तारों को छूकर लौटे शुभांशु शुक्ला, शिकन तक न दिखी, परिवार से मिले तो छलके आंसू

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Last Updated:July 16, 2025, 19:19 IST

Shubhanshu Shukla Family Pics: भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की 20 दिन बाद सुरक्षित धरती पर वापसी पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बन गई. शुभांशु जैसे ही स्पेस मिशन से लौटे, उनके माता-पिता की आंखें खुशी से नम हो गईं. पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, 'हमारा बच्चा उस जगह से लौटा है जहां सिर्फ ऊपरवाले की ताकत चलती है.' शुभांशु की मां भी बेहद भावुक नजर आईं. उन्होंने कहा, 'अब बस उससे गले मिलने का इंतजार है.' बुधवार को शुक्ला अमेरिका में ही अपने परिवार से मिले. जो बंदा अंतरिक्ष में तारों को छूकर लौटा और उसके माथे पर एक शिकन तक न दिखी, वो पत्नी को गले लगाकर और बच्चे को गोद में उठाकर भावुक हो गया. देख‍िए शुक्ला फैमिली की ये प्यारी तस्वीरें

शुभांशु फिलहाल आइसोलेशन में हैं. शुभांशु की पत्नी का नाम डॉक्टर कामना शुक्ला है. वह पेशे से एक डेंटिस्ट हैं. कामना स्कूल के समय से शुंभाशु की दोस्त हैं. उसी दौरान उनका प्यार परवान चढ़ा. दोनों की शादी फैमिली की सहमति से हुई.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कामना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे और शुभांशु कक्षा 3 से साथ पढ़े. कामना के अनुसार, शुभांशु बड़े शर्मीले हैं. ज्यादा बातचीत नहीं करते, शांत रहते हैं.

शुभांशु और कामना एक बेहद प्यारे बेटे के माता-पिता हैं. बुधवार को शुभांशु ने बेटे को देखते ही गोद में उठा लिया.

शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, 'सफल लैंडिंग के लिए ईश्वर को धन्यवाद करता हूं. जिन लोगों ने हमारे बच्चे को आशीर्वाद दिया, उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. दुआएं और बधाई देने वालों का हम आभार व्यक्त करते हैं. बच्चा ऐसी जगह से वापस आया, जहां पर किसी का नहीं सिर्फ ऊपर वाले का जोर रहता है. ड्रैगन कैप्सूल की सफल लैंडिंग के समय हम भगवान को याद कर रहे थे.' उन्होंने कहा, बेटे की सुरक्षित वापसी पर दिल को सुकून मिला है. कुछ दिन ऑब्जर्वेशन में रहने के बाद वो जब भी आएगा, उससे बात होगी. पिछले डेढ़ साल से बेटे से आमने-सामने मुलाकात नहीं हुई है, लेकिन अब उससे मिलने का समय नजदीक आ गया है. शुभांशु शुक्ला की मां पत्रकारों से बात करते हुए भावुक नजर आईं. उन्होंने भी बेटे की सुरक्षित वापसी पर ईश्वर का आभार जताया.

शुभांशु की सकुशल वापसी के मौके पर केंद्र सरकार ने बुधवार को एक आधिकारिक प्रस्ताव पारित कर इसे 'गौरव, उल्लास और प्रेरणा का क्षण' बताया. कैबिनेट ने इसरो और वैज्ञानिकों की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा का स्वर्णिम अध्याय है. कैबिनेट प्रस्ताव में कहा गया कि शुभांशु ने 18 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर बिताए और वैज्ञानिक प्रयोग किए. इसमें माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों का पुनर्जनन, सूक्ष्मजीवों की ग्रोथ और सोचने-समझने की क्षमता पर अंतरिक्ष के प्रभाव जैसे विषय शामिल रहे.

शुभांशु शुक्ला पर कैबिनेट प्रस्ताव में कहा गया कि इस मिशन ने गगनयान और भारत के स्पेस स्टेशन प्रोजेक्ट की राह को और मजबूती दी है. 2047 तक विकसित भारत के सपने को यह मिशन नई ऊर्जा देता है. सरकार ने यह भी याद दिलाया कि चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग और आदित्य-L1 जैसे मिशन भारत की वैश्विक वैज्ञानिक साख को स्थापित कर चुके हैं.

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