Last Updated:July 16, 2025, 13:09 IST
Balasore Victim Father Blames Ignorance: ओडिशा के बालासोर में बीएड छात्रा की आत्मदाह के बाद मौत ने देश को झकझोर दिया है. पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने आवाज उठाने की कीमत चुकाई है.

पीड़िता से पिता ने कहा है कि सिस्टम में उनकी बेटी को छीन लिया.
हाइलाइट्स
बालासोर कांड में बीएड छात्रा की आत्मदाह से मौत.पिता ने बेटी की मौत पर न्याय की मांग की.मुख्यमंत्री ने 20 लाख रुपये मुआवजा देने का वादा किया.ओडिशा के बालासोर में 20 वर्षीय बीएड छात्रा की आत्मदाह के बाद हुई मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस बीच बुधवार को पीड़िता के पिता बालाराम बिसी का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी ने अपनी आवाज उठाने की कीमत चुकाई है. कई लोगों की अनदेखी ने उसे इस कदम तक पहुंचाया. यह बयान तब आया जब वे अपनी बेटी की मौत के बाद गहरे शोक में डूबे हुए थे, जिसने यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई न होने से नाराज होकर 12 जुलाई को खुद को आग लगा ली थी.
छात्रा ने 1 जुलाई को फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज के सहायक प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी, लेकिन कॉलेज प्रशासन और पुलिस की उदासीनता ने उसे हताश कर दिया. पीड़िता के पिता ने न्यूज18 को फोन पर बताया कि जब उसने प्रिंसिपल और आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) को शिकायत की, तो उसे नजरअंदाज किया गया. यहां तक कि आईसीसी के सदस्यों ने भी उसका साथ नहीं दिया, जो उसे न्याय दिलाने के लिए थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रोफेसर ने उसके अकादमिक स्कोर को प्रभावित करने की धमकी दी थी और कॉलेज प्रबंधन ने उसे शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला. 12 जुलाई को आठवें दिन चली आ रही छात्र प्रदर्शनों के बीच पीड़िता ने कॉलेज गेट पर खुद को पेट्रोल डालकर आग लगा ली. सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया कि वह आग में घिरी प्रिंसिपल के कार्यालय की ओर दौड़ी और सहपाठियों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक वह 90 फीसदी से अधिक जलन हो चुकी थी. उसे बालासोर अस्पताल ले जाया गया, फिर एम्स भुवनेश्वर में भर्ती किया गया, जहां 14 जुलाई की रात 11:46 बजे उसकी मौत हो गई.
एम्स का बयान
एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. दिलीप कुमार परिदा ने कहा कि उसको फेफड़ों और गुर्दों को नुकसान पहुंचा था. चार घंटे की देरी से पहुंचने के कारण उसकी जान नहीं बच सकी. पिता ने दावा किया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक साजिश थी. वह कॉलेज में आवाज उठाती थी, जो प्रबंधन को पसंद नहीं था. प्रिंसिपल के कमरे में क्या हुआ, क्यों उसे अकेले बुलाया गया, यह जांच का विषय है.
उन्होंने आईसीसी सदस्यों की गिरफ्तारी की मांग की, जिन्होंने कथित तौर पर रिपोर्ट में पक्षपात किया. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा और सख्त कार्रवाई का वादा किया है, जबकि अभियुक्त प्रोफेसर और प्राचार्य को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस घटना ने सार्वजनिक रोष और विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया है. कांग्रेस ने 17 जुलाई को बंद का आह्वान किया और राहुल गांधी ने इसे सिस्टम की हत्या करार दिया.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
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