अमेरिका भेजने का ‘गारंटी मॉडल, डंकी रूट केस में ED को कितना मिला 'खजाना'

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Last Updated:December 19, 2025, 13:31 IST

Donkey Route Case News: डंकी रूट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जालंधर जोन द्वारा पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 13 ठिकानों पर की गई तलाशी में मामले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य और अहम खुलासे सामने आए हैं. ईडी की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि दिल्ली स्थित एक ट्रैवल एजेंट के परिसरों से करीब 4.62 करोड़ रूपये नकद, 313 किलोग्राम चांदी और 6 किलोग्राम सोने के बुलियन बरामद किए गए हैं. जब्त की गई नकदी और कीमती धातुओं की कुल अनुमानित कीमत लगभग ₹19.13 करोड़ बताई जा रही है। इसके अलावा, डंकी रूट से जुड़े अन्य व्यक्तियों के साथ चैट्स और अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य भी मिले हैं.

अमेरिका भेजने का ‘गारंटी मॉडल, डंकी रूट केस में ED को कितना मिला 'खजाना'डंकी रूट केस में ईडी ने भारी मात्रा में कैश, सोना और चांदी बरामद की है.

नई दिल्ली/जालंधर. अवैध तरीके से विदेश भेजने वाले डंकी रूट नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी चोट की है. 18 दिसंबर 2025 को ईडी के जालंधर जोन ने पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में एक साथ 13 ठिकानों पर छापेमारी की. इस कार्रवाई में एजेंसी के हाथ ऐसा खजाना लगा है, जिसने पूरे नेटवर्क की गहराई और पैसों के खेल को बेनकाब कर दिया है.

रेड में क्या-क्या मिला?
ईडी की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि दिल्ली स्थित एक ट्रैवल एजेंट के परिसरों से ₹4.62 करोड़ नकद, 313 किलोग्राम चांदी, 6 किलोग्राम सोने के बुलियन बरामद किए गए हैं. जब्त नकदी और कीमती धातुओं की कुल अनुमानित कीमत करीब ₹19.13 करोड़ बताई जा रही है. इसके अलावा डंकी रूट से जुड़े लोगों के साथ चैट्स, डिजिटल डेटा और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी हाथ लगे हैं, जो पूरे रैकेट की कड़ियां जोड़ते हैं.

उम्मीदवारों की संपत्ति रखी जाती थी ‘गारंटी’ में
जांच का सबसे चौंकाने वाला खुलासा हरियाणा से हुआ है. यहां एक प्रमुख डंकी नेटवर्क संचालक के ठिकानों से ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चला कि आरोपी मेक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजने का इंतजाम करता था. इतना ही नहीं, मोटी रकम वसूलने के साथ-साथ उम्मीदवारों की जमीन-जायदाद के कागजात भी अपने पास गारंटी के तौर पर रखता था, ताकि पैसा डूबने का कोई खतरा न रहे.

मोबाइल, दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त
तलाशी अभियान के दौरान अन्य संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों से भी आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं. इन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए जब्त कर लिया गया है. ईडी का कहना है कि इन सबूतों से नेटवर्क के दूसरे और तीसरे स्तर तक पहुंचने में मदद मिलेगी.

डंकी रूट केस में ईडी ने 5 करोड़ रुपये का कैश बरामद किया है

कैसे शुरू हुई ईडी की जांच?
ईडी ने यह जांच फरवरी 2025 में शुरू की थी. इसकी वजह वह घटना बनी जब अमेरिकी सेना के कार्गो विमान से 330 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया. इन मामलों से जुड़ी विभिन्न एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच शुरू की और धीरे-धीरे सामने आया कि इन लोगों को डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजा गया था.

पूरा नेटवर्क कैसे काम करता था?
ईडी की जांच में सामने आया है कि यह एक जटिल और बहु-स्तरीय नेटवर्क था, जिसमें शामिल थे ट्रैवल एजेंट, स्थानीय बिचौलिये, ‘डोंकर’ (रास्ते पर ले जाने वाले एजेंट), विदेशी सहयोगी, हवाला ऑपरेटर, ठहरने और लॉजिस्टिक व्यवस्था करने वाले लोग, पहले की गई दो तलाशी कार्रवाइयों और जांच में जुटाए गए साक्ष्यों से नेटवर्क की दूसरी और तीसरी परत के नाम सामने आए थे. ताजा रेड में इन्हीं लोगों और संस्थाओं को कवर किया गया.

किन-किन पर हुई कार्रवाई?
जिन व्यक्तियों/संस्थाओं के ठिकानों पर तलाशी ली गई, उनमें प्रमुख रूप से रिची ट्रैवल्स, जालंधर, तरुण खोसला, दिल्ली, बलवान शर्मा, पानीपत शामिल हैं.

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

December 19, 2025, 13:31 IST

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अमेरिका भेजने का ‘गारंटी मॉडल, डंकी रूट केस में ED को कितना मिला 'खजाना'

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