'दलाल ने 25,000 ल‍िए तब घुसने द‍िया', बंगाल से भाग रहे राक‍िब की कहानी

1 hour ago

Last Updated:November 23, 2025, 22:19 IST

पश्च‍िम बंगाल में एसआईआर के बाद से भगदड़ मची हुई है. रोजाना 150-200 बांग्‍लादेशी सीमा पारकर बांग्‍लादेश भाग रहे हैं. इनसे बातचीत में कई ऐसे खुलासे हो रहे हैं, जो हैरान करने वाले हैं. सोच‍िए एक शख्‍स जो 20 साल से भारत में आकर काम कर रहा था, सारे डॉक्‍यूमेंट्स बनवा ल‍िए थे, अब जब शिकंजा कसा तो भागना पड़ रहा है.

'दलाल ने 25,000 ल‍िए तब घुसने द‍िया', बंगाल से भाग रहे राक‍िब की कहानीहकीमपुर बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्‍या में बांग्‍लादेशी बैठे हुए हैं.

पश्च‍िम बंगाल में वोटर ल‍िस्‍ट के र‍िवीजन यानी एसआईआर की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से बांग्लादेशी नागरिकों के वापस अपने देश भागने का सिलसिला लगातार जारी है. ये बांग्लादेशी नागरिक वर्षों से पश्चिम बंगाल में अवैध रूप से रह रहे थे. इनमें से कई तो 15-20 साल पहले दलालों के जर‍िये भारत आए, लेकिन अब इन्‍हें जाना पड़ रहा है. क्‍योंक‍ि इन्‍हें डर सता रहा क‍ि अगर ये रुके तो जेल में न भेज द‍िए जाएं. ये तस्वीरें उत्तर 24 परगना जिले के हाकिमपुर गांव की हैं. जहां की सड़कों पर बांग्लादेशी नागरिक सीमा पार करके अपने देश लौटने का इंतजार कर कर रहे हैं. कई बांग्लादेशी नागरिकों का कहना है कि वे यहां पर छोटा मोटा काम करते थे और बिचौलियों को पैसा देकर पश्चिम बंगाल में आए थे. ऐसे ही एक शख्‍स राकिब से News18India की टीम ने बात की, फ‍िर उसने जो बताया, वो हैरान करने वाला था…

बांग्लादेश में आपका घर कहां है?


मैं रंगदा (बारीसाल विभाग) से हूं.

आप क्या काम करते थे?


मैं कूड़ा बीनने का काम करता हूं.

आप यहां कब से रह रहे हैं?


एक साल से.

आपने यहां कैसे प्रवेश किया?


मैंने एक दलाल के जरिए प्रवेश किया.

आपने कितने पैसे दिए?


25,000 रुपये.

प्रत्येक व्यक्ति के लिए 25,000 रुपये दिए गए?


हां.

आप में से कितने लोग आए?


दो लोग आए.

हर द‍िन भाग रहे 200 बांग्‍लादेशी
स्थानीय लोगों का भी मानना है कि बांग्लादेशी नागरिकों का वापस पलायन पश्चिम बंगाल में चल रही एसआईआर की प्रक्रिया की वजह से ही हो रहा है. सीमा सुरक्षा बल के जवानों के मुताबिक, सत्यापन के बाद हर दिन लगभग 150-200 लोगों को वापस भेजा जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों का पलायन कभी नहीं देखा है.

क्‍या कहते हैं स्‍थानीय लोग
हकीमपुर के रहने वाले कृष्णपद दास कहते हैं, हमने लोगों को इस तरह आते कभी नहीं देखा. जहां तक मेरी जानकारी है, मैंने ऐसा कभी नहीं देखा. वे इस तरह आएंगे या अब इस तरह चले जाएंगे, मैंने कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी. जब उनसे पूछा गया क‍ि क्या हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई कटुता नहीं है? तो उन्‍होंने कहा, यहां हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई समस्या नहीं है. हम सब शांति से साथ रहते हैं. यहां कोई दंगा या झगड़ा नहीं हुआ है. हिंदू और मुसलमान दोनों भाई-भाई की तरह साथ रहते हैं. यहां कोई समस्या नहीं है.

Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

November 23, 2025, 22:19 IST

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