सायरन बजते ही गुलजार हो जाती हैं रातें, लोग पूछने लगते हैं हालचाल, पर क्‍यों?

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Last Updated:December 19, 2025, 13:30 IST

Digital Detox: आज के दिन स्‍मार्टफोन या इंटरनेट के बिना एक पल की कल्‍पना भी नहीं की जा सकती है. बैंक से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक के लिए मोबाइल फोन और लैपटॉप अहम हो चुके हैं. टीवी सीरियल्‍स देखे बिना तो कई लोगों की शाम ही नहीं बीतती है. इससे थोड़ी देर के लिए लोगों को राहत दिलाने के लिए कर्नाटक के एक गांव में इनोवेटिव कदम उठाया गया है.

सायरन बजते ही गुलजार हो जाती हैं रातें, लोग पूछने लगते हैं हालचाल, पर क्‍यों?Digital Detox: डिजिटल डिटॉक्‍स पहल के तहत कर्नाटक के हलागा गांव में हर दिन शाम को 7 से 9 बजे तक टीवी, मोबाइल, लैपटॉप आदि का इस्‍तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

Digital Detox: बुजुर्ग, नेक्‍स्‍ट जेनरेशन के साथ ही समाज को सही दशा और दिशा देना सिर्फ सरकार का काम नहीं है. आमलोग यदि ठान ले कि समाज में पॉजिटिव चेंज लाना है तो फिर किसी बड़े समाज सुधारक की जरूरत नहीं पड़ती है. 21वीं सदी में टीवी, स्‍मार्टफोन और इंटरनेट के बिना सामान्‍य जीवन की कल्‍पना नहीं की जा सकती है. मॉडर्न गैजेट और अन्‍य सुविधाओं से कई समस्‍याओं का समाधान हुआ तो उनकी जगह पर कुछ समस्‍याएं भी उभर आई हैं. खासकर इंटरनेट सर्विसेज ने सामान्‍य जनजीवन को आसान और सुलभ बना दिया है. फर्ज कीजिए ये सुविधाएं कुछ घंटों के लिए छिन जाए तो क्‍या होगा? कर्नाटक के एक गांव में कुछ ऐसा ही हो रहा है. हर दिन शाम को दो घंटे के लिए टीवी, लैपटॉप, स्‍मार्टफोन आदि बंद कर दिए जाते हैं. इसके साथ ही डिजिटल डिटॉक्‍स (Digital Detox) का दौर शुरू हो जाता है. कर्नाटक का यह गांव अपने इनोवेटिव इनिशिएटिव के लिए देशभर में मशहूर हो गया है.

दरअसल, कर्नाटक के बेलगावी जिले से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित हलागा गांव ने एक अनोखी पहल की है. यहां अब हर दिन शाम 7 बजे से 9 बजे तक टीवी, मोबाइल, लैपटॉप और टैबलेट की स्क्रीन पूरी तरह बंद रहती है. इस दौरान न कोई टीवी सीरियल चलता है और न ही मोबाइल की घंटियां सुनाई देती हैं. इस पहल को ‘डिजिटल डिटॉक्स’ नाम दिया गया है. हलागा कर्नाटक का पहला गांव बन गया है, जहां यह व्यवस्था लागू की गई है. बुधवार 17 दिसंबर 225 से इस सामुदायिक पहल की औपचारिक शुरुआत हुई. शाम ठीक 7 बजे एक तेज सायरन बजता है, जिसके बाद गांव भर की सभी स्क्रीन बंद हो जाती हैं. इसका सीधा असर करीब 500 स्कूली बच्चों पर पड़ता है, जो इस समय खेल के मैदान से घर लौटकर पढ़ाई में लग जाते हैं. वहीं बुजुर्गों और परिवार के अन्य सदस्यों को भी आपस में बातचीत करने और पड़ोसियों से मिलने का मौका मिलता है.

नो टीवी, नो मोबाइल, जस्ट स्टडी एंड कन्वर्सेशन

इस पहल का नाम रखा गया है- नो टीवी, नो मोबाइल, जस्ट स्टडी एंड कन्वर्सेशन. इसका मुख्य उद्देश्य शाम के समय को पढ़ाई और पारिवारिक संवाद के लिए वापस पाना है. आज के दौर में बढ़ते स्क्रीन टाइम के कारण बच्चों की पढ़ाई और सामाजिक संबंध प्रभावित हो रहे हैं. गांव के लोगों का मानना है कि दो घंटे का यह डिजिटल ब्रेक बच्चों की एकाग्रता और परिवार के साथ जुड़ाव बढ़ाने में मदद करेगा. ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल डिटॉक्स कार्यक्रम का उद्घाटन ग्राम पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी गजपति ने किया. यह पहल महाराष्ट्र के सांगली जिले के अग्रण धुलगांव गांव से प्रेरित है, जहां 2022 में इसी तरह का प्रयोग किया गया था. कोविड लॉकडाउन के बाद शुरू हुई उस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी, क्योंकि उससे छात्रों की पढ़ाई की आदतों में सकारात्मक बदलाव देखा गया.

छात्रों का औसत से बेहतर परफॉर्मेंस

लगभग 12 हजार की आबादी वाले कर्नाटक के इस गांव में दो सरकारी और दो निजी स्कूल हैं. इन चारों स्कूलों में कुल करीब 500 छात्र पढ़ते हैं. गांव के स्कूलों का परीक्षा परिणाम औसत से बेहतर रहा है. पूर्व ग्राम पंचायत अध्यक्ष गणपत मरिहालकर ने बताया कि पंचायत का उद्देश्य शुरू से ही पढ़ाई को प्राथमिकता देना रहा है. उन्होंने कहा कि पंचायत हर साल अपने फंड से करीब 2.5 लाख रुपये गांव के दोनों सरकारी स्कूलों को मजबूत करने में खर्च करती है. डिजिटल डिटॉक्स के समय को लेकर भी खास सोच रखी गई है.

सोच समझकर तय किया गया है समय

सामाजिक कार्यकर्ता अनिल शिंदे ने बताया कि शाम 7 से 9 बजे का समय टीवी सीरियल और मनोरंजन कार्यक्रमों का सबसे व्यस्त समय होता है. इसी दौरान बच्चों का ध्यान सबसे ज्यादा भटकता है. इसलिए यही समय चुना गया, ताकि distractions कम हों और पढ़ाई व बातचीत को बढ़ावा मिले. गांववासियों को उम्मीद है कि यह पहल बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाएगी और समाज में आपसी संवाद को फिर से मजबूत करेगी. हलगाँव की यह कोशिश अब दूसरे गांवों के लिए भी मिसाल बन सकती है.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

Location :

Bangalore,Karnataka

First Published :

December 19, 2025, 13:30 IST

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