Last Updated:December 19, 2025, 07:37 IST
ममता बनर्जी ने अपनी कर्मश्री योजना के नाम में बापू जोड़ने का फैसला किया है.Mamata Banerjee: अगले साल मार्च-अप्रैल में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ी चाल चली है. उन्होंने केंद्र सरकार के विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल का सीधा जवाब देते हुए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि राज्य की ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ‘कर्मश्री’ का नाम अब महात्मा गांधी के नाम पर रखा जाएगा. यह घोषणा गुरुवार को बंगाल बिजनेस एंड इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में की गई.
ममता बनर्जी ने यह घोषणा ठीक उसी दिन की जब केंद्र सरकार ने मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाकर इसे VB-G RAM G में बदल दिया. ममता बनर्जी ने बिना भाजपा का नाम लिए तीखा हमला बोला और कहा कि अगर कुछ राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान नहीं दिखा पाते, तो हम दिखाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि मैं शर्मिंदगी महसूस करती हूं कि उन्होंने मनरेगा कार्यक्रम से महात्मा गांधी का नाम हटाने का फैसला किया, क्योंकि मैं भी इसी देश की हूं. हम राष्ट्रपिता को भी भूल रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि गांधीजी का नाम हटाना उन्हें गहरी शर्म से भर देता है. ममता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी पोस्ट किया कि गांधीजी के नाम को हटाना मुझे गहरी शर्म से भर देता है. हम केवल सम्मान चाहते हैं. और अगर कुछ लोग उन्हें सम्मान देना नहीं जानते, तो हम दिखाएंगे कि सच्चा सम्मान क्या होता है.
बंगाल सरकार अपने फंड से चलाती है कर्मश्री योजना
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपनी कर्मश्री योजना अपने फंड से चला रही है. हमने कर्मश्री के तहत बहुत सारे वर्कडे बनाए हैं. केंद्र का फंड बंद हो जाए तो भी हम लोगों को काम देंगे. हम भिखारी नहीं हैं. पश्चिम बंगाल में 2024 में शुरू हुई कर्मश्री योजना ने 90 लाख से अधिक जॉब कार्ड धारकों को 101.5 करोड़ व्यक्ति-दिवस का काम प्रदान किया है. यह योजना राज्य की अपनी पहल है, जो केंद्र के मनरेगा फंड में कटौती के बाद शुरू की गई.
कर्मश्री मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अकुशल मजदूरों को रोजगार देती है और राज्य के विभिन्न विभागों के कार्यों से जुड़ी है. ममता ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना के तहत काम के दिनों को बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि लोगों को और अधिक रोजगार मिल सके. केंद्र का VB-G RAM G बिल मनरेगा की जगह ले रहा है, जो 100 दिनों की जगह 125 दिनों का रोजगार गारंटी देता है, लेकिन विपक्ष इसे गांधीजी का अपमान और राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डालने वाला बता रहा है.
ममता का यह कदम न केवल राजनीतिक जवाब है, बल्कि गांधीजी के प्रति सम्मान दिखाने का प्रतीक भी माना जा रहा है. राज्य सरकार जल्द ही विधानसभा में बिल लाकर कर्मश्री का नाम आधिकारिक रूप से महात्मा गांधी से जोड़ेगी. यह फैसला बंगाल की राजनीति में नई बहस छेड़ सकता है, जहां तृणमूल कांग्रेस केंद्र की नीतियों का लगातार विरोध करती रही है.
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न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
First Published :
December 19, 2025, 07:37 IST

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