'आत्‍मा' को जाता देख फटने लगता है कलेजा, जानें ‘मिसिंग मैन फॉर्मेशन’ की परंपरा

1 hour ago

Missing Man Formation tribute to Martyr Wing Commander Namnash Syal: दुबई के अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चल रहे एयरशो 2025 का अंत 21 नवंबर को एक दर्दनाक हादसे के साथ हुआ. इस हादसे में भारतीय वायुसेना का स्‍वदेशी फाइटर एयरक्राफ्ट तेजस डेमो फ्लाइट के दौरान क्रैश हो गया और विंग कमांडर नमंश स्याल शहीद हो गए. इस हादसे ने न सिर्फ हर भारतीय की आंखों को नम कर दिया, बल्कि संवेदनाओं का ज्‍वार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई दिखा.

इस दुखद घटना के बाद रूसी वायुसेना ने शहीद विंग कमांडर नमंश स्‍याल को एक भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. रूसी नाइट्स एरोबेटिक टीम ने 23 नवंबर को दुबई एयरशो के अंतिम दिन ‘मिसिंग मैन फॉर्मेशन’ उड़ान भरी. यह फॉर्मेशन शहीद विंग कमांडर नमंश स्याल के सम्मान में समर्पित थी. चार फाइटर प्‍लेन्‍स की फॉर्मेशन में एक अचानक ऊपर की ओर उड़ गया, जो शहीद विंग कमांड नमंश पायलट की आत्मा के स्वर्गारोहण का प्रतीक था. इस दृश्य को देखकर हजारों दर्शकों की आंखें एक बार फिर नम हो गईं.

क्‍या है मिसिंग मैन फॉर्मेशन?
मिसिंग मैन फॉर्मेशन वायुसेना द्वारा दी जाने वाली श्रद्धांजलि का तरीका है. सामान्‍यत: किसी फॉर्मेशन में पांच फाइटर प्‍लेन शामिल होते हैं, लेकिन मिसिंग मैन फॉर्मेशन में कुल चार फाइटर प्‍लेन्‍स का फॉर्मेशन होता है. पांचवीं जगह शहीद पायलट के नाम पर खाली छोड़ दी जाती है, जो बताती है कि कोई एक हमेशा के लिए चला गया है. यह फॉर्मेशन ज्‍यादातर अंतिम संस्कार या स्मृति समारोह के ऊपर से गुजरती है. फॉर्मेशन ‘फिंगर-फोर’ शैली पर आधारित होती है, जो V आकार की तरह दिखती है.

फॉर्मेशन में लीडर एयरक्राफ्ट सबसे आगे होता है, उसके बाएं विंगमैन और दाएं तरफ दूसरी जोड़ी होती है. जैसे ही फॉर्मेशन स्‍मृति स्थल के ऊपर पहुंचती है, लीडर प्‍लेन का रुख अचानक आसमान की ओर कर देता है. लीडर आसमान की तरफ तब तक उड़ान भरता है, जब तक वह नजर से ओझल न हो जाए. बाकी फाइटर एयरक्राफ्ट अपनी उड़ान सीधी जारी रखते हैं. आसमान की तरफ रुख करने वाला प्‍लेन ‘मिसिंग मैन’ का प्रतीक होता है, जो शहीद पायलट या मृत व्यक्ति की आत्मा को दर्शाता है, जो धरती छोड़कर स्वर्ग की ओर जा रही है.

कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत?
मिसिंग मैन फॉर्मेशन की जड़ें प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में हैं. उस समय ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स के पायलटों ने इसे शुरू किया. युद्ध के दौरान, जब पायलट मिशन से लौटते, तो वे बेस पर फॉर्मेशन में उड़ान भरते ताकि ग्राउंड क्रू को पता चल सके कि कितने सुरक्षित लौटे. अगर कोई गायब होता, तो फॉर्मेशन में खाली जगह साफ दिखती. यह एक व्यावहारिक तरीका था, लेकिन धीरे-धीरे यह सम्मान का प्रतीक बन गया.

कहा जाता है कि पहली बार यह जर्मन एक्स मैनफ्रेड वॉन रिचथोफेन के अंतिम संस्कार में हुआ. 1918 में उनकी मौत पर ब्रिटिश पायलटों ने सम्मान में फ्लाईपास्ट किया, जिसमें एक जगह खाली थी. 1931 में अमेरिका में चार्ल्स डब्ल्यू ‘स्पीड’ होलमैन के अंतिम संस्कार में चार फाइटर प्‍लेन्‍स की आधुनिक फॉर्मेशन पहली बार दर्ज की गई. 1936 में ब्रिटेन के किंग जॉर्ज पांचवें के लिए ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स ने मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया था.

अमेरिका ने 1938 में इसे अपनाया, जब मेजर जनरल ऑस्कर वेस्टओवर के अंतिम संस्कार में 50 फाइटर प्‍लेन्‍स ने उड़ान भरी, एक रो खाली रखी. 1954 में जनरल होयट वैंडेनबर्ग के लिए जेट फाइटर प्‍लेन्‍स से पहली बार फॉर्मेशन तैयार की थी. वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी जनता ने इसे पहली बार बड़े पैमाने पर देखा. आज यह वैश्विक परंपरा है, जो पायलटों की साझा विरासत को जोड़ती है.

दुनिया को इन हस्तियों के लिए बना मिसिंग मैन फॉर्मेशन
मिसिंग मैन फॉर्मेशन का सम्मान उन लोगों को मिलता है, जिन्होंने अपने देश की एयरफोर्स या राष्ट्र सेवा में योगदान दिया है.

