राजस्थान में डिफेंस कॉरिडोर की क्यों है जरुरत? पढ़ें हर सवाल का सटीक जवाब

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Last Updated:July 16, 2025, 18:16 IST

India-Pakistan Border Challenges : इंडियन आर्मी को अब राजस्थान में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की जरूरत महसूस होने लगी है. इसके पीछे आर्मी ने कई तर्क गिनाए हैं. दक्षिण पश्चिम कमान के आर्मी कमांडर ने उम्मीद जताई है कि ...और पढ़ें

राजस्थान में डिफेंस कॉरिडोर की क्यों है जरुरत? पढ़ें हर सवाल का सटीक जवाब

सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर मनजिंदर सिंह के अनुसार बॉर्डर इलाके में बकंरनुमा घर और मजबूत बेसमेंट बनाने की जरुरत है.

हाइलाइट्स

राजस्थान में डिफेंस कॉरिडोर की जरूरत महसूस हुई.राजस्थान सरकार अगले 6 महीने में पॉलिसी बना सकती है.बॉर्डर इलाकों में बंकरनुमा घर और बेसमेंट बनाने की जरूरत.

जयपुर. राजस्थान में पाकिस्तान के साथ लगता करीब 1070 किलोमीटर लंबा इंटरनेशनल बॉर्डर है. यहां दुश्मन के हर नापाक हरकत से निपटने के लिए थल सेना और वायु सेना के महत्वपूर्ण सामरिक ठिकाने हैं. यहां आए दिन पाकिस्तान की ओर से होने वाली नापाक हरकतों को सही तरीके से जवाब देने की बड़ी चुनौती है. ऐसे ही कुछ बड़े मुद्दों को ध्यान में रखते हुए और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा के लिए सेना की दक्षिण पश्चिम कमांड को अब राजस्थान में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की जरूरत महसूस होने लगी है. इसे लेकर उसने राजस्थान सरकार को एक पत्र लिखा गया है.

देश में अभी उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में ही डिफेंस कॉरिडोर है. राजस्थान में तैनात फोर्स के उपकरणों की जरूरत और उनकी मरम्मत के लिए उन्हें इतनी दूर वहां भेजना पड़ता है. इसमें काफी वक्त भी लगता है और बड़ा खर्चा भी आता है. दक्षिण पश्चिम कमान के आर्मी कमांडर ने उम्मीद जताई है कि अगले 6 महीने में इसे लेकर राजस्थान सरकार पॉलिसी बना देगी.

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राजस्थान में एक डिफेंस कॉरिडोर की जरुरत है
सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर मनजिंदर सिंह के अनुसार राजस्थान में पाकिस्तान से लगने वाली सीमा सबसे लंबी है. यहां आर्मी और एयर फोर्स के बड़े तथा महत्वपूर्व सामरिक ठिकाने हैं. आर्मी राजस्थान में जितने भी हथियार और उपकरण उपयोग कर रही है उन्हें रिपेयर करने के लिए हमें डिफेंस कॉरिडोर भेजना पड़ता है. उसे ठीक होकर आने में काफी वक्त लग जाता है. यदि राजस्थान में एक डिफेंस कॉरिडोर बन जाए तो यह सारी सुविधा यहां मिल जाएगी. इसका फायदा वायु सेवा और आर्मी को होगा. राजस्थान सरकार को प्रपोजल भेजा है. अगले 6 महीने में राजस्थान सरकार इसकी पॉलिसी बना देगी.

बकंरनुमा घर और मजबूत बेसमेंट बनाने की जरुरत है
बकौल सिंह पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और श्री गंगानगर जिले लगे हुए हैं. आए दिन पाकिस्तान अपने नापाक इरादों को अंजाम देकर बॉर्डर रहने वाले लोगों को निशाना बनाता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी उसने कई ड्रोन और मिसाइल के जरिए बॉर्डर के इलाकों में जान माल की तबाही की नाकाम कोशिश की थी. ऐसे में अब रूस यूक्रेन युद्ध के साथ ही विश्व के कई भागों में चल रहे लंबे युद्ध के दौरान लोगों की जान को बचाने के अनुभवों का उपयोग करते हुए कमान ने बॉर्डर इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बकंरनुमा घर और मजबूत बेसमेंट बनाने के लिए सब्सिडी देने की जरुरत भी जताई है. ताकि सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लाखों लोगों को छोटे-बड़े बमों से बचाया जा सके.

