रोचक सवाल है कि सांप या कोबरा कितनी देर तक कुंडली मार सकता है, एक घंटे, दो घंटे या और ज्यादा. वैसे कुछ सांप ऐसे भी होते हैं जो कुंडली नहीं मारते. कोबरा जब कुंडली मारकर बैठा हो तो उसके पास भी मत फटकिए, क्योंकि उसकी ये पोजिशन बहुत खतरनाक होती है. वो तुरंत एक्शन में होते हैं. किस तरह फटाक से दबोच सकते हैं, आप सोच भी नहीं सकते.
वैसे आप हैरान रह जाएंगे अगर आपको बता दें कि वो वास्तव में कितनी देर तक कुंडली मारकर बैठ सकते हैं. कुंडली मारकर बैठना सांपों की नेचुरल आदत होती है. बहुत से लोगों को लगता है कि सांप के शऱीर में कोई हड्डी नहीं होती, इसलिए वो ऐसा कर सकता है. लेकिन आपका ये सोचना गलत है. सांप के शरीर में हमसे ज्यादा हड्डियां होती हैं.
सांपों में इंसानों से कहीं ज्यादा हड्डियां होती हैं, जिनकी संख्या 1200 के आसपास होती है. उनके कंकाल रीढ़ की हड्डी, पसलियों, खोपड़ी और जबड़े हड्डी से बने होते हैं, जो उन्हें रेंगने के लिए लचीलापन देते हैं. अजगर में करीब 1800 हड्डियां हो सकती हैं.
कितनी देर लगा सकते हैं कुंडली
सांप कितनी देर तक कुंडली मारकर बैठ सकता है. कई बार ये उसकी प्रजाति, आकार, ऊर्जा स्तर और पर्यावरण पर निर्भर करता है. दरअसल सांप कुंडली मारकर आराम करते हैं या शिकार की प्रतीक्षा करते हैं. कई बार वो कुंडली मारकर एकदम अलर्ट पोजिशन में आ जाते हैं. तब वो बिना हिले-डुले घंटों या दिनों तक एक ही स्थिति में रह सकते हैं. कुंडली मारना सांप की एक प्राकृतिक तकनीक है, जो उसे शिकार, सुरक्षा, आराम और तापमान संतुलन में मदद करती है. सबसे ज्यादा ताकतवर कुंडली कोबरा की होती है. बहुत खतरनाक.
किंग कोबरा को दुनिया का सबसे बड़ा जहरीला सांप माना जाता है. ये अटैक करने से पहले अपने आधे से भी अधिक शरीर को हवा में उठा लेता है. अजगर जैसा दैत्याकार सांप भी इसके आगे हार मान लेता है.
कोबरा की कुंडली सबसे खतरनाक
कोबरा ज़्यादातर घात लगाकर या खतरे में कुंडली मारते हैं. उसकी कुंडली सबसे ज्यादा खतरनाक मानी जाती है. एक रिसर्च में पाया गया कि एक भारतीय कोबरा करीब 24 घंटे तक बिना हिले-डुले कुंडली मारकर बैठा रहा था, जब पास में शिकारी जानवर थे. एक विशेष केस में हाइड्रोफिस काइनोसिंटस नामक समुद्री सांप एक चट्टान के नीचे करीब 3 दिन तक कुंडली मारकर बिना तैरे बैठा रहा, इसकी वजह वहां आया एक तूफान था.
तब वो क्या करता है, क्या सिगनल देता है
जब कोबरा कुंडली मारकर बैठता है, तो उसका मतलब होता है, “अब मैं पूरी तरह अलर्ट हूं और किसी भी समय झपट सकता हूं.” इस पोजिशन में वह शरीर के निचले हिस्से को कुंडली में सिकोड़कर ताकत इकट्ठा करता है. फिर फन फैलाकर दुश्मन को डराने का संकेत देता है. सिर को ऊंचा करके अपने दायरे में किसी भी चीज़ पर तेजी से हमला कर सकता है.
तब उसके पास भी मत फटकिए
कोबरा जब फन फैलाता है, तो वो दो वजह से करता है, दुश्मन को डराने के लिए और अगर दुश्मन पीछे न हटा, तो हमला करने के लिए. फन फैलाने और कुंडली मारने के बाद कोबरा का दायरा बहुत तेज़ और खतरनाक हो जाता है. वो तब 1 से 1.5 मीटर तक फुर्ती से झपट सकता है.
