बेटी को पढ़ने के लिए विदेश भेजना नेता को पढ़ा भारी, भरी सभा में मांगनी पड़ी माफी

14 hours ago

South Korea News: साउथ कोरिया में शिक्षा मंत्री के पद के लिए नामित ली जिन सूक ने अपनी बेटी को अवैध रूप से देश से बाहर पढ़ाई के लिए भेजने के आरोप में माफी मांगी है. उनपर शैक्षणिक साहित्यिक चोरी का आरोप लगा है. ली का कहना है कि उन्हें इस बात का बेहद दुख है, लेकिन उन्हें शिक्षा को लेकर इस कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.  

ली जिन सूक ने मांगी माफी 
बता दें कि ली ने साल 2007 में अपनी दूसरी बेटी को पढ़ाई के लिए अमेरिका भेजा था. उस दौरान वह मिडिल स्कूल के थर्ड ईयर में थी. कोरियाई कानून के तहत यह प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अधिनियम का उल्लंघन था, जिसमें मिडिल स्कूल तक बच्चे का अपने दी देश में अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है. ली की बेटी अब 33 साल की हो चुकी है. ली ने मामले की सफाई देते हुए कहा कि उन्हें इस बात का बेहद दुख है, लेकिन उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि उनसे कानून का उल्लंघन हुआ है.   

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कानून का किया उल्लंघन 
बता दें कि साउथ कोरियन कानून के अनुसार ली की बेटी का अमेरिका में पढ़ाई के लिए जाना तब वैध हो सकता था जब माता-पिता में से कोई एक उनके साथ विदेश जाता, हालांकि उस समय मंत्री पद के लिए उम्मीदवार ली और उनके पति अपने देश में ही थे. साउथ कोरिया में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर 730 अमेरिकी डॉलर यानी 62,772.7 भारतीय रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.  ली ने उनके ऊपर लगाए गए एकेडमिक मिसकंडक्ट के लिए भी माफी मांगी, जिसमें उनके छात्र की ओर से लिखे गए थीसिस में प्लेगरिज्म और उनके रिसर्च वर्क के डुप्लीकेट पब्लिकेशन शामिल है.    

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साउथ कोरिया में पढ़ाई को लेकर क्या कानून है? 
बता दें कि साउथ कोरिया में एजुकेशन सिस्टम को लेकर कई नियम-कानून हैं. यहां सभी के लिए प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई अनिवार्य के साथ-साथ मुफ्त भी है. वहीं हायर स्टडीज के लिए छात्रों को खुद अपनी पढ़ाई का खर्चा उठाना होता है. इसके लिए वे तय करते हैं कि उन्हें कॉलेज जाना है या नहीं.  

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