आर्मी का लोगों के साथ काफी अच्छी तरीके से कोऑर्डिनेशन है
मनजिंदर सिंह कहते हैं कि राजस्थान बॉर्डर स्टेट है. यह बहुत मजबूत है. यह कई सारी एक्टिविटी होती है. यहां राजपूत और जाट रेजिमेंट के साथ यहां मेक इन्फेंट्री तथा आर्म्ड इन्फेंट्री है. बॉर्डर इलाके में आर्मी का लोगों के साथ काफी अच्छी तरीके से कोऑर्डिनेशन है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब ड्रोन की चुनौती आई थी तो राजस्थान के बॉर्डर इलाके लोगों ने हमारी बहुत मदद की. हमने हमारा पूरा सिस्टम रात को ही सेटअप कर लिया था.

सिविलियन भी लड़ाई की रेंज से बाहर नहीं है
राजस्थान के बॉर्डर इलाकों के लोग भी लड़ाई के स्थिति के लिए तैयार हैं. सिंह के अनुसार उन्होंने सरकार को यह सुझाव दिया है कि बॉर्डर इलाकों में अब कोई भी नया निर्माण कार्य हो तो वहां अंडरग्राउंड निर्माण होना चाहिए. बेसमेंट बनाने के लिए सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए ताकि हर गांव के के घर में बेसमेंट हो. इजराइल-यूक्रेन में 4 साल से चल रही लंबी लड़ाई के दौरान हमने देखा कि सिविलियन भी लड़ाई की रेंज से बाहर नहीं है. उनकी सुरक्षा के लिए हमें भी ऐसी पॉलिसी बनानी पड़ेगी ताकि हमारे बॉर्डर इलाके के लोग भी लड़ाई के दौरान सुरक्षित रह सकें.

2047 तक विकसित भारत के लिए सेना को कैसे मजबूत किया जाए?
सेना और सेना की जरूरत से जुड़े ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा के लिए जयपुर में सप्त शक्ति कमांड की ओर से ‘नेक्स्ट जेनरेशन कॉम्बेक्ट- शेंपिंग टुमारो मिलिट्री टुडे’ विषय पर दो दिवसीय तकनीकी सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. इसमें रूस यूक्रेन में जो लड़ाई लड़ रही थी वहां क्या नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है? 2047 तक विकसित भारत के लिए सेना को कैसे मजबूत किया जाए? तकनीकी गेप कैसे पूरा भरकर फौज को और आधुनिक बनाया जा सके पर चर्चा की जा रही है.

भारत का एंटी ड्रोन सिस्टम बेहद मजबूत है
इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम का उपयोग करके कैसे स्वचालित युद्ध उपकरणों को विकसित किया जाए इन विषयों पर भी चर्चा हो रही है. पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जहां टर्की सहित अन्य देशों की मदद से भारत पर ड्रोन अटैक किए थे. लेकिन अब कोई भी देश ऐसे हमलों से पहले कई बार सोचेगा. क्योंकि भारत में ऐसे एंटी ड्रोन सिस्टम का निर्माण किया गया है जो कि दुश्मन के ड्रोन को ना सिर्फ ढूंढ लेने में एफ्फिसिएंट हैं बल्कि मार गिराने में भी कारगर है.

Sandeep Rathore

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

संदीप ने 2000 में भास्कर सुमूह से पत्रकारिता की शुरुआत की. कोटा और भीलवाड़ा में राजस्थान पत्रिका के रेजीडेंट एडिटर भी रह चुके हैं. 2017 से News18 से जुड़े हैं.

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