1918 में प्रथम विश्व युद्ध के शहादत देने वाले पायलट मैनफ्रेड वॉन रिचथोफेन (रेड बैरन) के सम्‍मान में ब्रिटिश पायलटों ने मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया था. 1936 में ब्रिटेन के किंग जॉर्ज के निधन पर रॉयल एयर फोर्स ने मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया था. 1938 में अमेरिकी आर्मी एयर कॉर्प्स के प्रमुख मेजर जनरल ऑस्कर वेस्टओवर की याद में मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था. 1931 में अमेरिकी पायलट चार्ल्स डब्ल्यू ‘स्पीड’ होलमैन को श्रद्धांजलि देने के लिए मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था. 1954 में अमेरिकी वायुसेना प्रमुख जनरल होयट वैंडेनबर्ग के सम्‍मान में मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था. 1986 में नासा T-38 फाइटर प्‍लेन्‍स के चैलेंजर अंतरिक्ष यात्रियों के सम्मान में मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था. 2001 में NASCAR ड्राइवर डेलावेयर की श्रद्धां‍जलि देने के लिए एयर नेशनल गार्ड द्वारा मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था. 2004 में नीदरलैंड्स के राजकुमार प्रिंस बर्नहार्ड की याद में तीन F-16 और स्पिटफायर से मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था. 2012 में चंद्रमा पर चलने वाले पहले व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग को श्रद्धांजलि देने के लिए मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था. 2018 में पायलट रहे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के सम्‍मान में मिसिंग मैन फॉर्मेशन बनाया गया था.

कब-कब एक देश ने किसी दूसरे देश के लिए बनाया फॉर्मेशन?
मिसिंग मैन फॉर्मेशन की परंपरा सिर्फ अपने सैनिकों या पायलटों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि एक देश की एयरफोर्स दूसरे देश के पायलट के सम्‍मान में फॉर्मेशन बनाती आई हैं. ऐसा ही एक उदाहरण 1918 में देखने को मिला था, जब प्रथम विश्व युद्ध में शहादत देने वाले जर्मनी के पायलट रेड बैरन के अंतिम संस्कार के दौरान ब्रिटेन की ब्रिटिश रॉयल यरफोर्स ने फॉर्मेशन तैयार किया था. इस फॉर्मेशन को दुश्‍मन के जांबाज को सम्‍मान के तौर पर देखा गया था. इसी तरह, 2004 में ब्रिटेन के प्रिंस और रॉयल एयर फोर्स के विंग कमांडर बर्नहार्ड के अंतिम संस्कार पर नीदरलैंड्स ने डच F-16 और ब्रिटिश WWII स्पिटफायर ने ज्‍वाइंट फॉर्मेशन बनाई थी.

साहिल गांधी के लिए फ्रेंच पायलट्स ने बनाया मिसिंग मैन फॉर्मेशन
बीते दिनों दुबई एयरशो में शहादत देने वाले भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमंश स्याल को याद करते हुए नाइट्स एरोबेटिक टीम ने आासमान में मिसिंग मैन फॉर्मेशन तैयार की थी. इससे पहले भी भारतीय पायलट के सम्‍मान में अन्‍य देश की वायुसेना ने मिसिंग मैन फॉर्मेशन तैयार कर चुकी है. 2019 के एयरो इंडिया में फ्रेंच राफेल पायलट्स ने भारतीय पायलट विंग कमांडर साहिल गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए यह फॉर्मेशन बनाई थी. एयरो इंडिया के रिहर्सल के दौरान दो हॉक्स प्‍लेन्‍स की आसम में टक्‍कर हो गई थी, जिसमें विंग कमांडर साहिल गांधी शहीद हो गए थे. उनको श्रद्धांजलि देने के भारतीय वायु सेना के सुखोई 30 एमकेआई, तेजस और जगुआर ने भी एक साथ मिलकर मिसिंग मैन फॉर्मेशन तैयार की थी.

अब तक किन भारतीय हस्तियों के लिए बनाई गई फॉर्मेशन
भारत में मिसिंग मैन फॉर्मेशन मुख्य रूप से वायुसेना द्वारा शहीदों के सम्मान में ही तैयार किया जाता है. आइए जाने अब तक किन भारतीय जांबाजों के सम्‍मान में बनाया गया है मिसिंग मैन फॉर्मेशन…

18 सितंबर 2017: भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल अर्जन सिंह के अंतिम संस्कार पर तीन सुखोई-30MKI से मिसिंग मैन फॉर्मेशन तैयार किया गया था. 20 फरवरी 2019: एयरो इंडिया 2019 में सूर्या किरण क्रैश के बाद तेजस, जागुआर, सुखोई लड़ाकू फाइटर प्‍लेन्‍स ने मिसिंग मैन फॉर्मेशन तैयार करते हुए विंग कमांडर साहिल गांधी को श्रद्धांजलि दी थी. 27 मई 2019: कारगिल युद्ध में देश के लिए प्राणों का सर्वोच्‍च बलिदान देने वाले स्क्वाड्रन लीडर अजय अहूजा को श्रद्धांजलि देने के लिए भटिंडा एयरबेस पर मिग-21 से फॉर्मेशन तैयार किया गया था. इस फॉर्मेशन को भारतीय वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने लीड किया था. 28 मई 2019: सरसावा एयरबेस पर कारगिल में शहीद हुए हेलीकॉप्टर क्रू के लि Mi-17 V5 से फॉर्मेशन तैयार की गई थी.

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