझेदारी दोनों देशों को वैश्विक अनिश्चितता से बचाने में मदद करेगी. भारत एशिया में अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करना चाहता है और सिंगापुर इसमें एक अहम हब साबित हो सकता है.
वोंग की यात्रा के दौरान दोनों नेता न सिर्फ व्यापार और निवेश पर बात करेंगे बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा, हिंद-प्रशांत रणनीति और वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा करेंगे. सिंगापुर के साथ भारत का रक्षा सहयोग भी लगातार बढ़ रहा है. साउथ चाइना सी और इंडो-पैसिफिक में दोनों देशों की साझा भूमिका चीन की बढ़ती सक्रियता के बीच और अहम हो जाती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा केवल समझौतों की सूची तक सीमित नहीं रहेगी. यह भारत और सिंगापुर के रिश्तों को अगले दशक के लिए नई दिशा देगी. ग्रीन एनर्जी, डिजिटल इनोवेशन और स्टार्टअप्स के जरिए दोनों देश 21वीं सदी की साझेदारी का खाका तैयार कर रहे हैं.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 03, 2025, 20:09 IST