Last Updated:July 16, 2025, 19:05 IST
नमाज और कांवड़ यात्रा को लेकर देश में एक बार फिर बहस छिड़ गई है. लेकिन असली सवाल यह है कि क्या नमाज़ और कांवड़ यात्रा की तुलना वाजिब है? और क्या प्रशासन दोनों के साथ एक जैसा व्यवहार करता है? इस बहस को समझने के ...और पढ़ें

कांवड़ और नमाज... (File Photo)
हाइलाइट्स
दिग्विजय सिंह की पोस्ट से नमाज और कांवड़ यात्रा पर तुलना होने लगी है.भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी मानसिकता पर कई आरोप जड़े हैं.लेकिन क्या आपको पता है कि कांवड़ और नमाज में बड़ा फर्क?सावन शुरू होते ही शिवभक्तों की कांवड़ यात्रा सड़कों पर दिखाई पड़ती है और ठीक उसी समय कुछ सियासी तीर भी चलने लगते हैं. मौजूदा विवाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की उस पोस्ट से उठा, जिसमें उन्होंने सड़क पर रखी कांवड़ की तस्वीर और दिल्ली में नमाज पढ़ते समय एक पुलिसकर्मी द्वारा लात मारने की पुरानी तस्वीर साथ रखकर लिखा, एक देश, दो क़ानून. बयान को भाजपा ने तुरंत सनातन विरोध बता दिया. मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने तो उन्हें मौलाना दिग्विजय तक कह डाला. सवाल ये है कि जब मक्का और मदीना में पवित्र हज यात्रा होती है तो उस पूरे देश का प्रशासन और शक्तियां उस यात्रा में लगती है…फिर भारत में कांवड़ यात्रा जैसे बड़े आयोजन को सरकार अधिक महत्व देती है तो उसमें दिग्विजय सिंह जैसे नेताओं को तकलीफ क्यों हो जाती है. अगर नमाज और कांवड़ यात्रा में फर्क देखना है, तो इस डेटा से समझिए.
नमाज | कांवड़ यात्रा |
जुमे की नमाज हर शुक्रवार को होती है. | कांवड़ यात्रा सिर्फ 13 दिन तक चलती है. |
जुमे की नमाज साल में 52 दिन पढ़ी जाती है. | यात्रा लंबी होती है, इसलिए बेरिकेडिंग की जाती है. |
भीड़ की वजह से हर बार सड़क पर ट्रैफिक की समस्या. | प्रशासन कांवड़ियों के लिए अलग से रास्ता बनाता है. |
भीड़ के सड़क पर आने से कई बार रास्ता रुक जाता है. | रास्ता अलग होने से आमतौर पर ट्रैफिक नहीं रुकता. |
कांवड़ यात्रा के सुरक्षा इंतजाम
गजटेड ऑफिसर 587
इंस्पेक्टर 2040
सब इंस्पेक्टर 13,520
हेड कॉन्स्टेबल/कॉन्स्टेबल 39,965
महिला सब इंस्पेक्टर 1,486
महिला हेड कॉन्स्टेबल/कॉन्स्टेबल 8,541
केंद्रीय पुलिस बल और PAC 50 कंपनी
होमगार्ड्स 1,424
उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश
कांवड़ियों ने हरिद्वार से उठाई कांवड़
साल कांवड़िये
2024 4.50 करोड़
2023 4.7 करोड़
2022 3.80 करोड़
2020-21 कोरोना की वजह से स्थगित
2019 3.76 करोड़
पिछले कुछ वर्षो में कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार पहुंचे श्रद्धालु
वर्ष श्रद्धालु
2024 4 करोड़ 50 लाख
2023 4 करोड़ 7 लाख
2022 3 करोड़ 80 लाख
2021 और 2020 कोरोना महामारी के कारण यात्रा स्थगित
2019 3 करोड़ 76 लाख
कांवड़ यात्रा पर सियासी वार पलटवार
मुजफ्फरनगर में ढाबे संचालकों को परेशान किया जा रहा है. दुकानदारों से पैंट उतारने को कहा जा रहा है.
-असदुद्दीन ओवैसी, AIMIM
उत्तराखंड में हिंदू संगठन होटल कर्मियों से धार्मिक पहचान पूछ रहे हैं. नाम पूछना कपड़े उतरवाकर धर्म पहचानना भी एक तरह का आतंकवाद है. ये वैसा ही है जैसा आतंकियों ने पहलगाम में लोगों को निशाना बनाया.
-एसटी हसन, समाजवादी पार्टी
कांवड़ियों के पास काम नहीं है इसलिए इनके पास बहुत समय है. कांवड़ यात्रा युवाओं के समय बिताने का एकमात्र तरीका बन गया है. ये सरकार की विफलता का प्रतीक है, सरकार नौकरियों पर ध्यान नहीं दे रही.
-राजीव राय, समाजवादी पार्टी
कांवड़ महीने भर सड़क पर रहेगी,पर मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते हैं. मैं चाहता हूं कि सरकार सभी धर्मों और जाति का सम्मान करें.
चंद्रशेखर, आजाद समाज पार्टी
एक समुदाय के इबादत करने पर मुकदमा हो जाता है, कांवड़ के नाम पर हाईवे तक बंद कर दिया जाता है.
कुंवर दानिश अली, कांग्रेस
एक देश, कितने कानून?
दिग्विजय सिंह ने जिस हैशटैग #OneNationTwoLaws से सवाल उठाया, उसे भाजपा ने UCC विरोधियों के लिए अचानक प्रेम कहकर घेर लिया. दिलचस्प यह है कि एक देश, दो क़ानून” तर्क देने वाले वही नेता अनिवार्य नागरिक संहिता (UCC) का खुला समर्थन नहीं करते. सवाल ये भी कि एक देश दो कानून की बात करने वाले दिग्विजय सिंह क्या एक देश एक कानून यानी UCC का इशारों में समर्थन कर रहे हैं? और तीसरा सवाल ये कि जब सरकार सारी व्यवस्था कर रही है तो फिर कुछ कावड़िये सड़कों पर हुड़दंग क्यों करने लग जाते हैं?
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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