Last Updated:November 24, 2025, 15:54 IST
Viral Post: तेजी से अपडेट होती टेक्नोलॉजी हर दिन हैरान कर रही है. बच्चों से लेकर बड़ों तक, इन दिनों हर कोई एआई का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है. इसी बीच गूगल नैनो बनाना प्रो ने इंसानों की हैंडराइटिंग में मैथ का सवाल सॉल्व करके सबको चौंका दिया है.
Viral Post: गूगल नैनो बनाना एआई ने शख्स की हैंडराइटिंग कॉपी कर लीनई दिल्ली (Viral Post). तकनीक की दुनिया हर दिन हैरान कर रही है. यह तो सभी जानते हैं कि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कॉम्प्लेक्स कोड लिखता है, कविताएं रचता है और बड़ी-बड़ी जानकारियां भी एक पल में दे देता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि AI आपकी हैंडराइटिंग यानी हाथ की लिखाई की नकल करके भी जवाब दे सकता है? हाल ही में गूगल के एआई टूल ने ठीक ऐसा ही किया. एक यूजर ने एआई को गणित का सवाल दिया और एआई ने न केवल उसे सही हल किया, बल्कि उसका जवाब भी बिल्कुल उसी यूजर की लिखावट में लिखकर वापस कर दिया.
इस अविश्वसनीय प्रदर्शन के बाद, जहां एक तरफ लोग एआई की इस नई क्षमता से चकित हैं, वहीं दूसरी तरफ बड़ी बहस भी छिड़ गई है. इस यूजर ने खुद कमेंट किया कि यह टेक्नोलॉजी कहीं स्टूडेंट्स को बेवकूफ न बना दे. सवाल यह है कि जब एआई हमारे लिखने का तरीका तक हूबहू कॉपी कर सकता है तो क्या नई पीढ़ी सीखने की बेसिक जरूरतों- जैसे कि खुद से गणित के सवाल हल करना, हाथ से लिखना या मौलिक विचार- को पूरी तरह छोड़ देगी? यह घटना सबक देती है कि हमें एआई को सिर्फ सुविधा के रूप में लेना है, न कि अपनी बेसिक स्किल्स का अंत करने वाले टूल के रूप में.
Google Nano Banana AI: कॉपी कर ली शख्स की हैंडराइटिंग
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है. इसमें एक शख्स ने गूगल नैनो बनाना प्रो एआई को मैथ्स का सवाल हल करने के लिए दिया. यह सवाल किसी की हैंडराइटिंग में लिखा था यानी हाथ से लिखा गया था. एआई ने कुछ ही सेकंड में उसी हैंडराइटिंग में बिल्कुल सही जवाब लिखकर पोस्ट कर दिया. यह हैरानी वाली बात है कि एआई ने सॉल्यूशन को टाइप करने के बजाय यूजर की पहले से दी गई लिखावट के नमूने का इस्तेमाल किया और जवाब को हाथ से लिखे हुए टेक्स्ट के रूप में वापस दिया.
Google’s Nano Banana Pro is by far the best image generation AI out there.
I gave it a picture of a question and it solved it correctly in my actual handwriting.
एआई ने कैसे की नकल?
एआई ने लिखावट की नकल करके सबको चौंका दिया. दरअसल, जेनरेटिव एआई और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम की अगली पीढ़ी का हिस्सा है. यह टूल यूजर की लिखावट के कुछ नमूने लेकर उसमें अक्षरों के झुकाव, मोटाई, दूरी और स्टाइल को सीखता है. एक बार यह स्टाइल सीखने के बाद एआई किसी भी टेक्स्ट को पिक्सेल स्तर पर उसी लिखावट में रीक्रिएट कर सकता है. यह टेक्नोलॉजी एआई को पर्सनल और भरोसेमंद बनाती है. लेकिन साथ ही फर्जीवाड़े और Academic Integrity के लिए खतरा भी पैदा करती है.
क्या वाकई अगली पीढ़ी मूर्ख बन जाएगी?
एआई के हैंडराइटिंग रिजल्ट को लेकर सोशल मीडिया पर छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की गई है. अगर स्टूडेंट्स गणित, विज्ञान या इतिहास जैसे विषयों में सवालों के जवाब हमेशा एआई की मदद से पा सकते हैं तो वे खुद से सोचने, समस्या हल करने और अपनी याददाश्त का उपयोग करने का अभ्यास करना बंद कर देंगे. हाथ से लिखने की कला मस्तिष्क के विकास और विचारों को व्यवस्थित करने में मदद करती है. मगर एआई के इस रिजल्ट के कारण यह कला धीरे-धीरे खत्म हो सकती है.
एआई को मददगार ट्यूटर के रूप में देखना चाहिए, न कि अंधे भरोसे के रूप में. यह हम पर निर्भर करता है कि हम इस शक्तिशाली टूल का इस्तेमाल अपनी बुद्धि बढ़ाने के लिए करते हैं या स्किल्स कम करने के लिए.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...
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First Published :
November 24, 2025, 15:54 IST

1 hour ago