कुंडली मारकर बैठा हुआ सांप पलक झपकते एक से डेढ़ मीटर तक छलांगकर वार सकता है (फाइल फोटो)
तब पूरी ताकत से ज्यादा जहर छोड़ता है
कोबरा जब कुंडली में बैठा होता है, तो उसका शरीर ज़हर वाली ग्रंथियों को भी तैयार कर लेता है. इसलिए इस पोजिशन में उसका डंक पूरी ताकत से ज़्यादा मात्रा में ज़हर छोड़ता है.
सांप कैसे इतना लंबा बैठ सकते हैं?
सांपों का मेटाबॉलिज्म बहुत धीमा होता है. बिना खाए-पीए हफ्तों, कभी-कभी महीनों तक रह सकते हैं. पाचन के समय वो ज्यादा हिलना नहीं पसंद करते.
कौन से सांप कुंडली नहीं मारते
कोरल स्नेक – ये सांप ज़्यादातर सीधे रहते हैं. तेजी से रेंगते हैं. खतरे की स्थिति में कभी-कभार शरीर को आड़ा-तिरछा कर लेते हैं, लेकिन बाकायदा गोल कुंडली नहीं बनाते.
सी-स्नेक्स – पानी में रहने वाले ये सांप ज़्यादातर सीधे-सीधे तैरते हैं. पानी में कुंडली मारना उनकी आदत में नहीं होता. हां, अगर कहीं चट्टानों या कोरल रीफ में आराम कर रहे हों, तो हल्की-फुल्की लचक दिखा सकते हैं.
वाइन स्नेक – ये पतले-लंबे और लता जैसे दिखने वाले सांप होते हैं. ये ज्यादातर शाखाओं में लटके या सीधे फैले रहते हैं, कुंडली मारना इनकी आदत नहीं होती.
फ्लाइंग स्नेक – जो कभी-कभी पेड़ों से छलांग लगाकर फड़फड़ाते हुए फिसलते हैं. उड़ने की इस तकनीक में ये लहरदार शरीर बनाते हैं, कभी कुंडली नहीं मारते.
ये क्यों कुंडली नहीं लगाते
इन सांपों का शिकार करने का तरीका अलग होता है. ये शिकार को ज़हर से तुरंत मार देते हैं, तो कुछ छिपने और भागने में तेज होते हैं. कुछ सांप ज़्यादा ताकतवर नहीं होते, इसलिए कुंडली मारने की ज़रूरत नहीं पड़ती.
क्या अजगर भी कुंडली लगाता है
हां, अजगर तो सांप से ज्यादा देर तक कुंडली मारकर बैठ सकता है. उसकी कुंडली बहुत पॉवरफुल होती है. इसमें अगर वो किसी को जकड़ तो वो सांस लेने लायक भी नहीं रह जाता. उसकी हड्डियों का चूरमा बन सकता है.
बिना हिले डुले 6-7 दिनों तक
इंडोनेशिया और थाईलैंड के जंगलों में मिलने वाले अजगर शिकार के बाद 6-7 दिन तक एक ही जगह कुंडली मारकर आराम करते हैं. तब वो ना हिलते हैं ना डुलते हैं. बस अपनी कुंडली में लिपटे रहते हैं. पाचन की प्रक्रिया में अजगर अक्सर 5-10 दिन तक बिना हिले-डुले कुंडली मारकर बैठा रहता है.
सांपों में सबसे ज्यादा ताकत और रणनीति के साथ कुंडली वही मारता है.
अजगर कई बार बड़े-बड़े पेड़ों के नीचे, गुफाओं में या झाड़ियों में घंटों, कभी-कभी दिनों तक कुंडली मारकर आराम करता है. वो इतना बड़ा और ताकतवर होता है कि खुद को ऐसे मोड़ कर कुंडली बना सकता है. अजगर कभी-कभी खुद को कुंडली में लपेटकर सोता भी है, खासकर सर्दी में या पाचन के दौरान, ताकि शरीर की गर्मी बनी रहे.